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दरभंगा: CPI ने विभिन्न मांगों को लेकर दिया धरना, सरकार के खिलाफ नारेबाजी - दरभंगा में सीपीआई प्रदर्शन

दरभंगा में सीपीआई ने विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया. इस दौरान प्राइवेट शिक्षकों को आर्थिक सहायता देने की मांग की गई.

CPI protest
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Published : May 25, 2021, 5:33 PM IST

दरभंगा: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) जिला परिषद् के द्वारा जिला कार्यालय पर राज्यव्यापी आवाह्न के तहत विभिन्न मांगों को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धरना दिया गया. धरना का नेतृत्व करते हुए पार्टी के जिला कार्यकारिणी सदस्य और किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोना माहामारी के समय में आम लोगों को सहयोग देने में केन्द्र और राज्य सरकार विफल है.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट में अब 30 अप्रैल तक वर्चुअल तरीके से होगी मामलों की सुनवाई

शहर से गांव तक टीकाकरण अभियान
सीपीआई ने मांग की है कि बड़े पैमाने पर शहर से गांव तक टीकाकरण अभियान चलाया जाए और पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को 6 माह विस्तार किया जाए. राजीव चौधरी ने कहा कि जब तक कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण न हो जाये, परिवार के प्रति व्यक्ति को हर माह 10 किलो ग्राम मुफ्त खाद्यान्न और जो आयकर दाता नहीं हैं, वैसे परिवार को 7500 रुपये प्रति माह नगद भुगतान, केरल के वामपंथी सरकार की तर्ज पर मुफ्त बिजली, पानी, बेरोजगारों को 6 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.

स्वास्थ्य व्यवस्था पूरे तरीके से फेल
सभी तरह के कर को अभी माफ किया जाए. रूम रेंट माफ किया जाए, रोज कमाने खाने वाले सभी लोगों को सरकार सहयोग राशि दे. प्राइवेट शिक्षकों को आर्थिक सहायता सरकार दे. वहीं जिला कार्यकारिणी सदस्य राजीव कुमार चौधरी ने कोरोना काल में प्राइवेट अस्पताल की मनमानी लूट पर सरकार को घेरा और कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरे तरीके से फेल है. स्वास्थ्य माफियाओ के लिए कोरोना आपदा एक बड़ा अवसर बन गया है. जहां सरकारी अस्पतालों में कोरोना का
इलाज सही से नहीं हो रहा है.

प्राईवेट अस्पताल इलाज के लिए मोटी रकम लेती है. जिला के प्राइवेट अस्पताल 50 हजार से 1 लाख रुपये प्रति दिन कोरोना के मरीजों से वसूलते हैं. इस पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए.

दरभंगा: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) जिला परिषद् के द्वारा जिला कार्यालय पर राज्यव्यापी आवाह्न के तहत विभिन्न मांगों को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धरना दिया गया. धरना का नेतृत्व करते हुए पार्टी के जिला कार्यकारिणी सदस्य और किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोना माहामारी के समय में आम लोगों को सहयोग देने में केन्द्र और राज्य सरकार विफल है.

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सीपीआई ने मांग की है कि बड़े पैमाने पर शहर से गांव तक टीकाकरण अभियान चलाया जाए और पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को 6 माह विस्तार किया जाए. राजीव चौधरी ने कहा कि जब तक कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण न हो जाये, परिवार के प्रति व्यक्ति को हर माह 10 किलो ग्राम मुफ्त खाद्यान्न और जो आयकर दाता नहीं हैं, वैसे परिवार को 7500 रुपये प्रति माह नगद भुगतान, केरल के वामपंथी सरकार की तर्ज पर मुफ्त बिजली, पानी, बेरोजगारों को 6 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.

स्वास्थ्य व्यवस्था पूरे तरीके से फेल
सभी तरह के कर को अभी माफ किया जाए. रूम रेंट माफ किया जाए, रोज कमाने खाने वाले सभी लोगों को सरकार सहयोग राशि दे. प्राइवेट शिक्षकों को आर्थिक सहायता सरकार दे. वहीं जिला कार्यकारिणी सदस्य राजीव कुमार चौधरी ने कोरोना काल में प्राइवेट अस्पताल की मनमानी लूट पर सरकार को घेरा और कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरे तरीके से फेल है. स्वास्थ्य माफियाओ के लिए कोरोना आपदा एक बड़ा अवसर बन गया है. जहां सरकारी अस्पतालों में कोरोना का
इलाज सही से नहीं हो रहा है.

प्राईवेट अस्पताल इलाज के लिए मोटी रकम लेती है. जिला के प्राइवेट अस्पताल 50 हजार से 1 लाख रुपये प्रति दिन कोरोना के मरीजों से वसूलते हैं. इस पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए.

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