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दरभंगा में बिना कोविड जांच के ही 'कोरोना निगेटिव' का मिल रहा मैसेज, लोग हो रहे परेशान

जानलेवा कोरोना महामारी के कहर के बीच सरकारी तंत्र के गैर जिम्मेदाराना रवैये से लोग परेशान हैं. बिहार में कोरोना जांच के फर्जीवाड़े के ऐसे कई मामले सामने आए हैं. दरभंगा में भी बिना सैंपल लिए ही मोबाइल पर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट जारी हो रही है. देखिए ये रिपोर्ट.

Darbhanga
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Published : May 23, 2021, 4:29 PM IST

दरभंगा: बिहार में कोरोना सैंपल जांच में अनिमियतता सामने आ रही है. कभी जांच रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन का समय लग जा रहा है तो कभी मरीज के मौत के बाद रिपोर्ट आती है. अब बिना जांच किए ही मरीजों का रिपोर्ट दे दिया जा रहा है.

ताजा मामला दरभंगा के बेनीपुर प्रखण्ड के देवराम अमैठी पंचायत के अमैठी गांव का है, जहां बीएमपी से सेवानिवृत्त हुए सब इंसपेक्टर महेंद्र ठाकुर को बगैर जांच कराये ही बिहार सरकार के सवास्थ्य विभाग की ओर से 21 मई कि शाम को एक मैसेज आया. जिसमें लिखा थाी कि 19 मई को कोरोना जांच में लिए गए सैम्पल में आपका रिपोर्ट निगेटिव आया है.

देखें रिपोर्ट...

ये भी पढ़ें: कोरोना टेस्ट में अजब खेल, बिना सैंपल दिए ही मोबाइल पर आ गई जांच रिपोर्ट

महेंद्र ठाकुर ने कहा कि 21 मई कि शाम को घर में बैठे हुए थे. तभी एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि महेंद्र ठाकुर आई डी- SYS-cov-BI-DBG-20-25259864- दिनांक 19 मई को आपका कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लिया गया था, जो Antigen जांच में निगेटिव पाया गया है. किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए 104 पर काल करें, ओटीपी नंबर-27751083, अधिक जानकारी के लिए संजीवनी ऐप डाउनलोड करें.

महेंद्र ठाकुर को आया ये मैसेज
महेंद्र ठाकुर को आया ये मैसेज

'नही मिला संतोषजनक जबाब'
इस रिपोर्ट को मोबाइल पर प्राप्त करने के बाद महेंद्र ठाकुर हैरत में पड़ गए और परेशान हो गए. उनहोंने कहा कि हमने कहीं भी कोरोना जांच ही नहीं कराया तो, यह रिपोर्ट कैसा. वहीं, उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 14 अप्रैल को हमने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया था. हालांकि उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर बहेड़ा पीएचसी में शिकायत की. लेकिन उन्हें किसी प्रकार का संतोषजनक जबाब नहीं मिला.

महेंद्र ठाकुर, अमैठी गांव निवासी
महेंद्र ठाकुर, अमैठी गांव निवासी

जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति
जब जांच केंद्रों पर भीड़ ही नहीं उमड़ रही है, ऐसे में प्रतिदिन सरकार जो एक लाख से अधिक जांच का आंकड़ा दे रही है, कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में आ गया है. जिस प्रकार से बिना जांच कराए जांच रिपोर्ट आ रही है, उससे ये प्रतीत होता है कि जिन लोगों ने पूर्व में कभी कोरोना का जांच कराई है और अपना मोबाइल नंबर दिया है उसी नंबर पर दोबारा से जांच आईडी भेज दिया जा रहा है और जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति की जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर इस तरह की व्यवस्था में कोरोना की जांच चल रही है तो कोरोना के फैलने की रफ्तार पर कैसे ब्रेक लगेगी.

दरभंगा: बिहार में कोरोना सैंपल जांच में अनिमियतता सामने आ रही है. कभी जांच रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन का समय लग जा रहा है तो कभी मरीज के मौत के बाद रिपोर्ट आती है. अब बिना जांच किए ही मरीजों का रिपोर्ट दे दिया जा रहा है.

ताजा मामला दरभंगा के बेनीपुर प्रखण्ड के देवराम अमैठी पंचायत के अमैठी गांव का है, जहां बीएमपी से सेवानिवृत्त हुए सब इंसपेक्टर महेंद्र ठाकुर को बगैर जांच कराये ही बिहार सरकार के सवास्थ्य विभाग की ओर से 21 मई कि शाम को एक मैसेज आया. जिसमें लिखा थाी कि 19 मई को कोरोना जांच में लिए गए सैम्पल में आपका रिपोर्ट निगेटिव आया है.

देखें रिपोर्ट...

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महेंद्र ठाकुर ने कहा कि 21 मई कि शाम को घर में बैठे हुए थे. तभी एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि महेंद्र ठाकुर आई डी- SYS-cov-BI-DBG-20-25259864- दिनांक 19 मई को आपका कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लिया गया था, जो Antigen जांच में निगेटिव पाया गया है. किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए 104 पर काल करें, ओटीपी नंबर-27751083, अधिक जानकारी के लिए संजीवनी ऐप डाउनलोड करें.

महेंद्र ठाकुर को आया ये मैसेज
महेंद्र ठाकुर को आया ये मैसेज

'नही मिला संतोषजनक जबाब'
इस रिपोर्ट को मोबाइल पर प्राप्त करने के बाद महेंद्र ठाकुर हैरत में पड़ गए और परेशान हो गए. उनहोंने कहा कि हमने कहीं भी कोरोना जांच ही नहीं कराया तो, यह रिपोर्ट कैसा. वहीं, उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 14 अप्रैल को हमने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया था. हालांकि उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर बहेड़ा पीएचसी में शिकायत की. लेकिन उन्हें किसी प्रकार का संतोषजनक जबाब नहीं मिला.

महेंद्र ठाकुर, अमैठी गांव निवासी
महेंद्र ठाकुर, अमैठी गांव निवासी

जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति
जब जांच केंद्रों पर भीड़ ही नहीं उमड़ रही है, ऐसे में प्रतिदिन सरकार जो एक लाख से अधिक जांच का आंकड़ा दे रही है, कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में आ गया है. जिस प्रकार से बिना जांच कराए जांच रिपोर्ट आ रही है, उससे ये प्रतीत होता है कि जिन लोगों ने पूर्व में कभी कोरोना का जांच कराई है और अपना मोबाइल नंबर दिया है उसी नंबर पर दोबारा से जांच आईडी भेज दिया जा रहा है और जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति की जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर इस तरह की व्यवस्था में कोरोना की जांच चल रही है तो कोरोना के फैलने की रफ्तार पर कैसे ब्रेक लगेगी.

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