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CPI माले ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता को छोड़कर कर रहे चुनावी घोषणाएं - जंगी यादव

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है. सभी पार्टियां चुनाव को लेकर जनता के बीच उतरकर उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश में लगी हुई है.

Meeting held
बैठक का आयोजन
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Published : Aug 30, 2020, 10:06 PM IST

दरभंगा: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना जतायी जा रही है. चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने-अपने स्तर से तैयारियां तेज कर दी है. वहीं, भाकपा-माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव और खेग्रामस जिलाध्यक्ष जंगी यादव ने संयुक्त प्रेस का आयोजन किया. जिसमें कहा गया कि प्रवासी मजदूरों, बाढ़ और अन्य ज्वलंत सवालों पर आगामी 31 अगस्त को राज्य के प्रखंड कार्यालयों पर अपनी मांगों से संबंधित पोस्टर के साथ दूरी बनाते हुए हजारों की तादाद में लोग प्रदर्शन करेंगे. अपनी मांगों को अविलंब पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनायेंगे.

मजदूरों-गरीबों का जीवन हुआ मुहाल
बैद्यनाथ यादव ने कहा कि रविवार को पूरा बिहार लॉकडाउन और बाढ़ की भीषण तबाही झेल रहा है. लेकिन जनता को अपने भरोसे जीने के लिए छोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि जनता की चिंता करने के बजाए भाजपा-जदयू के नेता पूरी तरह से चुनावी अभियान में लग गए हैं. कई तरह की पीड़ा झेल रहे बिहार की जनता को ठोस राहत देने की बजाए नीतीश कुमार चुनावी घोषणाएं कर रहे हैं. लेकिन उन्हें जो करना चाहिए उसकी चर्चा तक नहीं करते. इस सरकार को इस बार के चुनाव में जनता सबक सिखाएगी.

Meeting held
बैठक का आयोजन

31 अगस्त को होगा प्रदर्शन
खेग्रामस जिलाध्यक्ष जंगी यादव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों सहित सभी मजदूरों को 10 हजार रुपये कोरोना लॉकडाउन भत्ता देने, सभी ग्रामीण परिवारों को राशन-रोजगार देने, स्वयं सहायता समूह-जीविका समूह समेत तमाम तरह के छोटे लोन माफ करने की मांग की है. इसके साथ ही मनरेगा की मजदूरी 500 रुपये करने , साल में न्यूनतम 200 दिन काम की गारंटी करने और गरीब विरोधी नई शिक्षा नीति 2020 वापस लेने की मांग की. जिलाध्यक्ष ने कहा कि सभी बाढ़ पीड़ितों को तत्काल 25 हजार रुपये मुआवजा की राशि उपलब्ध कराने की मांग उठाई जाएंगी.

दरभंगा: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना जतायी जा रही है. चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने-अपने स्तर से तैयारियां तेज कर दी है. वहीं, भाकपा-माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव और खेग्रामस जिलाध्यक्ष जंगी यादव ने संयुक्त प्रेस का आयोजन किया. जिसमें कहा गया कि प्रवासी मजदूरों, बाढ़ और अन्य ज्वलंत सवालों पर आगामी 31 अगस्त को राज्य के प्रखंड कार्यालयों पर अपनी मांगों से संबंधित पोस्टर के साथ दूरी बनाते हुए हजारों की तादाद में लोग प्रदर्शन करेंगे. अपनी मांगों को अविलंब पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनायेंगे.

मजदूरों-गरीबों का जीवन हुआ मुहाल
बैद्यनाथ यादव ने कहा कि रविवार को पूरा बिहार लॉकडाउन और बाढ़ की भीषण तबाही झेल रहा है. लेकिन जनता को अपने भरोसे जीने के लिए छोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि जनता की चिंता करने के बजाए भाजपा-जदयू के नेता पूरी तरह से चुनावी अभियान में लग गए हैं. कई तरह की पीड़ा झेल रहे बिहार की जनता को ठोस राहत देने की बजाए नीतीश कुमार चुनावी घोषणाएं कर रहे हैं. लेकिन उन्हें जो करना चाहिए उसकी चर्चा तक नहीं करते. इस सरकार को इस बार के चुनाव में जनता सबक सिखाएगी.

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बैठक का आयोजन

31 अगस्त को होगा प्रदर्शन
खेग्रामस जिलाध्यक्ष जंगी यादव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों सहित सभी मजदूरों को 10 हजार रुपये कोरोना लॉकडाउन भत्ता देने, सभी ग्रामीण परिवारों को राशन-रोजगार देने, स्वयं सहायता समूह-जीविका समूह समेत तमाम तरह के छोटे लोन माफ करने की मांग की है. इसके साथ ही मनरेगा की मजदूरी 500 रुपये करने , साल में न्यूनतम 200 दिन काम की गारंटी करने और गरीब विरोधी नई शिक्षा नीति 2020 वापस लेने की मांग की. जिलाध्यक्ष ने कहा कि सभी बाढ़ पीड़ितों को तत्काल 25 हजार रुपये मुआवजा की राशि उपलब्ध कराने की मांग उठाई जाएंगी.

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