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ISRO ने सुदूर संवेदन पर एलएनएमयू के छात्रों के लिए शुरू किया ऑनलाइन कोर्स

दरभंगा में इसरो ने ललित नारायण मिथिला विवि के छात्रों के लिए कई मुफ्त ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है. इसमें 27 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है.

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Published : Apr 13, 2020, 8:33 PM IST

दरभंगा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' आउटरीच कार्यक्रम के तहत छात्रों के लिए कई मुफ्त ऑनलाइन कोर्स चला रहा है. इसी के तहत ललित नारायण मिथिला विवि के भूगोल विभाग में सुदूर संवेदन की प्रक्रिया और सिद्धांत विषय पर 14 दिवसीय डिजिटल कोर्स की शुरुआत सोमवार से की गई है.

इस कोर्स का संचालन इसरो के देहरादून सेंटर से हो रहा है. छात्र-छात्राओं को उपग्रह से पृथ्वी के भू-भागों की निगरानी की प्रक्रिया पढ़ाई जा रही है. कोर्स पूरा होने के बाद ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी और उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन सर्टिफिकेट दिए जाएंगे.

27 छात्र-छात्राओं ने लिया एडमिशन
कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि इस कोर्स में पीजी भूगोल सेकेंड और फोर्थ सेमेस्टर के 27 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है. ये कोर्स भूगोल विभाग में सैटेलाइट लिंक के माध्यम से चलाया जाता है. लेकिन कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण सभी छात्र-छात्राएं अपने घर से ही इसरो की वेबसाइट लिंक से पढ़ाई कर रहे हैं. साथ ही वे खुद भी अपने घर से कोर्स की ऑनलाइन लिंक दे रहे हैं.

ISRO
ऑनलाइन शुरू किया गया कोर्स

उपग्रहों और सेंसर पर चर्चा को-ऑर्डिनेटर
डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि पहले दिन इसरो के विनय कुमार और मनु मेहता ने विभिन्न प्रकार के उपग्रहों और सेंसर पर चर्चा की. कार्यक्रम में विद्युत चुंबकीय किरणों के विभिन्न बैंडविथ, मल्टी स्पेक्ट्रॉल स्कैनिंग और डाटा कैप्चर पर लेक्चर हुए.

बता दें कि बिहार में पिछले साल इसरो ने सबसे पहले ललित नारायण मिथिला विवि में ही इस तरह के ऑनलाइन कोर्स की शुरुआत की थी. इसके तहत पहले यहां आपदा प्रबंधन और वायु प्रदूषण पर विभिन्न अवधि के पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक चलाए जा चुके हैं.

दरभंगा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' आउटरीच कार्यक्रम के तहत छात्रों के लिए कई मुफ्त ऑनलाइन कोर्स चला रहा है. इसी के तहत ललित नारायण मिथिला विवि के भूगोल विभाग में सुदूर संवेदन की प्रक्रिया और सिद्धांत विषय पर 14 दिवसीय डिजिटल कोर्स की शुरुआत सोमवार से की गई है.

इस कोर्स का संचालन इसरो के देहरादून सेंटर से हो रहा है. छात्र-छात्राओं को उपग्रह से पृथ्वी के भू-भागों की निगरानी की प्रक्रिया पढ़ाई जा रही है. कोर्स पूरा होने के बाद ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी और उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन सर्टिफिकेट दिए जाएंगे.

27 छात्र-छात्राओं ने लिया एडमिशन
कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि इस कोर्स में पीजी भूगोल सेकेंड और फोर्थ सेमेस्टर के 27 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है. ये कोर्स भूगोल विभाग में सैटेलाइट लिंक के माध्यम से चलाया जाता है. लेकिन कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण सभी छात्र-छात्राएं अपने घर से ही इसरो की वेबसाइट लिंक से पढ़ाई कर रहे हैं. साथ ही वे खुद भी अपने घर से कोर्स की ऑनलाइन लिंक दे रहे हैं.

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ऑनलाइन शुरू किया गया कोर्स

उपग्रहों और सेंसर पर चर्चा को-ऑर्डिनेटर
डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि पहले दिन इसरो के विनय कुमार और मनु मेहता ने विभिन्न प्रकार के उपग्रहों और सेंसर पर चर्चा की. कार्यक्रम में विद्युत चुंबकीय किरणों के विभिन्न बैंडविथ, मल्टी स्पेक्ट्रॉल स्कैनिंग और डाटा कैप्चर पर लेक्चर हुए.

बता दें कि बिहार में पिछले साल इसरो ने सबसे पहले ललित नारायण मिथिला विवि में ही इस तरह के ऑनलाइन कोर्स की शुरुआत की थी. इसके तहत पहले यहां आपदा प्रबंधन और वायु प्रदूषण पर विभिन्न अवधि के पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक चलाए जा चुके हैं.

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