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दरभंगा : तीनों कृषि कानून रद्द किये जाने की मांग को लेकर किसानों ने निकाला विरोध मार्च - दरभंगा में किसानों का प्रदर्शन

कृषि बिल को रद्द किये जाने की मांग को लेकर जिला किसान काउंसिल के आह्नावन पर शहर में किसान और मजदूरों ने निकाला विरोध मार्च. किसानों ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होता तब तक यह आंदोलन जारी होगा.

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Published : Apr 13, 2021, 1:45 AM IST

दरभंगा: जिला किसान काउंसिल के आह्वान पर तीनों कृषि कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाला कानून बनाने, पंचायत स्तर पर गेहूं की खरीद शुरू करने, पेट्रोल डीजल गैस खाद्य पदार्थ समेत खाद्य में हुए मूल्य वृद्धि वापस लेने, बंद पड़े मिल चालू करने सहित अन्य मांगों को लेकर समाहरणालय पर सत्याग्रह आंदोलन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मजदूरों ने पोलो मैदान से मार्च निकालते हुए सत्याग्रह के जरिए जेल भेजने की मांग की.

ये भी पढ़ें : PMCH के बाद अब DMCH में बड़ी लापरवाही, शौचालय में मिला मरीज का शव, परिजनों ने की तोड़फोड़

किसानों को गुलाम बनाना चाहती है सरकार

किसानों ने कहा कि सरकार हमें गुलाम बनाने की साजिश कर रही है. जिला किसान काउंसिल जिला सचिव श्याम भारती ने कहा कि आज नए कृषि कानून के खिलाफ किसान सत्याग्रह करने आए हैं. हमलोग इस आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि इस कानून को हमलोग मानने के लिए तैयार नहीं है. इस कानून के खिलाफ हमलोग कानून तोड़ेंगे और अपनी गिरफ्तारी देंगे.

सत्याग्रह-जेल भरो अभियान
सत्याग्रह-जेल भरो अभियान

ये भी पढ़ें : दरभंगा में कोरोना वैक्सीन आउट ऑफ स्टॉक, टीका लेने पहुंच रहे लोग परेशान

कानून वापस नहीं होने तक आंदोलन रहेगा जारी

वहीं, उन्होंने कहा कि कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश में ऐतिहासिक किसान आंदोलन चल रहा है और सरकार किसानों के जायज मांगे मानने के लिए तैयार नहीं है. नए कानून के तहत सरकार किसानों को गुलाम बनाने की साजिश कर रही है. क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को परेशानी हो रही है. श्याम भारती ने कहा कि कृषि कानून के जरिए सरकार खाद्य सुरक्षा समाप्त करना चाह रही है. बिहार में आज तो न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार तय करती है. क्रय केंद्र नहीं खुलने के कारण किसान 14 सौ से 15 सौ रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

दरभंगा: जिला किसान काउंसिल के आह्वान पर तीनों कृषि कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाला कानून बनाने, पंचायत स्तर पर गेहूं की खरीद शुरू करने, पेट्रोल डीजल गैस खाद्य पदार्थ समेत खाद्य में हुए मूल्य वृद्धि वापस लेने, बंद पड़े मिल चालू करने सहित अन्य मांगों को लेकर समाहरणालय पर सत्याग्रह आंदोलन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मजदूरों ने पोलो मैदान से मार्च निकालते हुए सत्याग्रह के जरिए जेल भेजने की मांग की.

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किसानों को गुलाम बनाना चाहती है सरकार

किसानों ने कहा कि सरकार हमें गुलाम बनाने की साजिश कर रही है. जिला किसान काउंसिल जिला सचिव श्याम भारती ने कहा कि आज नए कृषि कानून के खिलाफ किसान सत्याग्रह करने आए हैं. हमलोग इस आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि इस कानून को हमलोग मानने के लिए तैयार नहीं है. इस कानून के खिलाफ हमलोग कानून तोड़ेंगे और अपनी गिरफ्तारी देंगे.

सत्याग्रह-जेल भरो अभियान
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कानून वापस नहीं होने तक आंदोलन रहेगा जारी

वहीं, उन्होंने कहा कि कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश में ऐतिहासिक किसान आंदोलन चल रहा है और सरकार किसानों के जायज मांगे मानने के लिए तैयार नहीं है. नए कानून के तहत सरकार किसानों को गुलाम बनाने की साजिश कर रही है. क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को परेशानी हो रही है. श्याम भारती ने कहा कि कृषि कानून के जरिए सरकार खाद्य सुरक्षा समाप्त करना चाह रही है. बिहार में आज तो न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार तय करती है. क्रय केंद्र नहीं खुलने के कारण किसान 14 सौ से 15 सौ रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

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