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दरभंगा: सफाई कर्मियों को नौकरी से हटाए जाने से शहर में पसरी गंदगी, बदबू से लोगों का जीना मुहाल - Litter and garbage dump in Darbhanga

बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष शशि कांत मिश्र ने कहा कि वे लोग पिछले 10-15 साल से यहां काम कर रहे थे. सरकार ने एक ही झटके में उन्हें हटा दिया. वे लोग आउटसोर्सिंग के खिलाफ हैं.

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Published : Feb 5, 2020, 10:34 PM IST

दरभंगा: नगर विकास विभाग के आदेश पर दरभंगा नगर निगम के करीब एक हजार दैनिक मजदूर और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटाया गया. जिसके बाद से शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. पिछले 5 दिनों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लग गया है. बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. उधर, नौकरी से हटाए गए सफाई कर्मी नगर निगम परिसर में आंदोलन पर डटे हैं.

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कूड़े-कचरे से पटा शहर

स्थानीय दुकानदार हिमांशु कुमार ने बताया कि सफाई कर्मियों के हटाए जाने के बाद पिछले 5-6 दिनों से उनकी दुकान के सामने गंदगी पसरी है. जानवर घूम रहे हैं. बदबू की वजह से यहां रहना मुश्किल हो गया है. दुकानदारी की वजह से मजबूरी में यहां बैठना पड़ रहा है. वहीं, बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष शशि कांत मिश्र ने कहा कि वे लोग पिछले 10-15 साल से यहां काम कर रहे थे. सरकार ने एक ही झटके में उन्हें हटा दिया. वे लोग आउटसोर्सिंग के खिलाफ हैं. सरकार जब तक उन्हें स्थाई नौकरी नहीं देगी तब तक वे आंदोलन पर डटे रहेंगे और किसी भी कर्मी को सफाई नहीं करने देंगे.

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धरने पर बैठे दैनिक मजदूर

आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए निकाला गया टेंडर
इस मामले में दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि फिलहाल नगर निगम के डेढ़ सौ स्थाई सफाई कर्मियों से सफाई करवाई जा रही है. आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए टेंडर निकाल दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द एजेंसी तय हो जाएगी. आंदोलन कर रहे सफाई कर्मियों के सफाई में बाधा डालने की धमकी पर उन्होंने कहा कि ऐसा होगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने से मना
बता दें कि नगर विकास विभाग के आदेश पर 1 फरवरी से दैनिक मजदूर और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटा दिया गया है. इन्हें आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने को कहा गया है. लेकिन ये लोग आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने से मना कर रहे हैं और विभाग के इस फैसले के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.

दरभंगा: नगर विकास विभाग के आदेश पर दरभंगा नगर निगम के करीब एक हजार दैनिक मजदूर और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटाया गया. जिसके बाद से शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. पिछले 5 दिनों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लग गया है. बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. उधर, नौकरी से हटाए गए सफाई कर्मी नगर निगम परिसर में आंदोलन पर डटे हैं.

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कूड़े-कचरे से पटा शहर

स्थानीय दुकानदार हिमांशु कुमार ने बताया कि सफाई कर्मियों के हटाए जाने के बाद पिछले 5-6 दिनों से उनकी दुकान के सामने गंदगी पसरी है. जानवर घूम रहे हैं. बदबू की वजह से यहां रहना मुश्किल हो गया है. दुकानदारी की वजह से मजबूरी में यहां बैठना पड़ रहा है. वहीं, बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष शशि कांत मिश्र ने कहा कि वे लोग पिछले 10-15 साल से यहां काम कर रहे थे. सरकार ने एक ही झटके में उन्हें हटा दिया. वे लोग आउटसोर्सिंग के खिलाफ हैं. सरकार जब तक उन्हें स्थाई नौकरी नहीं देगी तब तक वे आंदोलन पर डटे रहेंगे और किसी भी कर्मी को सफाई नहीं करने देंगे.

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धरने पर बैठे दैनिक मजदूर

आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए निकाला गया टेंडर
इस मामले में दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि फिलहाल नगर निगम के डेढ़ सौ स्थाई सफाई कर्मियों से सफाई करवाई जा रही है. आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए टेंडर निकाल दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द एजेंसी तय हो जाएगी. आंदोलन कर रहे सफाई कर्मियों के सफाई में बाधा डालने की धमकी पर उन्होंने कहा कि ऐसा होगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने से मना
बता दें कि नगर विकास विभाग के आदेश पर 1 फरवरी से दैनिक मजदूर और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटा दिया गया है. इन्हें आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने को कहा गया है. लेकिन ये लोग आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने से मना कर रहे हैं और विभाग के इस फैसले के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.

Intro:दरभंगा। नगर विकास विभाग के आदेश पर दरभंगा नगर निगम के करीब एक हज़ार दैनिक मज़दूरी और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटाए जाने के बाद शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। पिछले 5 दिनों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लग गया है। बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। उधर, नौकरी से हटाए गए सफाई कर्मी नगर निगम परिसर में आंदोलन पर डटे हैं।


Body:स्थानीय दुकानदार हिमांशु कुमार ने बताया कि सफाई कर्मियों के हटाए जाने के बाद पिछले 5-6 दिनों से उनकी दुकान के सामने गंदगी पसरी है। जानवर घूम रहे हैं। बदबू की वजह से यहां रहना मुश्किल हो गया है। दुकानदारी की वजह से मजबूरी में यहां बैठना पड़ रहा है।

वहीं, बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष शशि कांत मिश्र ने कहा कि वे लोग पिछले 10-15 साल से यहां काम कर रहे थे। सरकार ने एक ही झटके में उन्हें हटा दिया। वे लोग आउटसोर्सिंग के खिलाफ हैं। सरकार जब तक उन्हें स्थाई नौकरी नहीं देगी तब तक वे आंदोलन पर डटे रहेंगे और किसी भी कर्मी को सफाई नहीं करने देंगे।


Conclusion:इस मामले में दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि फिलहाल नगर निगम के डेढ़ सौ स्थाई सफाई कर्मियों से सफाई करवाई जा रही है। आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए टेंडर निकाल दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द एजेंसी तय हो जाएगी। आंदोलित कर्मियों के सफाई में बाधा डालने धमकी पर उन्होंने कहा कि ऐसा होगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि नगर विकास विभाग के आदेश पर पिछली एक फरवरी से दैनिक मज़दूरी और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटा दिया गया। इन्हें आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने को कहा गया है।

बाइट 1- हिमांशु कुमार, स्थानीय दुकानदार.
बाइट 2- शशि कांत मिश्र, राज्य उपाध्यक्ष, कर्मचारी महासंघ.
बाइट 3- घनश्याम मीणा, आयुक्त, दरभंगा नगर निगम.

विजय कुमार श्रीवास्तव
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