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दरंभगा: जिन्ना विवाद में फंसे जाले उम्मीदवार उस्मानी बोले-मैं जिन्नावादी नहीं, गांधीवादी हूं - जिन्ना विवाद में फंसे जाले कांग्रेस उम्मीदवार उस्मानी

दरभंगा के जाले सीट से पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉ. मशकूर अहमद उस्मानी कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया है. जिसके ऊपर पाकिस्तान के संस्थापक मो. अली जिन्ना का समर्थक होने और जिन्नावादी गंभीर आरोप लगे हैं. वहीं सभी पार्टिया जबरदस्त विरोध करने लगे है.

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डॉ. मशकूर अहमद उस्मानी
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Published : Oct 19, 2020, 4:28 PM IST

दरभंगा: बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा की जाले सीट फिलहाल हॉटसीट बन चुकी है. इसकी वजह कांग्रेस ने अलीगढ़ मस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉ. मशकूर अहमद उस्मानी को प्रत्याशी बनाया गया है. उस्मानी पर पाकिस्तान के संस्थापक मो.अली जिन्ना का समर्थक होने और जिन्नावादी गंभीर आरोप लग रह हैं.

वहीं, इसको लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ है. उस्मानी का विरोध न सिर्फ बीजेपी और दूसरे सत्ताधारी दल भी कर रहे हैं बल्कि खुद कॉग्रेस खेमे में इसका जबरदस्त विरोध है.

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डॉ. मशकूर अहमद उस्मानी

कांग्रेस खेमे में विरोध

कांग्रेस के टिकट के दावेदार ऋषि मिश्रा ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था. उस्मानी सोमवार को जब नामांकन दाखिल करने के लिए कांग्रेस के दरभंगा जिला कार्यालय से निकले तो उनके साथ शायद ही कांग्रेस का कोई बड़ा नेता था.खुद जिलाध्यक्ष सीताराम चौधरी भी वहां मौजूद नहीं थे.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

ईटीवी भारत से खास बातचीत

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में उस्मानी ने कहा कि वे गांधीवादी हैं न कि जिन्नावादी. उन्होंने कहा कि ये बीजेपी का दुष्प्रचार है. जिसमें उन्हें जिन्नावादी कहा जा रहा है. उस्मानी ने कहा कि उन्होंने तो प्रधानमंत्री से जिन्ना की तस्वीर विवि से हटाने की मांग की थी. उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी का नाम लिए बिना उल्टे बीजेपी पर ये आरोप लगा दिया.

congress
कॉग्रेस उम्मीदवार

जाले की जनता को देंगे शिक्षा व्यवस्था बेहतर

उस्मानी ने कहा कि वे जाले के बेटे हैं. उनकी शिक्षा-दीक्षा यही हूई है. वे केंद्रीय विद्यालय हवाई अड्डा परिसर के छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा कि जाले का विकास करना उनकी प्राथमिकता है.उस्मानी ने कहा कि आज भी जाले की 35 फीसदी आबादी हस्ताक्षर करना नहीं जानती बल्कि अंगूठा लगाती है. उन्होंने कहा कि अगर लोग उन्हें चुनते हैं तो वे जाले में बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करेंगे. वे वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देंगे ताकि जाले के लोगों को इलाज के लिए दरभंगा नहीं आना पड़े.

दरभंगा: बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा की जाले सीट फिलहाल हॉटसीट बन चुकी है. इसकी वजह कांग्रेस ने अलीगढ़ मस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉ. मशकूर अहमद उस्मानी को प्रत्याशी बनाया गया है. उस्मानी पर पाकिस्तान के संस्थापक मो.अली जिन्ना का समर्थक होने और जिन्नावादी गंभीर आरोप लग रह हैं.

वहीं, इसको लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ है. उस्मानी का विरोध न सिर्फ बीजेपी और दूसरे सत्ताधारी दल भी कर रहे हैं बल्कि खुद कॉग्रेस खेमे में इसका जबरदस्त विरोध है.

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डॉ. मशकूर अहमद उस्मानी

कांग्रेस खेमे में विरोध

कांग्रेस के टिकट के दावेदार ऋषि मिश्रा ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था. उस्मानी सोमवार को जब नामांकन दाखिल करने के लिए कांग्रेस के दरभंगा जिला कार्यालय से निकले तो उनके साथ शायद ही कांग्रेस का कोई बड़ा नेता था.खुद जिलाध्यक्ष सीताराम चौधरी भी वहां मौजूद नहीं थे.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

ईटीवी भारत से खास बातचीत

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में उस्मानी ने कहा कि वे गांधीवादी हैं न कि जिन्नावादी. उन्होंने कहा कि ये बीजेपी का दुष्प्रचार है. जिसमें उन्हें जिन्नावादी कहा जा रहा है. उस्मानी ने कहा कि उन्होंने तो प्रधानमंत्री से जिन्ना की तस्वीर विवि से हटाने की मांग की थी. उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी का नाम लिए बिना उल्टे बीजेपी पर ये आरोप लगा दिया.

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जाले की जनता को देंगे शिक्षा व्यवस्था बेहतर

उस्मानी ने कहा कि वे जाले के बेटे हैं. उनकी शिक्षा-दीक्षा यही हूई है. वे केंद्रीय विद्यालय हवाई अड्डा परिसर के छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा कि जाले का विकास करना उनकी प्राथमिकता है.उस्मानी ने कहा कि आज भी जाले की 35 फीसदी आबादी हस्ताक्षर करना नहीं जानती बल्कि अंगूठा लगाती है. उन्होंने कहा कि अगर लोग उन्हें चुनते हैं तो वे जाले में बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करेंगे. वे वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देंगे ताकि जाले के लोगों को इलाज के लिए दरभंगा नहीं आना पड़े.

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