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दरभंगा: DM ने की स्वास्थ्य समिति की बैठक, डॉक्टरों की लापरवाही पर दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

इस बैठक में वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को दिखाया गया. जिसमें नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, आयुष्मान भारत योजना आदि की प्रगति पर समीक्षा की गई.

बैठक
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Published : Jun 9, 2019, 8:14 AM IST

दरभंगा: जिले के समाहरणालय स्थित अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी की मौजूदगी में एक बैठक की गई. इसका मकसद बाढ़ के महीनों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुगम करने का था, ताकि बाढ़ के वक्त बीमार और घायल लोगों की इलाज में कोई कमी नहीं रहे.

सिविल सर्जन को दिया निर्देश
इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि दरभंगा जिला बाढ़ प्रणव क्षेत्र है. इसलिए आगे के दो-तीन महीनों में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरते जाने की जरूरत है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी जीवन रक्षक दवाएं सहित नियमित रूप से सभी चिकित्सक एवं कर्मी अपने कर्तव्य स्थल पर रहें. ताकि बाढ़ के समय बीमार और घायल व्यक्तियों की इलाज में कोई कमी नहीं रह जाए. इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त चिकित्सकों एवं कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है.

DM ने की स्वास्थय समिति की बैठक

कालाजारी रोगियों पर हुई बात
जिले के अस्पतालों में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु का दर अधिक होने पर जिलाधिकारी ने गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु हो जाना निश्चित रूप से चिकित्सीय लापरवाही का नतीजा है. उन्होंने सिविल सर्जन को डिफॉल्टर चिकित्सकों एवं कर्मियों पर जिम्मेवारी तय कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया. वहीं, जिले में 41 कालाजार की रोगियों की मिलने की बात पर भी चिंता जाहिर की.

इन मुद्दों पर हुई समीक्षा
इस बैठक में वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को दिखाया गया. जिसमें नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, आयुष्मान भारत योजना आदि की प्रगति पर समीक्षा की गई. साथ ही एम्बुलेंस, दवाईयों की उपलब्धियों पर चर्चा हुई. बता दें कि इस बैठक में सिविल सर्जन, प्रखंड के सभी प्रभारी एवं जिला के कई अधिकारी मौजूद थे.

दरभंगा: जिले के समाहरणालय स्थित अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी की मौजूदगी में एक बैठक की गई. इसका मकसद बाढ़ के महीनों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुगम करने का था, ताकि बाढ़ के वक्त बीमार और घायल लोगों की इलाज में कोई कमी नहीं रहे.

सिविल सर्जन को दिया निर्देश
इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि दरभंगा जिला बाढ़ प्रणव क्षेत्र है. इसलिए आगे के दो-तीन महीनों में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरते जाने की जरूरत है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी जीवन रक्षक दवाएं सहित नियमित रूप से सभी चिकित्सक एवं कर्मी अपने कर्तव्य स्थल पर रहें. ताकि बाढ़ के समय बीमार और घायल व्यक्तियों की इलाज में कोई कमी नहीं रह जाए. इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त चिकित्सकों एवं कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है.

DM ने की स्वास्थय समिति की बैठक

कालाजारी रोगियों पर हुई बात
जिले के अस्पतालों में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु का दर अधिक होने पर जिलाधिकारी ने गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु हो जाना निश्चित रूप से चिकित्सीय लापरवाही का नतीजा है. उन्होंने सिविल सर्जन को डिफॉल्टर चिकित्सकों एवं कर्मियों पर जिम्मेवारी तय कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया. वहीं, जिले में 41 कालाजार की रोगियों की मिलने की बात पर भी चिंता जाहिर की.

इन मुद्दों पर हुई समीक्षा
इस बैठक में वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को दिखाया गया. जिसमें नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, आयुष्मान भारत योजना आदि की प्रगति पर समीक्षा की गई. साथ ही एम्बुलेंस, दवाईयों की उपलब्धियों पर चर्चा हुई. बता दें कि इस बैठक में सिविल सर्जन, प्रखंड के सभी प्रभारी एवं जिला के कई अधिकारी मौजूद थे.

Intro:दरभंगा समाहरणालय स्थित अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई। जिसमें जिलाधिकारी ने कहा कि दरभंगा जिला बाढ़ प्रणव क्षेत्र है, इसलिए आगे के दो-तीन माह में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरते जाने की जरूरत है। इसलिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी जीवन रक्षक दवाएं सहित नियमित रूप से सभी चिकित्सक एवं कर्मी अपने कर्तव्य स्थल पर रहे। ताकि बाढ़ के समय बीमार एवं घायल व्यक्तियों का की चिकित्सा में किसी प्रकार की समस्या ना हो। वहीं उन्होंने सिविल सर्जन को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त चिकित्सकों एवं कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।

इस बैठक में वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के प्रगति प्रतिवेदन को दिखाया गया। जिसमें नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, आयुष्मान भारत योजना आदि की प्रगति की समीक्षा शामिल था।समीक्षा में आयुष्मान भारत योजना की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई। वहीं जिन प्रखंडों में नियमित टीकाकरण, आईयूसीडी आदि स्वास्थ्य कार्यक्रमों में अपेक्षाकृत कार्य नहीं होने के चलते जिला का औसत प्रतिशत कम रहा। ऐसे खराब प्रदर्शन करने वाले प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने एवं उनके वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश सिविल सर्जन को दिया है।

जिले के अस्पतालों में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु का दर अधिक होने पर जिलाधिकारी द्वारा गंभीर चिंता व्यक्त भी किया गया। उन्होंने कहा कि प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु हो जाना निश्चित रूप से चिकित्सीय लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने सिविल सर्जन को डिफॉल्टर चिकित्सकों एवं कर्मियों पर जिम्मेवारी तय कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वही जिले में 41 कालाजार की रोगियों की मिलने की बात पर चिंता व्यक्त किया। इस अवसर पर सिविल सर्जन, प्रखंड के सभी प्रभारी एवं जिला के कई अधिकारी मौजूद थे।

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