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LNMU में इसरो चला रहा मुफ्त शॉर्ट टर्म कोर्स, यहां सैटेलाइट से छात्रों को पढ़ाते हैं वैज्ञानिक - LMNU

इसरो के संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग देहरादून के माध्यम से यहां भूकंप, भू-स्खलन, पर्यावरण प्रदूषण और बाढ़ जैसे विषयों को ध्यान में रख कर कोर्स चलाए जा रहे हैं. ये कोर्सेज मुफ्त हैं. इसरो शार्ट टर्म के मुफ्त कोर्स चलाता है.

इसरो के साथ कोर्सेज का करार करने वाला बिहार का पहला विवि
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Published : Aug 12, 2019, 11:53 PM IST

दरभंगा: भारत के चंद्रयान और मंगलयान मिशन के लिये दुनिया भर में प्रसिद्धि बटोरने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' ने देश के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की वैज्ञानिक शिक्षा देने का भी बीड़ा उठाया है. इसके तहत इसरो के वैज्ञानिक विवि के छात्र-छात्राओं से शिक्षा उपग्रह एडुसैट के माध्यम से सीधे जुड़ रहे हैं. ललित नारायण मिथिला विवि बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है. जहां के भूगोल विभाग में इसरो के मुफ्त कोर्स चल रहे हैं. इनमे छात्र-छात्राएं विज्ञान के जटिल विषयों की बारीकियां को वैज्ञानिकों से समझते हैं.

एलएनएमयू बना इसरो के साथ करार करने वाला बिहार का पहला विवि

मुफ्त कोर्स चलाता है इसरो
इसरो का कोर्स कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी छात्रा राधा कुमारी बताती है कि इसरो के कोर्स को करते हुए उसे वैज्ञानिकों से सीधे सवाल करने का मौका मिला. इससे वह बेहद रोमांचित है. इस कोर्स को करने से उसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. यह सर्टिफिकेट उसके करियर के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. विवि भूगोल में इसरो के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि इसरो के संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के माध्यम से यहां भूकंप, भू-स्खलन, पर्यावरण प्रदूषण और बाढ़ जैसे विषयों को ध्यान में रख कर कोर्स चलाए जा रहे हैं. ये कोर्सेज मुफ्त हैं. इसरो शार्ट टर्म के मुफ्त कोर्स चलाता है.

Darbhanga news
सैटेलाइट के जरिए छात्रों को पढ़ाते वैज्ञानिक

इसरो के साथ करार करने वाला पहला विवि
वहीं, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. जयानंद मिश्र ने कहा कि इसरो के साथ जुड़ना भूगोल विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है. यहां दूसरे विषयों के छात्र-छात्राएं भी इसरो का कोर्स कर रहे हैं. इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है. विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने इस कोर्स को छात्र-छात्राओं के करियर के लिये बहुत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में ही विवि ने इस बड़ी उपलब्धि को पाया है. यह बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है जिसके साथ इसरो ने कोर्सेज का करार किया है.

दरभंगा: भारत के चंद्रयान और मंगलयान मिशन के लिये दुनिया भर में प्रसिद्धि बटोरने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' ने देश के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की वैज्ञानिक शिक्षा देने का भी बीड़ा उठाया है. इसके तहत इसरो के वैज्ञानिक विवि के छात्र-छात्राओं से शिक्षा उपग्रह एडुसैट के माध्यम से सीधे जुड़ रहे हैं. ललित नारायण मिथिला विवि बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है. जहां के भूगोल विभाग में इसरो के मुफ्त कोर्स चल रहे हैं. इनमे छात्र-छात्राएं विज्ञान के जटिल विषयों की बारीकियां को वैज्ञानिकों से समझते हैं.

एलएनएमयू बना इसरो के साथ करार करने वाला बिहार का पहला विवि

मुफ्त कोर्स चलाता है इसरो
इसरो का कोर्स कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी छात्रा राधा कुमारी बताती है कि इसरो के कोर्स को करते हुए उसे वैज्ञानिकों से सीधे सवाल करने का मौका मिला. इससे वह बेहद रोमांचित है. इस कोर्स को करने से उसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. यह सर्टिफिकेट उसके करियर के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. विवि भूगोल में इसरो के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि इसरो के संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के माध्यम से यहां भूकंप, भू-स्खलन, पर्यावरण प्रदूषण और बाढ़ जैसे विषयों को ध्यान में रख कर कोर्स चलाए जा रहे हैं. ये कोर्सेज मुफ्त हैं. इसरो शार्ट टर्म के मुफ्त कोर्स चलाता है.

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सैटेलाइट के जरिए छात्रों को पढ़ाते वैज्ञानिक

इसरो के साथ करार करने वाला पहला विवि
वहीं, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. जयानंद मिश्र ने कहा कि इसरो के साथ जुड़ना भूगोल विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है. यहां दूसरे विषयों के छात्र-छात्राएं भी इसरो का कोर्स कर रहे हैं. इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है. विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने इस कोर्स को छात्र-छात्राओं के करियर के लिये बहुत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में ही विवि ने इस बड़ी उपलब्धि को पाया है. यह बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है जिसके साथ इसरो ने कोर्सेज का करार किया है.

Intro:दरभंगा। भारत के चंद्रयान और मंगलयान मिशन के लिये दुनिया भर में प्रसिद्धि बटोरने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' ने देश के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की वैज्ञानिक शिक्षा देने का भी बीड़ा उठाया है। इसके तहत इसरो के वैज्ञानिक विवि के छात्र-छात्राओं से शिक्षा उपग्रह एडुसैट के माध्यम से सीधे जुड़ रहे हैं। ललित नारायण मिथिला विवि बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है जहां के भूगोल विभाग में इसरो के मुफ्त कोर्स चल रहे हैं। इनमे छात्र-छात्राएं विज्ञान के जटिल विषयों की बारीकियां वैज्ञानिकों से समझते हैं।


Body:इसरो का कोर्स कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी छात्रा राधा कुमारी बताती है कि इसरो के कोर्स को करते हुए उसे वैज्ञानिकों से सीधे सवाल करने का मौका मिला। इससे वह बेहद रोमांचित है। इस कोर्स को करने से उसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। यह सर्टिफिकेट उसके कॅरिअर के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।
विवि भूगोल में इसरो के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि इसरो के संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के माध्यम से यहां भूकंप, भू-स्खलन, पर्यावरण प्रदूषण और बाढ़ जैसे विषयों को ध्यान में रख कर कोर्स चलाए जा रहे हैं। ये कोर्सेज मुफ्त हैं। इसरो शार्ट टर्म के मुफ्त कोर्स चलाता है।
वहीं, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. जयानंद मिश्र ने कहा कि इसरो के साथ जुड़ना भूगोल विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है। यहां दूसरे विषयों के छात्र-छात्राएं भी इसरो का कोर्स कर रहे हैं। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है।


Conclusion:विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने इस कोर्स को छात्र-छात्राओं के कॅरिअर के लिये बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में ही विवि ने इस बड़ी उपलब्धि को पाया है और बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है जिसके साथ इसरो ने कोर्सेज का करार किया है।

बाइट 1- राधा कुमारी, छात्रा
बाइट 2- डॉ. मनु राज शर्मा, कोर्स को-ऑर्डिनेटर
बाइट 3- डॉ. जयानंद मिश्र, विभागाध्यक्ष, भूगोल
बाइट 4- प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह, कुलपति, एलएनएमयू

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा

नोट- ये खबर पैकेज फॉर्मेट में भी भेजी जा रही है.
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