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DMCH के OPD में चौथे दिन भी लटके रहे ताले, दूर दराज से आ रहे मरीजों को हो रही परेशानी - doctors protest for nmc bill

इलाज कराने आए मरीज के परिजनों का कहना है कि डीएमसीएच में अक्सर हो रहे हड़ताल से आम लोग काफी परेशान हैं. इस हड़ताल के कारण गरीब और लाचार लोगों को होने वाली परेशानी से सरकार और अधिकारी बेखबर हैं.

डीएमसीएच में परेशान मरीज और उसके परिजन
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Published : Aug 5, 2019, 7:27 PM IST

दरभंगा: नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने चौथे दिन भी हड़ताल जारी रखी. इस कारण से ओपीडी में इलाज कराने आये मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हालांकि जूनियर डॉक्टरों में मानवता दिखाते हुए शनिवार की दोपहर से ही इमरजेंसी वॉर्ड को खोल दिया था. जिसके बाद गंभीर मरीजों का इलाज इमरजेंसी में शुरू हो गया है.

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दरभंगा मेडिकल कॉलेज हास्पिटल

OPD बंद होने से वापस लौट रहे मरीज
डीएमसीएच में हड़ताल की वजह से ओपीडी में ताले लटक रहे हैं. यहां की उपचार व्यवस्था चरमरा गई है. ओपीडी को बंद देखकर कुछ मरीज इलाज करवाने निजी अस्पताल चले गये. वहीं, जिनके पास पैसे नहीं थे वैसे मरीज परेशान होकर अपने घर लौट रहे हैं.
इलाज कराने आए मरीज के परिजनों का कहना है कि डीएमसीएच में अक्सर हो रहे हड़ताल से हमलोग काफी परेशान हो गए हैं. हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि निजी क्लिनिक में जाकर इलाज करवा सकें.

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डीएमसीएच में परेशान मरीज के परिजन

बाढ़ के पानी को पार कर इलाज करवाने आते हैं मरीज
जिले के बहरी से अपने बच्चे का इलाज करवाने आई सरिता देवी ने अपना दर्द सुनाते हुए कहा कि हमारे बच्चे को हेपेटाइटिस बी है. डीएमसीएच 4 दिनों से बंद रहने के कारण वापस लौटना पड़ रहा है. हमारे बच्चे की तबीयत बिगड़ती ही जा रही है. हमलोग बाढ़ के पानी को पार कर दोगुना रुपया खर्च कर यहां आते हैं. हमारे पास इतने रुपये नहीं है कि प्राइवेट में जाकर इलाज करवा सकें.

DMCH में हड़ताल के कारण मरीज परेशान

बंद रहेगी OPD सेवा
वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के नरेश सुमन ने कहा एनएमसी बिल पूरी तरह से डॉक्टर के विरोध में है. जिसके विरोध में हम चार दिन से हड़ताल पर हैं. सरकार इस बिल के सहारे चिकित्सा व्यवस्था को चौपट करने में लगी हुई है. क्योंकि इस बिल में कई खामियां हैं. उन्होंने कहा कि मानवता को देखते हुए आपातकालीन सेवा को बहाल कर दिया गया है. लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी.

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इमरजेंसी सेवा बहाल

दरभंगा: नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने चौथे दिन भी हड़ताल जारी रखी. इस कारण से ओपीडी में इलाज कराने आये मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हालांकि जूनियर डॉक्टरों में मानवता दिखाते हुए शनिवार की दोपहर से ही इमरजेंसी वॉर्ड को खोल दिया था. जिसके बाद गंभीर मरीजों का इलाज इमरजेंसी में शुरू हो गया है.

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दरभंगा मेडिकल कॉलेज हास्पिटल

OPD बंद होने से वापस लौट रहे मरीज
डीएमसीएच में हड़ताल की वजह से ओपीडी में ताले लटक रहे हैं. यहां की उपचार व्यवस्था चरमरा गई है. ओपीडी को बंद देखकर कुछ मरीज इलाज करवाने निजी अस्पताल चले गये. वहीं, जिनके पास पैसे नहीं थे वैसे मरीज परेशान होकर अपने घर लौट रहे हैं.
इलाज कराने आए मरीज के परिजनों का कहना है कि डीएमसीएच में अक्सर हो रहे हड़ताल से हमलोग काफी परेशान हो गए हैं. हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि निजी क्लिनिक में जाकर इलाज करवा सकें.

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डीएमसीएच में परेशान मरीज के परिजन

बाढ़ के पानी को पार कर इलाज करवाने आते हैं मरीज
जिले के बहरी से अपने बच्चे का इलाज करवाने आई सरिता देवी ने अपना दर्द सुनाते हुए कहा कि हमारे बच्चे को हेपेटाइटिस बी है. डीएमसीएच 4 दिनों से बंद रहने के कारण वापस लौटना पड़ रहा है. हमारे बच्चे की तबीयत बिगड़ती ही जा रही है. हमलोग बाढ़ के पानी को पार कर दोगुना रुपया खर्च कर यहां आते हैं. हमारे पास इतने रुपये नहीं है कि प्राइवेट में जाकर इलाज करवा सकें.

DMCH में हड़ताल के कारण मरीज परेशान

बंद रहेगी OPD सेवा
वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के नरेश सुमन ने कहा एनएमसी बिल पूरी तरह से डॉक्टर के विरोध में है. जिसके विरोध में हम चार दिन से हड़ताल पर हैं. सरकार इस बिल के सहारे चिकित्सा व्यवस्था को चौपट करने में लगी हुई है. क्योंकि इस बिल में कई खामियां हैं. उन्होंने कहा कि मानवता को देखते हुए आपातकालीन सेवा को बहाल कर दिया गया है. लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी.

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इमरजेंसी सेवा बहाल
Intro:नेशनल मेडिकल कमीशन बिल ( एनएमसी ) के विरोध में डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर का आज चौथे दिन भी हड़ताल जारी रहा। जिसके चलते ओपीडी में इलाज कराने आये मरीजो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जूनियर डॉक्टरों में मानवता को देखते हुए शनिवार की दोपहर से ही केंद्रीय इमरजेंसी वार्ड को खोल दिया है जिसके बाद गंभीर मरीजों का इलाज इमरजेंसी में शुरू हो गया है। हड़ताल की वजह से ओपीडी में लटकते ताले की वजह से यहां की उपचार व्यवस्था चरमरा गई है। लटके ताले देख जिनके पास पैसे थे वैसे मरीज निजी नर्सिंग होम में चले गए जिनके पास पैसे नहीं थे वैसे मरीज परेशान होकर अपने घर लौट रहे है। आलम यह है कि उपचार के अभाव में मरीज और उनके परिजन छटपटा रहे है, तो कोई दर्द से करा रहे थे।


Body:वही डीएमसीएच में इलाज कराने आए परिजनों व मरीजों का कहना है कि डीएमसीएच में अक्सर हो रही हड़ताल से आम लोग आजिज गए हैं। मानवता की फजीहत को देखने वाला कोई नहीं है। इस हड़ताल के दौरान गरीब एवं लाचार लोगों को जो परेशानी उठानी पड़ती है, उसे उससे किसी को कोई मतलब नहीं है। साथी उन लोगों का कहना था कि हम लोग गरीब के पास इतने पैसे नहीं है कि हम निजी क्लिनिक में इलाज करवा सके डीएमसीएच ही हमारा एकमात्र सहारा है उन्होंने कहा कि डॉ को लोग भगवान मानते हैं वही डॉक्टर अगर मरीज का इलाज नहीं करेंगे तो फिर बीमार लोग कहां जाएंगे।




Conclusion:वहीं बहरी से अपने बच्चे की इलाज करवाने आई सरिता देवी देखा कि हमारे बच्चे को हेपेटाइटिस बी है और 4 दिनों से बंद रहने के कारण लौट रही हूँ। हमारे बच्चे का तबीयत दिन-प्रतिदिन बिगड़ता ही जा रहा है। सरकार को भी सोचना चाहिए, कि डॉक्टर लोग क्यों हड़ताल कर रहे हैं और उसका जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए। लोग बहेरी, कुशेश्वर सहित अन्य जगहों से बाढ़ के पानी को पार करके दोगुना रुपया खर्च कर के यहां आते है और हड़ताल के कारण उन्हें लौट कर जाना पड़ता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोगों के पास उतना रुपया नहीं है कि प्राइवेट में जाकर इलाज करवा सके।


वही जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के नरेश सुमन ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पूरी तरह से डॉक्टर के विरोध में है। जिसके विरोध में हमलोग चार दिन से हड़ताल पर है। सरकार इस बिल के सहारे चिकित्सा व्यवस्था को चौपट करने में लगी हुई है। क्योंकि इस बिल में कई सारी त्रुटियां हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि मानवता को देखते हुए आपातकालीन सेवा को बहाल कर दिया गया है। लेकिन जब तक हम लोगों की मांगे पूरी नहीं होती है तब तक ओपीडी सेवाएं बाधित रहेगी ।

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सरिता देवी, परिजन
नरेश सुमन, जूनियर डॉक्टर
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