पटना: बिहार के पहले एक्सप्रेस वे को लेकर हलचल बढ़ने लगी है. लगभग 190 किलोमीटर लंबे आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे को एनएच का दर्जा मिल चुका है. अब जमीन अधिग्रहण से लेकर पैकेज पर चर्चा शुरू हो गई है. 7700 करोड़ रुपए की लागत से 5 पैकेज में बनने वाली यह बिहार की सबसे बड़ी परियोजना है जो पूरी तरह ग्रीन फील्ड होगी. इसके बन जाने के बाद बिहार के बड़े हिस्से से 4 घंटे में राजधानी पहुंचना संभव हो सकेगा.
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190 किलोमीटर लंबा होगा बिहार का पहला एक्सप्रेस वे
बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में कई एक्सप्रेस वे हैं. कई राज्यों में एक्सप्रेस वे पर काम हो रहा है. बिहार में देर से ही सही, लेकिन 190 किलोमीटर लंबी आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारी है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण 5 फेज में इसे बनाएगा. इस पर 7700 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
5 पैकेज में बनेगा एक्सप्रेस वे
- आमस से शिवरामपुर तक, लंबाई 55 किलोमीटर, खर्च 1073.44 करोड़
- शिवरामपुर से रामनगर तक, लंबाई 54.30 किलोमीटर, खर्च 1066.64 करोड़
- कल्याणपुर से पाल दशहरा तक, लंबाई 45 किलोमीटर, 1150 करोड़
- पाल दशहरा से बेला नवादा तक, लंबाई 44 किलोमीटर, 1534.07 करोड़
- रामनगर से सबलपुर भारतमाला परियोजना के तहत निर्माण
बिहार के पहले एक्सप्रेस वे की मुख्य बातें
- एक्सप्रेस वे को 2024 तक बनाने का लक्ष्य
- 7 जिलों के 239 गांव में जमीन का अधिग्रहण होगा, प्रक्रिया शुरू
- 60 मीटर की चौड़ाई में होगा जमीन अधिग्रहण, 1363 एकड़ जमीन की जरूरत
- आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे को केंद्र ने एनएच-डी 119 का दर्जा दिया
- औरंगाबाद में आमस के निकट नेशनल हाईवे 19 से एक्सप्रेस-वे शुरू होगा
- कच्ची दरगाह, हाजीपुर के कल्याणपुर समस्तीपुर के ताजपुर से होकर दरभंगा में बेला नवादा में एनएच 27 में जाकर समाप्त होगा
- 190 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे के बनने से उत्तर से दक्षिण बिहार के बीच सड़क संपर्कता सुलभ हो जाएगी
- 180 दिनों के भीतर जमीन अधिग्रहण का लक्ष्य तय किया गया
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बिहार के पहले एक्सप्रेस-वे का निर्माण करेगा
- एक्सप्रेस-वे को कच्ची दरगाह बिदुपुर सिक्स लेन पुल से भी जोड़ा जाएगा
- एक्सप्रेस वे के बन जाने के बाद बिहार के बड़े हिस्से से राजधानी पहुंचना 4 घंटे में संभव हो सकेगा
- ग्रीन फील्ड होगी एक्सप्रेसवे परियोजना
बदलाव लाएगा एक्सप्रेस वे
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय पदाधिकारी चंदन वत्स ने कहा कि बिहार में आमस से दरभंगा तक बनने वाले एक्सप्रेस वे से युगांतकारी बदलाव आएगा. बिहार के किसी भी हिस्से से पटना आने में 5 घंटा लगने का लक्ष्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखा है. इस परियोजना के पूरा हो जाने पर राज्य के बड़े हिस्से से 4 घंटे में ही पटना पहुंचना संभव हो सकेगा."
"बिहार के पहले एक्सप्रेस वे की जमीन अधिग्रहण का काम एडवांस स्टेज में है. तीन कैपिटल A का प्रकाशन हो चुका है. इस महीने के अंत तक 3D का प्रकाशन हमलोग तीन फेज के लिए करने की कोशिश कर रहे हैं."- चंदन वत्स, क्षेत्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
"यह एक्सप्रेस वे बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होगा. मुख्यमंत्री ने बिहार में सत्ता संभालने के बाद सड़क निर्माण के क्षेत्र में बहुत काम किया है. बिहार के लोगों के लिए यह एक बड़ा तोहफा होगा."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
समय पर जमीन अधिग्रहण हुआ तो 2024 तक पूरी होगी योजना
बिहार में सड़क निर्माण की योजनाओं में जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या रही है. अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में परेशानी नहीं होगी और हर हाल में इस साल निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इससे पहले कच्ची दरगाह बिदुपुर सिक्स लेन पूरा हो जाएगा. इस परियोजना को सिक्स लेन गंगा ब्रिज से लिंक करना है. बिहार के लिए यह एक बड़ी परियोजना है. राज्य के जिस क्षेत्र से एक्सप्रेस वे गुजरेगा उस क्षेत्र का विकास होगा. इसके साथ ही बिना रोक-टोक के राज्य के बड़े हिस्से से राजधानी पहुंचना आसान हो जाएगा.
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