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दरभंगाः डेंगू से बचने के लिए अस्पताल प्रशासन ने किया अलर्ट जारी - दरभंगा

अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने अलर्ट करते हुए डेंगू वार्ड में समुचित इलाज की व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है.

डीएमसीएच
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Published : Sep 14, 2019, 9:51 AM IST

दरभंगाः जिले में लगातार डेंगू मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. जिसमें से कुछ मरीज दिल्ली व अन्य महानगरों से लौट कर वापस आए हैं, तो कुछ मरीज स्थानीय भी हैं. जो अपने गांव में रहते हुए डेंगू के शिकार हो गए. डीएमसीएच की बात करें तो अब तक एक दर्जन से ज्यादा डेंगू पीड़ितों का इलाज यहां के मेडिसिन विभाग के डेंगू वार्ड में हो चुका है. वहीं डेंगू के मरीजों की संख्याओं को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक ने अलर्ट जारी करते हुए डेंगू वार्ड में समुचित इलाज की व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है.

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अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद

डेंगू वार्ड में चल रहा इलाज
डेंगू पीड़ित राजेश कुमार ने कहा कि 31 अगस्त से लगातार मुझे बुखार लग रहा था. जिसका इलाज गांव में ही चल रहा था. जब बुखार कम नहीं हो रहा था तो वहां के डॉक्टर ने हमें डीएमसीएच रेफर कर दिया. यहां आने पर जांच हुआ तो पता चला कि मुझे डेंगू है. जिसके बाद मेरा इलाज डेंगू वार्ड में चल रहा है.

डेंगू से बचने के लिए, अस्पताल प्रशासन ने किया अलर्ट जारी

मरीजों को लिए अलग से बनाया गया डेंगू वार्ड
वहीं, अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि पिछले साल जब डेंगू का कहर शुरू हुआ था, तो हमने मेडिसिन विभाग में एक वार्ड को चिन्हित कर डेंगू वार्ड बनाया था. इस बार भी जब डेंगू का पहला मरीज आया तो, हमने अलग से डेंगू वार्ड बना दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि अगर मरीजों की संख्या बढ़ती भी है तो वहां पर अतिरिक्त बेड लगाकर उन लोगों का इलाज होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि डेंगू से पीड़ित मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

दरभंगाः जिले में लगातार डेंगू मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. जिसमें से कुछ मरीज दिल्ली व अन्य महानगरों से लौट कर वापस आए हैं, तो कुछ मरीज स्थानीय भी हैं. जो अपने गांव में रहते हुए डेंगू के शिकार हो गए. डीएमसीएच की बात करें तो अब तक एक दर्जन से ज्यादा डेंगू पीड़ितों का इलाज यहां के मेडिसिन विभाग के डेंगू वार्ड में हो चुका है. वहीं डेंगू के मरीजों की संख्याओं को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक ने अलर्ट जारी करते हुए डेंगू वार्ड में समुचित इलाज की व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है.

darbhanga
अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद

डेंगू वार्ड में चल रहा इलाज
डेंगू पीड़ित राजेश कुमार ने कहा कि 31 अगस्त से लगातार मुझे बुखार लग रहा था. जिसका इलाज गांव में ही चल रहा था. जब बुखार कम नहीं हो रहा था तो वहां के डॉक्टर ने हमें डीएमसीएच रेफर कर दिया. यहां आने पर जांच हुआ तो पता चला कि मुझे डेंगू है. जिसके बाद मेरा इलाज डेंगू वार्ड में चल रहा है.

डेंगू से बचने के लिए, अस्पताल प्रशासन ने किया अलर्ट जारी

मरीजों को लिए अलग से बनाया गया डेंगू वार्ड
वहीं, अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि पिछले साल जब डेंगू का कहर शुरू हुआ था, तो हमने मेडिसिन विभाग में एक वार्ड को चिन्हित कर डेंगू वार्ड बनाया था. इस बार भी जब डेंगू का पहला मरीज आया तो, हमने अलग से डेंगू वार्ड बना दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि अगर मरीजों की संख्या बढ़ती भी है तो वहां पर अतिरिक्त बेड लगाकर उन लोगों का इलाज होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि डेंगू से पीड़ित मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

Intro:दरभंगा सहित आसपास के जिलों में लगातार डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसमे से कुछ मरीज दिल्ली व अन्य महानगरों से लौट कर वापस आए मरीज है, तो कुछ मरीज स्थानीय भी है। जो अपने गांव में रहते ही डेंगू के शिकार हो गए। डीएमसीएच की बात करे तो अब तक एक दर्जन से ज्यादा डेंगू पीड़ितों का इलाज यहां के मेडिसिन विभाग के डेंगू वार्ड में हो चुका है। साथ ही अभी भी अस्पताल में आधा दर्जन मरीज का इलाज चल रहा है। जिसमे से 5 मरीज को यहां पर रहते हुआ है तथा एक मरीज डेंगू मुम्बई में हुआ था। वही डेंगू के मरीज को संख्याओं देखते हुए अस्पताल अधीक्षक ने अलर्ट करते हुए डेंगू वार्ड में समुचित इलाज का व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है। ताकि ताकि डेंगू से पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़े।


Body:वही डेंगू पीड़ित राजेश कुमार ने कहा कि 31 अगस्त से लगातार बुखार हमको लग रहा था। जिसका इलाज गांव में ही चल रहा था। जब बुखार नहीं छूट रहा था तो, वहां के डॉक्टर ने हमें डीएमसीएच रेफर कर दिया। यहां आने पर जांच हुआ तो पता चला कि मुझे डेंगू है। डेंगू निकलने के बाद मेरा इलाज डेंगू वार्ड में चल रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मुझे आखिर डेंगू कैसे हुआ। क्योंकि मैं अपने गांव में व्यवसाय करता हूं और कहीं आता जाता भी नहीं हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमको लगता है कि डेंगू का प्रकोप अब यहां भी फैल रहा है।


Conclusion:वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि पिछले साल जब डेंगू का कहर शुरू हुआ था तो हमने मेडिसिन विभाग में एक वार्ड को चिन्हित कर डेंगू वार्ड बनाया था। इस बार भी जब डेंगू का पहला मरीज आया तो, हमने अलग से डेंगू वार्ड बना दिया है और उसमे अभी 6 मरीजों का इलाज चल रहा है। वही उन्होंने कहा कि अगर मरीजों की संख्या बढ़ती भी है तो वहां पर अतिरिक्त बेड लगाकर उनलोगों का इलाज होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि डेंगू से पीड़ित मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। वहां पर तैनात डॉक्टर मरीजो के प्लेटलेट और बुखार की स्थिति पर नजर बनाकर रखते है। अगर उस दौरान अगर किसी मरीज को प्लेटलेट बहुत ज्यादा कम हो जाता है तो उसे प्लेटलेट चढ़ाकर मेंटेन किया जा रहा है।

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राजेश कुमार, मरीज
डॉ राज रंजन प्रसाद, अधीक्षक
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