दरभंगा: बिहार के सरकारी स्कूलों का हाल किसी से छुपा नहीं है. सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के दावे करती है. लेकिन तमाम दावों की पोल दरभंगा में खुल गई है. यहां प्राथमिक और मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की नई सत्र की पढ़ाई शुरू हो गई है लेकिन अभी तक उन्हें किताब उपलब्ध नहीं करायी गई है. छात्र रोज स्कूल आते हैं और बिना किताब के पढ़कर जाते हैं,जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. विद्यालय में अब तक सरकार की ओर से कक्षा 4, 6, 7 और 8 की किताब उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिसके कारण छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पढ़ें- Purnea News: पूर्णिया में सरकारी स्कूल में चोरी, समाहरणालय से 100 मीटर की दूरी पर हुई घटना
बिना किताब छात्र कर रहे पढ़ाई: शहर के बीचों बीच स्थित प्राथमिक विद्यालय मिश्रटोला दिग्घी पश्चिम के रौशन कुमार, गुड़िया कुमारी ने बताया कि इस बार अभी तक विद्यालय से किताब हम लोगों को नहीं मिला है. पढ़ाई में काफी परेशानियां हो रही है. हम किताब के लिए लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन किताब नहीं मिला है.
"किताब नहीं होने के कारण पढ़ाई करने में बहुत परेशानी होती है. इस कारण क्लास में पढ़ाई भी अच्छी तरह से नहीं हो पाती है. हम लोगों की किताब जल्दी से मुहैया करवाई जाए ताकि पढ़ाई सुचारू ढंग से हो सके."- रौशन कुमार,छात्र
"बहुत परेशानी हो रही है. टीचर बोली किताब आने पर दिया जाएगा."- गुड़िया कुमारी,छात्रा
प्राचार्य ने कही ये बात: वहीं स्कूल के प्राचार्य उमा कुमारी ने बताया कि हमारे स्कूल में वर्ग 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है. विद्यालय में 207 छात्र-छात्राएं का नाम अंकित है, जिसमें से कक्षा 1, 3 और 5 की किताब उपलब्ध है. कक्षा 4, 6, 7 एवं 8 की किताब फिलहाल उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते बच्चों को पढ़ाने में काफी परेशानी हो रही है.
"इस संदर्भ में शिक्षा विभाग को पत्राचार किया गया है लेकिन अभी तक हम लोगों को किताब नहीं मिला है. जैसे ही किताब हम लोगों को मिल जाएगी वैसे ही छात्र-छात्राओं के बीच किताब का वितरण कर दिया जाएगा."- उमा कुमारी, प्राचार्य,प्राथमिक विद्यालय मिश्रटोला दिग्घी पश्चिम
सरकारी स्कूलों का हाल: बता दें कि सत्रा 2018-2019 से बच्चों को किताब खरीदने के लिए राशि दी जाती थी, राशि उनके खातों में डाल दी जाती थी. लेकिन राशि मिलने में काफी देरी होती थी. अप्रैल से सत्र शुरू होता है लेकिन राशि अक्टूबर से लेकर दिसंबर के बीच में वितरित होती थी. इस समस्या को दूर करने के लिए राशि बंद करके किताब उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया लेकिन विद्यार्थियों की परेशानी आजतक दूर नहीं हो सकी.