दरभंगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दरभंगा एम्स को लेकर दिए गए बयान के बाद बिहार का सियासी पारा काफी बढ़ा हुआ है. दरभंगा एम्स को लेकर बीजेपी और महागठबंधन की तरफ से रोज नए-नए बयान आ रहे हैं. इसी कड़ी भाजपा के पूर्व सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सरकार ने जिस समय दरभंगा एम्स के लिए मंजूरी दी थी. उससे पहले दरभंगा डीएमसीएच के सर्वे करने पाया था कि डीएमसीएच परिसर को ही डेवलप कर एम्स बनाया जा सकता है.
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डीएमसीएच की जमीन है अतिक्रमित : हुकुमदेव यादव ने कहा कि डीएमसीएच में अपना इंफ्रास्ट्रक्चर है. साथ ही इसके पास काफी जमीन है. यह दरभंगा जंक्शन के नजदीक है. दरभंगा देश के लगभग सभी मुख्य शहरों से जुड़ा है. वहीं डीएमसीएच की जमीन को चारो तरफ से लोग अतिक्रमित किये हुए हैं. ये सभी लोग बड़े लोग हैं और उनके संबंध राजनीति में बैठे नेताओं से है. अब कौन दल के किस नेता से इन अतिक्रमण करने वाले लोगों का नाता है, यह तो आपलोग पता कर लीजिए.
"यहां जो लोग राजनीति में हैं इनलोगों को कुछ पता नहीं रहता है. यह लोग किसी भी चीच पर गीदड़ के तरह बोलने लगते हैं. मतलब एक नेता कुछ बोला नहीं कि बिना जाने समझे हुआ-हुआ करने लगते हैं. हमलोग सोशलिस्ट पार्टी में कहते थे गीदड़बोली से काम नहीं चलेगा. नेपाल में एक गीदड़ बोला हुआ, तो गंगा किनारे का गीदड़ भी बोलने लगा हुआ-हुआ, लेकिन कोई नहीं पूछता है कि क्या हुआ".- हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व सांसद भाजपा
'यूपी होता तो कब का बन जाता एम्स': हुकुमदेव यादव ने कहा कि DMCH की जमीन को इंक्रोच करने वालों से उस समय दूसरा ग्रुप जो माले वाला था उसने वहां गरीबों के नाम पर कुछ झुग्गी-झोपड़ी बनवाया, इसी के आड़ में बाकी लोगों ने महल भी बना लिया. अगर DMCH की यह जमीन उत्तर प्रदेश में होती तो योगी कब का बुलडोजर चलवा कर इसे ध्वस्त कर दिए होते और यहां पर एम्स बनकर तैयार हो जाता.