दरभंगा: बिहार और देश में क्रिकेट, फुटबॉल और पोलो जैसे कई खेलों को बढ़ावा देने में दरभंगा राज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. एक जमाने में दरभंगा के राज मैदान में देश-विदेश के फुटबॉल और क्रिकेट खिलाड़ी मैच खेलने आया करते थे.
दरभंगा को फुटबॉल का नर्सरी कहा जाता था और यहां के राज मैदान में मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब, ईस्ट बंगाल और मोहन बागान जैसे क्लबों के खिलाड़ी खेलने में फक्र महसूस करते थे. लेकिन आज न सिर्फ दरभंगा बल्कि पूरे बिहार की खेलों के मामले में स्थिति खस्ताहाल है.
"मैं खेलों में दरभंगा राज के पुराने गौरव को वापस लौटाना चाहते हूं. मेरे दादा राजा बहादुर विशेश्वर सिंह ने दरभंगा में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किया था. यहां मोहम्मडन स्पोर्टिंग, ईस्ट बंगाल और मोहन बागान जैसे क्लबों के खिलाड़ी खेलने आया करते थे. पिता राजकुमार शुभेश्वर सिंह ने दरभंगा में क्रिकेट की शुरुआत की थी और खिलाड़ियों को काफी मदद की थी. अब दरभंगा में खिलाड़ियों को सुविधाएं नहीं मिलती हैं और न ही अच्छे मैदान बचे हैं. खेलों में दरभंगा के पुराने गौरव को वापस लौटाने के लिए मैंने यहां अपनी जमीन पर एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एक शूटिंग रेंज बनाने का निर्णय लिया है. इसमें सरकार की भी मदद लेंगे"- कुमार कपिलेश्वर सिंह, सदस्य, राज परिवार
"मैं न सिर्फ दरभंगा बल्कि आसपास के जिलों और राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भी खेलती रही हूं. यहां न तो बेहतर मैदान है और न ही खेलने के लिए किट मिलता है. बेहतर मैदान और किट की जरूरत है. ताकि बिहार के बाहर भी खेल सकें और दरभंगा और अपने राज्य का नाम रोशन कर सकें"- गंगा, फुटबॉल खिलाड़ी
शूटिंग रेंज बनाने की घोषणा
दरभंगा के जिस राज मैदान में देशी-विदेशी खिलाड़ी खेलने आया करते थे, उस मैदान की स्थिति भी खराब है. अब दरभंगा राज परिवार दरभंगा और बिहार में खेलों की पुरानी गरिमा को वापस लाने की कोशिश कर रहा है. इसी के तहत राज परिवार के कुमार कपिलेश्वर सिंह ने दरभंगा में अपनी जमीन पर एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एक शूटिंग रेंज बनाने की घोषणा की है. उन्होंने इसके लिए सरकार से भी मदद मांगी है. राज परिवार की ओर से की गई इस घोषणा के बाद दरभंगा के खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों में खुशी की लहर है.
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"यहां सुविधाओं का बहुत अभाव है. एक ढंग का ग्राउंड नहीं है. जिसमें लोग प्रैक्टिस कर सकें. सरकार भी खेलों पर ध्यान नहीं देती है. अपने बल पर वे जिन लड़कियों को प्रशिक्षण देते हैं, वे लड़कियां राज्य और उसके बाहर भी खेलती हैं. दरभंगा का खेलों में गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. अगर दरभंगा राज परिवार फिर से उस गौरव को वापस लाने की कोशिश कर रहा है, तो यह बेहद खुशी की बात है. यहां स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और शूटिंग रेंज बनने से खिलाड़ियों को काफी सुविधा होगी"- शंभू राम, फुटबॉल प्रशिक्षक
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"मैं 2005 से ही अपने बूते पर लड़कों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. मेरी एकेडमी में तकरीबन 80 बच्चे हैं, जो बिहार और उसके बाहर भी खेलने जाते हैं. हेमन ट्रॉफी से लेकर कई नामी-गिरामी प्रतियोगिताओं में यहां के बच्चे खेल रहे हैं. सरकार क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराती है. यहां आधुनिक सुविधाएं नहीं होने की वजह से दरभंगा के लड़के दूसरे राज्यों में होने वाले टूर्नामेंट में बेहतर परफॉर्मेंस नहीं दे पाते हैं. दरभंगा राज ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया था. अब फिर से दरभंगा राज अगर दरभंगा में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और शूटिंग रेंज बनाने के लिए आगे आया है तो, यह बेहद खुशी की बात है और इससे खेल और खिलाड़ियों का बहुत भला होगा"-
साजिद हुसैन, क्रिकेट प्रशिक्षक