दरभंगा: जिले के घनश्यामपुर प्रखंड में कमला नदी पर बना रसियारी तटबंध इलाके के लोगों को बाढ़ से बचाता है. पिछले साल की बाढ़ में ये तटबंध 29 जगह से क्षतिग्रस्त हुआ था. इस साल भी मॉनसून ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के कई इलाको में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हैरानी की बात ये है कि स्थानीय प्रशासन अब जागा है और बारीश की शुरुआत में तटबंध के निर्माण का काम शुरु किया है.
हर साल आम लोगों को नुकसान
मिथिलांचल के इलाके में शायद ही कोई साल गुजरता हो जब बाढ़ नहीं आती है. विधायक-सांसद से लेकर मुखिया तक हर साल बाढ़ के स्थायी निदान और इससे मुकाबले के बड़े-बड़े दावे करते हैं. लेकिन, हर साल आम लोगों को जान-माल का बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है.
बाढ़ की दस्तक पर तटबंध की मरम्मती का काम शुरु
इलाके में जब भारी बारिश और बाढ़ ने दस्तक दे दी है, तो अब जाकर जगह-जगह से टूटे इस तटबंध की मरम्मती का काम शुरु हो रहा है. पिछले साल इलाके में भीषण बाढ़ आई थी. इसमें बड़ी आबादी को कठिनाई झेलनी पड़ी थी. हालांकि घनश्यामपुर सीओ का दावा है काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
बाउर गांव का संपर्क टूटा
नेपाल की तराई और मिथिलांचल में हो रही भारी बारिश की वजह से जिले की नदियां उफना रही हैं. इलाके के बाउर गांव का संपर्क पहले ही दूसरे गांवों से कट चुका है. वहीं देवना, पाली, श्यामपुर और रसियारी गांवों के पास भी बाढ़ का पानी जल्द पहुंचने की आशंका बढ़ गई है. ऐसे में लोग सरकार और प्रशासन की तत्परता को लेकर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब बाढ़ दस्तक दे रही है, तब प्रशासन तटबंध की मरम्मती का काम करा कर खानापूर्ति कर रहा है.
अब तक नहीं हुई पिछले साल की बाढ़ में कटे रास्तों की मरम्मती
स्थानीय वरुण कुमार ने कहा कि इस इलाके में बाढ़ हर साल की समस्या है. इससे यहां जान-माल का बड़ा नुकसान होता है. पिछले साल की बाढ़ ने इलाके में बड़ी तबाही मचाई थी, फसलें डूब गई थीं, महीनों तक पूरा इलाका जिला मुख्यालय से कटा रहा था. लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए थे. पिछले साल की बाढ़ में कटे कई रास्तों की मरम्मती आज तक नहीं हो सकी है.
सीओ ने दिया आश्वासन
घनश्यामपुर सीओ दीनानाथ ने स्वीकार किया कि लॉकडाउन की वजह से बांध की मरम्मती में देरी हुई है. उन्होंने कहा कि अब भी बारिश की वजह से मरम्मती में बाधा आ रही है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 29 स्थानों से बांध में रिसाव हो रहा था. इस बार उन सभी स्थानों को चिह्नित कर उनकी मरम्मती की जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दो-चार दिन में ये काम पूरा कर लिया जाएगा.