दरभंगा: नए साल में दरभंगावासियों को तारामंडल के रूप में एक सौगात (Planetarium In Darbhanga) मिलनेवाला है. यहां पूरे बिहार का सबसे अत्याधुनिक तारामंडल बनाया गया है. जो पूरी तरह से ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बनाया गया है. यहां के स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि अपने समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 जनवरी को दरभंगा पहुंचेंगे. इसके साथ ही तारामंडल को जनता के लिए समर्पित करेंगे. बताया जाता है कि इसके निर्माण कार्य का पहला चरण लगभग समाप्त कर लिया गया है. इसके साथ ही दूसरे चरण का काम तेजी से चल रहा है. इस तारामंडल का निर्माण पूरे आधुनिक तरीके से कराया जा रहा है. जिसमें पूरी तरह से सौर उर्जा का उपयोग किया जा रहा है.
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तारामंडल से होगा बिजली का उप्पादन : यह तारामंडल जिले के बेला स्थित पॉलीटेक्निक कॉलेज परिसर में बनाया गया है. जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के दौरान 12 जनवरी को कर सकते हैं. बताया जाता है कि यह तारामंडल बिहार के सबसे अत्याधुनिक तारामंडल के साथ-साथ बिहार का पहला ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बनने वाला तारामंडल होगा. जिसमें पूरी तरह से सौर ऊर्जा का उपयोग किया गया है. इसके साथ ही इस तारामंडल से कुल 340 किलोवाट का बिजली उत्पादन भी हो सकेगा. इस तारामंडल का निर्माण बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से किया गया है. इसकी लागत करीब 164 करोड़ रूपए बताई जा रही है.
तारामंडल में निःशुल्क एंट्री दें: इस तारामंडल के निर्माण के बाद उद्घाटन के लिए छात्रों में भी काफी उत्साह है. उनलोगों का कहना है कि यह वास्तविक में छात्रों के लिए तब उपयोगी होगी. जब उनके लिए निःशुल्क एंट्री दिया जाएगा. इसके साथ ही इस तारामंडल को भौगोलिक विभाग के साथ इसे टैग किया जाए और रिसर्च करनेवाले छात्रों को यहां आकर किसी भी काम को करने में किसी प्रकार से कोई कठिनाई न हो. इसके साथ ही तारामंडल के अंतिम रूप को देखकर युवाओं में काफी खुशी है.
शोधार्थियों को काफी मदद मिलने की उम्मीद: उद्घाटन के पहले तारामंडल को देखने आए स्थानीय नजरे आलम ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसके शुरू हो जाने से शोधार्थियों को काफी मदद मिलेगी और दरभंगा को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी. इसके साथ-साथ रोजगार सृजन के लिए बंद पड़े चीनी मिल, पेपर मिल पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. यहां मेडिकल के क्षेत्र में एम्स को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही है. उन्होंने कहा कि जैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारामंडल का सौगात देकर मिथिलांचल के लोगों का दिल जीता है. वैसे ही बंद पड़े कल कारखानों को चालू कर यहां पर रोजगार का सृजन करे तब और खुशी होगी.
दो फेज में हो रहा काम: इधर, तारामंडल दरभंगा के प्रोजेक्ट मैनेजर नितेश कुमार ने कहा कि यह तारामंडल लगभग 164 करोड़ की लागत से कुल दो फेज में बनना है. इस परिसर में कुल तीन मुख्य भवन का निर्माण किया गया है. जिसमें 150 सीटों वाली प्लेनेटेरियम सह साइंस म्यूजियम, 300 सीटों के ऑडिटोरियम सह थियेटर और 50 सीटों के ओरिएंटेशन हॉल बनाया गया है. उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से 3डी से लैश रहेगा. इस प्रकार से इसमें दिखाए जाने के लिए 3डी में साइंस सब्जेक्ट के कंटेंट होंगे. सोलर पार्किंग पाथवे, रूफ ऑफ गार्डन बनाए गए हैं. इसके अलावे यहां कैफेटेरिया, लॉबी, साइंस गैलरी, सर्विस बिल्डिंग और कमल तालाब का भी निर्माण किया गया है.
"यह तारामंडल लगभग 164 करोड़ की लागत से कुल दो फेज में बनना है. इस परिसर में कुल तीन मुख्य भवन का निर्माण किया गया है. जिसमें 150 सीटों वाली प्लेनेटेरियम सह साइंस म्यूजियम, 300 सीटों के ऑडिटोरियम सह थियेटर और 50 सीटों के ओरिएंटेशन हॉल बनाया गया है. यह पूरी तरह से 3डी से लैश रहेगा" नितेश कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर
गौरतलब है कि पटना के बाद दरभंगा में बनने वाला यह तारामंडल, बिहार में दूसरा तारामंडल होगा. जिसे शुरू होने के बाद मिथिला को विज्ञान के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी. यहां के छात्र-छात्राओं को एस्ट्रोनॉमी के रिसर्च में भी काफी मदद मिलेगा. इसके साथ ही शिक्षा, कला-साहित्य के साथ-साथ पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा.
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