दरभंगा: डॉ. मोहन मिश्र के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की टीम ने खतरनाक बीमारी अल्जाइमर का तोड़ निकाला है. उनके इस खोज से संबंधित आलेख को लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन्स के जर्नल में प्रकाशित की गई है. साथ ही इस शोध को डब्ल्यूएचओ ने प्राथमिक रजिस्ट्री में पंजीकृत किया है.
अल्जाइमर रोगियों पर कर चुके हैं शोध
इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ. मोहन मिश्र ने बताया कि दुनिया में अब तक अल्जाइमर की कोई कारगर एलोपैथिक दवा नहीं है. इसकी जांच के लिये भी कोई तकनीक अब तक नहीं बनी है. ऐसे में भारतीय जड़ी-बूटी ब्राह्मी पर उनकी इस खोज से रोगियों को बहुत लाभ होगा. उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने ब्राह्मी बूटी से 12 अल्जाइमर रोगियों पर ये शोध किया है. सभी रोगियों में सांख्यिकीय सुधार दिखा है.
WHO ने किया पंजीकृत
अपने शोध के आलेख को उन्होंने लंदन में भी प्रस्तुत किया था. इसके बाद इसे डब्ल्यूएचओ ने पंजीकृत किया. अब उनकी टीम के एक सदस्य डॉ. अजय कुमार मिश्र को दो और तीन सितंबर को रोम में होने वाले यूरो कांग्रेस ऑन डिमेंशिया एंड अल्जाइमर्स डिजीज पर भाषण देने के लिये आमंत्रित किया गया है.
दवा बनाने के लिए करने होंगे कई परीक्षण
डॉ. मिश्र ने बताया कि उनकी शोध को एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में मान्यता और इससे दवा बनाने की अनुमति के लिये कई चरणों के परीक्षण से गुजरना होगा. इसमें इसके लिए संसाधन और पैसों के साथ-साथ समय की भी जरूरत है. इसके लिए उन्होंने सक्षम कंपनियों, संस्थाओं और सरकार से उनकी शोध में शामिल होने की अपील की है.
क्या है अल्जाइमर की बीमारी
बता दें कि अल्जाइमर एक बेहद खतरनाक बीमारी है. इसमें आदमी की स्मृति खत्म हो जाती है. भारत में अल्जाइमर के करीब 40 लाख मरीज हैं. दुनिया भर में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या करीब चार करोड़ है. यह संख्या लगातार बढ़ रही है.