दरभंगा: उत्तर बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच (DMCH Darbhanga) में गंदगियों का अंबार सुर्खियां बटोरता रहा है. जिसे साफ कराने की जिम्मेवारी अस्पताल प्रशासन व दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) की है.
निगम ने अब डीएमसीएच अस्पताल परिसर से जल निकासी करने और वहां बायोमेडिकल कचरा (Biomedical Waste) साफ करने को लेकर यूजर चार्ज वसूलने का फैसला किया है. इसे लेकर दरभंगा नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की एक बैठक हुई.
निगम अब कचरा उठाव के बदले वसूलेगा चार्ज
स्टैंडिंग कमेटी (Standing committee) की बैठक में अस्पताल प्रशासन से कचरा साफ करने को लेकर चार्ज वसूलने का फैसला लिया गया. जिसकी जानकारी निगम प्रशासन ने अस्पताल को भेज दी.
मामले पर दरभंगा नगर निगम के उप नगर आयुक्त कमलानंद झा ने कहा कि डीएमसीएच के भवन काफी पुराने हैं. वहां के नाले जर्जर होकर जाम पड़े रहते हैं. कैंपस का पानी बाहर नगर निगम के मुख्य नालों तक नहीं आ पाता है. जिसकी वजह से परिसर में जलजमाव होता है. नगर निगम को जलनिकासी में समस्या होती है.
अस्पताल परिसर में फैलाया जाता है बायोमेडिकल वेस्ट
उन्होंने कहा कि इसको लेकर अब नगर निगम ने नई व्यवस्था की है. अब डीएमसीएच परिसर से जल निकासी के लिए नगर निगम ने यूजर चार्ज वसूलने का फैसला किया है. साथ ही उप नगर आयुक्त ने कहा कि डीएमसीएच परिसर में बड़े पैमाने पर बायोमेडिकल कचरा फैलाया जाता है. जिसे नगर निगम के कर्मी खतरा उठा कर साफ करते हैं.
'अब अगर डीएमसीएच बायोमेडिकल कचरा फैलाता है, तो उसको नोटिस भेजा जाएगा. साथ ही उस कचरे की सफाई के लिए भी यूजर चार्ज वसूला जाएगा. नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. जिसकी सूचना डीएमसीएच प्रशासन को भेजी जा रही है'.- कमलानंद झा, उप नगर आयुक्त, दरभंगा नगर निगम.
यास ने दिखाई थी हकीकत
बता दें कि कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में अपनी कुव्यवस्था की वजह डीएमसीएच बिहार से लेकर देश भर में सुर्खियों में रहा. यास तूफान की वजह से 3 दिनों तक हुई बारिश ने डीएमसीएच को जलमग्न कर दिया था.
हालात इतने खराब थे कि पानी, मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीजों के बेड तक जा पहुंच गया था. इसका एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था. बद से बदतर होती स्थिति में अब अस्पताल प्रशासन के पर आर्थिक बोझ भी बढ़ने वाला है.