दरभंगा: भाकपा माले के राज्यव्यापी अह्वान पर रविवार को जिले में दर्जनों जगहों पर विरोध दिवस मनाया गया. इस अवसर पर पंचायतों के कार्यकाल 6 महीने के लिए आगे बढ़ाने और पंचायतों के अधिकार को नौकरशाहों के हाथों में सौपना बंद करने की मांग की गई. इस विरोध दिवस में पंचायत प्रतिनिधि मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति और वार्ड सदस्य के अलावा भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
ये भी पढ़ें- आरा में भाकपा माले का धरना, स्वास्थ्य मंत्री का मांगा इस्तीफा
पंचायत चुनाव को 6 महीने आगे बढ़ाने की मांग
वरिष्ठ नेता आरके सहनी ने कहा कि पूरा बिहार कोरोना महामारी से जूझ रहा है और सरकार इस आपदा में अवसर की तालाश कर रही है. आज जब इस कोरोना महामारी में सभी पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने पंचायतों को कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. सरकार पंचायत प्रतिनिधि के अधिकारों पर हमला कर रही है. उन्होंने कहा कि आज वक्त की मांग है कि पंचायत चुनाव को 6 महीने आगे बढ़ाने की जरूरत है. नहीं तो माले बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ जनांदोलन को तेज करेगी.
बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
वहीं, माले जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि आज जब पूरे बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. पंचायतों में उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े है. इस स्थिति में पंचायत सरकार को फंड देकर इस बीमारी से लड़ने के लिए और मुक्कमल बनाने की जरूरत है. लेकिन सरकार पंचायत स्तर पर अफसरशाही को सौंप कर पंचायत जनप्रतिनिधियों का अधिकारों को छीनने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस कोविड महामारी में पंचायतों के अधिकारों को बढ़ाना चाहिए. लेकिन नीतीश कुमार लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या कर रही है. बता दें कि पंचायत सरकार का कार्यकाल 15 जून को खत्म हो रहा है.