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पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने किया 'शालोम सलाम' का विमोचन, पुस्तक में इजरायल-फिलिस्तीन के संघर्ष की अनकही बातें

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Published : Dec 15, 2020, 7:14 AM IST

Updated : Dec 15, 2020, 8:07 AM IST

हैदराबाद विश्वविद्यालय के ईएफएल विश्वविद्यालय की छात्रा अनम ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर एक पुस्तक शालोम सलाम लिखी है. इसके जरिए उसने इन दोनों ही देशों की संस्कृतिक के बीच के संबंध को दर्शाया है.

book on the culture of Israel and Palestine released in Darbhanga
book on the culture of Israel and Palestine released in Darbhanga

दरभंगा: इजरायल और फिलिस्तीन का संघर्ष दुनिया में सबसे चर्चित विवादों में से एक रहा है, लेकिन इस संघर्ष पर दुनिया में जितनी बातें प्रचलित हैं, उससे कई गुना ज्यादा ऐसी बातें हैं, जो दुनिया के सामने नहीं आ पाई हैं. हैदराबाद विश्वविद्यालय के ईएफएल विश्वविद्यालय की छात्रा अनम ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष की इन्हीं अंदरूनी बातों को अपनी पुस्तक 'शालोम सलाम' के माध्यम से दुनिया के सामने लाने की कोशिश की है.

अनम को भारत और इजराइल सरकार की ओर से साल 2018-19 के दौरान तेल अवीव विश्वविद्यालय में शोध करने की अनुमति मिली थी. उन्होंने वहां जाकर दोनों पक्षों को गहराई से समझा था. इसी शोध की बातों को अनम ने इस पुस्तक के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की है. इस पुस्तक का विमोचन प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने दरभंगा में किया. अनम ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर नेहाल की बेटी हैं.

पेश है रिपोर्ट

'संस्कृति में गहरे आपसी संबंध'
पुस्तक विमोचन के मौके पर अनम ने बताया कि इजरायल से छात्रवृत्ति मिलने के बाद वो तेल अवीव विश्वविद्यालय गई थी. यहां उसने इजरायल और फिलिस्तीन दोनों ही के लोगों से मिलकर वहां की संस्कृति को समझने की कोशिश की. अनम ने बताया कि वो वहां के साहित्यकारों, शिक्षकों, छात्रों, पत्रकारों और आम लोगों से मिलीं. वहां के रहन-सहन, खानपान, लेखन और कला-संस्कृति जैसी बारीक चीजों को भी समझने की कोशिश की. इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष के बारे में दुनिया भर में जितनी बातें प्रचलित है, उससे कहीं ज्यादा गहरे इन दोनों ही संस्कृतियों के आपसी संबंध हैं. उन्होंने इन्हीं चीजों को अपनी किताब के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की है.

अनम को बधाई
इस मौके पर प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने अनम की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी. उन्होंने कहा कि अनम ने दुनिया के इस सबसे ज्यादा विवादित रिश्ते को अलग नजरिए से पेश किया है. अनम ने वहां के संघर्ष के बीच रहकर दोनों ही संस्कृतियों की विभिन्नता में एकता को ढूंढने की कोशिश की है.

book on the culture of Israel and Palestine released in Darbhanga
अनम

'विवाद के समाधान की बातें'
इसके अलावा अनम के पिता प्रो. एम. नेहाल ने कहा कि जब उनकी बेटी इजरायल जा रही थी तो कई लोगों ने उनसे कहा था कि वहां काफी हिंसा होती है, इसलिए बेटी को वहां ना भेजे लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को वहां भेजा. अनम ने वहां जाकर लोगों और वहां की संस्कृति को समझा और दुनिया के सामने उन अनकही बातों को लेकर आई है, जिसे दुनिया नहीं जानती है. इस पुस्तक में विवाद के समाधान की बातें हैं.

दरभंगा: इजरायल और फिलिस्तीन का संघर्ष दुनिया में सबसे चर्चित विवादों में से एक रहा है, लेकिन इस संघर्ष पर दुनिया में जितनी बातें प्रचलित हैं, उससे कई गुना ज्यादा ऐसी बातें हैं, जो दुनिया के सामने नहीं आ पाई हैं. हैदराबाद विश्वविद्यालय के ईएफएल विश्वविद्यालय की छात्रा अनम ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष की इन्हीं अंदरूनी बातों को अपनी पुस्तक 'शालोम सलाम' के माध्यम से दुनिया के सामने लाने की कोशिश की है.

अनम को भारत और इजराइल सरकार की ओर से साल 2018-19 के दौरान तेल अवीव विश्वविद्यालय में शोध करने की अनुमति मिली थी. उन्होंने वहां जाकर दोनों पक्षों को गहराई से समझा था. इसी शोध की बातों को अनम ने इस पुस्तक के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की है. इस पुस्तक का विमोचन प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने दरभंगा में किया. अनम ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर नेहाल की बेटी हैं.

पेश है रिपोर्ट

'संस्कृति में गहरे आपसी संबंध'
पुस्तक विमोचन के मौके पर अनम ने बताया कि इजरायल से छात्रवृत्ति मिलने के बाद वो तेल अवीव विश्वविद्यालय गई थी. यहां उसने इजरायल और फिलिस्तीन दोनों ही के लोगों से मिलकर वहां की संस्कृति को समझने की कोशिश की. अनम ने बताया कि वो वहां के साहित्यकारों, शिक्षकों, छात्रों, पत्रकारों और आम लोगों से मिलीं. वहां के रहन-सहन, खानपान, लेखन और कला-संस्कृति जैसी बारीक चीजों को भी समझने की कोशिश की. इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष के बारे में दुनिया भर में जितनी बातें प्रचलित है, उससे कहीं ज्यादा गहरे इन दोनों ही संस्कृतियों के आपसी संबंध हैं. उन्होंने इन्हीं चीजों को अपनी किताब के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की है.

अनम को बधाई
इस मौके पर प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने अनम की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी. उन्होंने कहा कि अनम ने दुनिया के इस सबसे ज्यादा विवादित रिश्ते को अलग नजरिए से पेश किया है. अनम ने वहां के संघर्ष के बीच रहकर दोनों ही संस्कृतियों की विभिन्नता में एकता को ढूंढने की कोशिश की है.

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अनम

'विवाद के समाधान की बातें'
इसके अलावा अनम के पिता प्रो. एम. नेहाल ने कहा कि जब उनकी बेटी इजरायल जा रही थी तो कई लोगों ने उनसे कहा था कि वहां काफी हिंसा होती है, इसलिए बेटी को वहां ना भेजे लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को वहां भेजा. अनम ने वहां जाकर लोगों और वहां की संस्कृति को समझा और दुनिया के सामने उन अनकही बातों को लेकर आई है, जिसे दुनिया नहीं जानती है. इस पुस्तक में विवाद के समाधान की बातें हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 8:07 AM IST
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