दरभंगा: नगर विकास विभाग के आदेश पर दरभंगा नगर निगम के करीब एक हजार दैनिक मजदूर और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटाया गया. जिसके बाद से शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. पिछले 5 दिनों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लग गया है. बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. उधर, नौकरी से हटाए गए सफाई कर्मी नगर निगम परिसर में आंदोलन पर डटे हैं.
स्थानीय दुकानदार हिमांशु कुमार ने बताया कि सफाई कर्मियों के हटाए जाने के बाद पिछले 5-6 दिनों से उनकी दुकान के सामने गंदगी पसरी है. जानवर घूम रहे हैं. बदबू की वजह से यहां रहना मुश्किल हो गया है. दुकानदारी की वजह से मजबूरी में यहां बैठना पड़ रहा है. वहीं, बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष शशि कांत मिश्र ने कहा कि वे लोग पिछले 10-15 साल से यहां काम कर रहे थे. सरकार ने एक ही झटके में उन्हें हटा दिया. वे लोग आउटसोर्सिंग के खिलाफ हैं. सरकार जब तक उन्हें स्थाई नौकरी नहीं देगी तब तक वे आंदोलन पर डटे रहेंगे और किसी भी कर्मी को सफाई नहीं करने देंगे.
आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए निकाला गया टेंडर
इस मामले में दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि फिलहाल नगर निगम के डेढ़ सौ स्थाई सफाई कर्मियों से सफाई करवाई जा रही है. आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए टेंडर निकाल दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द एजेंसी तय हो जाएगी. आंदोलन कर रहे सफाई कर्मियों के सफाई में बाधा डालने की धमकी पर उन्होंने कहा कि ऐसा होगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने से मना
बता दें कि नगर विकास विभाग के आदेश पर 1 फरवरी से दैनिक मजदूर और संविदा पर बहाल सफाई कर्मियों को हटा दिया गया है. इन्हें आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने को कहा गया है. लेकिन ये लोग आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने से मना कर रहे हैं और विभाग के इस फैसले के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.