दरभंगा: जिले के समाहरणालय स्थित अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी की मौजूदगी में एक बैठक की गई. इसका मकसद बाढ़ के महीनों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुगम करने का था, ताकि बाढ़ के वक्त बीमार और घायल लोगों की इलाज में कोई कमी नहीं रहे.
सिविल सर्जन को दिया निर्देश
इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि दरभंगा जिला बाढ़ प्रणव क्षेत्र है. इसलिए आगे के दो-तीन महीनों में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरते जाने की जरूरत है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी जीवन रक्षक दवाएं सहित नियमित रूप से सभी चिकित्सक एवं कर्मी अपने कर्तव्य स्थल पर रहें. ताकि बाढ़ के समय बीमार और घायल व्यक्तियों की इलाज में कोई कमी नहीं रह जाए. इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त चिकित्सकों एवं कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है.
कालाजारी रोगियों पर हुई बात
जिले के अस्पतालों में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु का दर अधिक होने पर जिलाधिकारी ने गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु हो जाना निश्चित रूप से चिकित्सीय लापरवाही का नतीजा है. उन्होंने सिविल सर्जन को डिफॉल्टर चिकित्सकों एवं कर्मियों पर जिम्मेवारी तय कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया. वहीं, जिले में 41 कालाजार की रोगियों की मिलने की बात पर भी चिंता जाहिर की.
इन मुद्दों पर हुई समीक्षा
इस बैठक में वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को दिखाया गया. जिसमें नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, आयुष्मान भारत योजना आदि की प्रगति पर समीक्षा की गई. साथ ही एम्बुलेंस, दवाईयों की उपलब्धियों पर चर्चा हुई. बता दें कि इस बैठक में सिविल सर्जन, प्रखंड के सभी प्रभारी एवं जिला के कई अधिकारी मौजूद थे.