दरभंगा: भारत के चंद्रयान और मंगलयान मिशन के लिये दुनिया भर में प्रसिद्धि बटोरने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' ने देश के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की वैज्ञानिक शिक्षा देने का भी बीड़ा उठाया है. इसके तहत इसरो के वैज्ञानिक विवि के छात्र-छात्राओं से शिक्षा उपग्रह एडुसैट के माध्यम से सीधे जुड़ रहे हैं. ललित नारायण मिथिला विवि बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है. जहां के भूगोल विभाग में इसरो के मुफ्त कोर्स चल रहे हैं. इनमे छात्र-छात्राएं विज्ञान के जटिल विषयों की बारीकियां को वैज्ञानिकों से समझते हैं.
मुफ्त कोर्स चलाता है इसरो
इसरो का कोर्स कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी छात्रा राधा कुमारी बताती है कि इसरो के कोर्स को करते हुए उसे वैज्ञानिकों से सीधे सवाल करने का मौका मिला. इससे वह बेहद रोमांचित है. इस कोर्स को करने से उसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. यह सर्टिफिकेट उसके करियर के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. विवि भूगोल में इसरो के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि इसरो के संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के माध्यम से यहां भूकंप, भू-स्खलन, पर्यावरण प्रदूषण और बाढ़ जैसे विषयों को ध्यान में रख कर कोर्स चलाए जा रहे हैं. ये कोर्सेज मुफ्त हैं. इसरो शार्ट टर्म के मुफ्त कोर्स चलाता है.
इसरो के साथ करार करने वाला पहला विवि
वहीं, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. जयानंद मिश्र ने कहा कि इसरो के साथ जुड़ना भूगोल विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है. यहां दूसरे विषयों के छात्र-छात्राएं भी इसरो का कोर्स कर रहे हैं. इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है. विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने इस कोर्स को छात्र-छात्राओं के करियर के लिये बहुत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में ही विवि ने इस बड़ी उपलब्धि को पाया है. यह बिहार का ऐसा पहला विवि बन गया है जिसके साथ इसरो ने कोर्सेज का करार किया है.