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कोरोना काल में बेड के अभाव से मर रहे मरीज, यहां 42 लाख की लागत से बने अस्पताल में लटका है ताला - Negligence of Health Department in Darbhanga

देश में जब कोरोना वायरस ने पूरी तरीके से अपने पैर पसार लिए हैं और कोरोना संक्रमित मरीज बेड, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर के लिए तरस रहे हैं. अगर ऐसे में अगर आपको पता चले कि कहीं पर संसाधनों की बर्बादी की जा रही है, तो कितना गुस्सा आएगा. अब बिहार से एक ऐसी ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है. पढ़ें दरभंगा से ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

Chaudhary Laxman Rai Primary SHC is locked amid corona epidemic in Darbhanga
Chaudhary Laxman Rai Primary SHC is locked amid corona epidemic in Darbhanga
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Published : May 12, 2021, 7:22 PM IST

Updated : May 12, 2021, 8:18 PM IST

दरभंगा: कोरोना महामारी की वजह से देश भर में हाहाकार मचा है. मरीज अस्पताल में एक-एक बेड के लिए तरस रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों की लागत से बने कई अस्पतालों में ताला लटका है. बिहार के दरभंगा जिले से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है. अस्पताल बनकर तैयार है. लेकिन चार साल बाद भी अब तक इसे शुरू नहीं किया गया.

आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य भर में कई पीएचसी और एपीएचसी का निर्माण कराया गया था. इस योजना के तहत बिहार के दरभंगा जिले के बहेड़ी ब्लॉक के बिठौली में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था. लेकिन, पिछले चार साल से बंद पड़ा है.

ये भी पढ़ें- पूर्णिया: कोरोना के इलाज के लिए प्राइवेट से ज्यादा सरकारी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं लोग

अस्पताल बनकर तैयार, फिर लेटलतीफी क्यों?
दरअसल, दरभंगा जिले के बहेड़ी ब्लॉक के बिठौली में 42 लाख से ज्यादा की लागत से चौधरी लक्ष्मण राय प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था. यह अस्पताल 2013 में बनकर तैयार हुआ और 4 साल के लंबे इंतजार के बाद 2017 में इसका उद्घाटन किया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इसका उद्घाटन किया था.

पीएचसी को चालू करने की मांग
हालांकि कुछ समय तक चलने के बाद यह अस्पताल बंद हो गया और यहां ताला लटक गया. फिलहाल कोरोना की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने सरकार से इस पीएचसी को फिर से चालू कराने की मांग की है.

अश्विनी कुमार चौबे ने किया था उद्घाटन
स्थानीय गौतम राय ने बताया कि 10 बेड के इस अस्पताल का उद्घाटन 2017 में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने किया था. कुछ दिनों तक यहां डॉक्टर और दूसरे कर्मी आते थे, लेकिन बाद में यह अस्पताल बंद हो गया. कोरोना संकट के समय में जब लोगों को अस्पतालों की सुविधा नहीं मिल पा रही है तो ऐसे में इस अस्पताल के बंद रहने से लोगों को काफी तकलीफ हो रही है.

उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला
उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला

''जो लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं वो तो ठीक है. लेकिन जिनके पास अपने घर में रहने की व्यवस्था नहीं है, वैसे लोगों के लिए यह अस्पताल फिलहाल बेहद काम आ सकता था. मरीजों को कम से कम बेड की सुविधा यहां मिलती. हालांकि इस अस्पताल के बंद रहने से इस क्षेत्र के लोगों को छोटी से छोटी बीमारी का इलाज करवाने के लिए कम से कम 10 किलोमीटर चलकर बहेड़ी जाना पड़ता है. अगर गंभीर समस्या हो तो उसके लिए 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय दरभंगा का रुख करना पड़ता है. इसलिए सरकार को इस पीएससी को फिर से चालू करना चाहिए.'' - गौतम राय, स्थानीय

10 बेड का 'बेकार' अस्पताल
स्थानीय लीलांबर राय ने कहा कि 10 बेड का यह अस्पताल इस इलाके में काफी अहमियत रखता है. लेकिन बंद होने के कारण यहां पर कोई काम नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग को इस अस्पताल को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए और यहां पर नए बेड की व्यवस्था के साथ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली करनी चाहिए. इस अस्पताल के चालू होने से जिले की एक बड़ी आबादी को काफी राहत मिलेगी.

उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला
उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला

कब खुलेगा अस्पताल का ताला?
हालांकि इस अस्पताल के बंद रहने और फिर से चालू करने की मांग को लेकर सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा से संपर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन संपर्क नहीं होने के कारण बात नहीं हो सकी.

दरभंगा: कोरोना महामारी की वजह से देश भर में हाहाकार मचा है. मरीज अस्पताल में एक-एक बेड के लिए तरस रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों की लागत से बने कई अस्पतालों में ताला लटका है. बिहार के दरभंगा जिले से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है. अस्पताल बनकर तैयार है. लेकिन चार साल बाद भी अब तक इसे शुरू नहीं किया गया.

आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य भर में कई पीएचसी और एपीएचसी का निर्माण कराया गया था. इस योजना के तहत बिहार के दरभंगा जिले के बहेड़ी ब्लॉक के बिठौली में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था. लेकिन, पिछले चार साल से बंद पड़ा है.

ये भी पढ़ें- पूर्णिया: कोरोना के इलाज के लिए प्राइवेट से ज्यादा सरकारी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं लोग

अस्पताल बनकर तैयार, फिर लेटलतीफी क्यों?
दरअसल, दरभंगा जिले के बहेड़ी ब्लॉक के बिठौली में 42 लाख से ज्यादा की लागत से चौधरी लक्ष्मण राय प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था. यह अस्पताल 2013 में बनकर तैयार हुआ और 4 साल के लंबे इंतजार के बाद 2017 में इसका उद्घाटन किया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इसका उद्घाटन किया था.

पीएचसी को चालू करने की मांग
हालांकि कुछ समय तक चलने के बाद यह अस्पताल बंद हो गया और यहां ताला लटक गया. फिलहाल कोरोना की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने सरकार से इस पीएचसी को फिर से चालू कराने की मांग की है.

अश्विनी कुमार चौबे ने किया था उद्घाटन
स्थानीय गौतम राय ने बताया कि 10 बेड के इस अस्पताल का उद्घाटन 2017 में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने किया था. कुछ दिनों तक यहां डॉक्टर और दूसरे कर्मी आते थे, लेकिन बाद में यह अस्पताल बंद हो गया. कोरोना संकट के समय में जब लोगों को अस्पतालों की सुविधा नहीं मिल पा रही है तो ऐसे में इस अस्पताल के बंद रहने से लोगों को काफी तकलीफ हो रही है.

उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला
उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला

''जो लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं वो तो ठीक है. लेकिन जिनके पास अपने घर में रहने की व्यवस्था नहीं है, वैसे लोगों के लिए यह अस्पताल फिलहाल बेहद काम आ सकता था. मरीजों को कम से कम बेड की सुविधा यहां मिलती. हालांकि इस अस्पताल के बंद रहने से इस क्षेत्र के लोगों को छोटी से छोटी बीमारी का इलाज करवाने के लिए कम से कम 10 किलोमीटर चलकर बहेड़ी जाना पड़ता है. अगर गंभीर समस्या हो तो उसके लिए 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय दरभंगा का रुख करना पड़ता है. इसलिए सरकार को इस पीएससी को फिर से चालू करना चाहिए.'' - गौतम राय, स्थानीय

10 बेड का 'बेकार' अस्पताल
स्थानीय लीलांबर राय ने कहा कि 10 बेड का यह अस्पताल इस इलाके में काफी अहमियत रखता है. लेकिन बंद होने के कारण यहां पर कोई काम नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग को इस अस्पताल को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए और यहां पर नए बेड की व्यवस्था के साथ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली करनी चाहिए. इस अस्पताल के चालू होने से जिले की एक बड़ी आबादी को काफी राहत मिलेगी.

उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला
उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला

कब खुलेगा अस्पताल का ताला?
हालांकि इस अस्पताल के बंद रहने और फिर से चालू करने की मांग को लेकर सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा से संपर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन संपर्क नहीं होने के कारण बात नहीं हो सकी.

Last Updated : May 12, 2021, 8:18 PM IST
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