दरभंगा: बिहार के दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर बिस्फी से विधायक हरी भूषण ठाकुर बचोल ने आरजेडी सांसद मनोज झा के 'ठाकुर' वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि आरजेडी बिहार को जातीय विद्वेष और नरसंहार के 90 के दशक के दौर में ले जाना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता इनके इस झांसे में आने वाला नहीं है. मनोज झा और आनंद मोहन दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं.
ब्राह्मण और राजपूत भाई को लड़ाने की साजिश: हरी भूषण ठाकुर बचोल ने कहा कि राजद के द्वारा जान बूझ कर के ब्राह्मण और राजपूत भाई को लड़ाने की साजिश है. इसी के तहत ऐसा उनका बयान दिलाया गया. जानबूझकर उन्होंने ठाकुरों को उकसाया. मनोज झा ने जो बयान दिया उसको लेकर लोगों ने ब्राह्मणों पर प्रतिकार किया. ये जातीय विद्वेष फैलाना चाहते हैं. लेकिन बिहार की जनता सजग है. यहां की जनता पीछे मुड़कर 90 की दशक में नहीं जाएगी और आने वाले समय में इनको जवाब देगी.
बिहार की जनता वोट से देगी जवाब: उन्होंने कहा कि मनोज झा और आनंद मोहन दोनों राजद के लोग हैं. आपस में लड़ाई कर यह सिर्फ दिखावा का काम कर रहे हैं. अगामी लोकसभा में 40 में 40 सीट भाजपा जीतेगी. जो समाज में विद्वेष फैलाना चाहते हैं उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी. उन्होंने कहा की वोट के माध्यम से जवाब दिया जाएगा.
"मनोज झा और आनंद मोहन दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है.राजद के द्वारा जान बूझ कर के ब्राह्मण और राजपूत भाई को लड़ाने की साजिश है. इसी के तहत ऐसा उनका बयान दिलाया गया. जानबूझकर उन्होंने ठाकुरों को उकसाया. मनोज झा ने जो बयान दिया उसको लेकर लोगों ने ब्राह्मणों पर प्रतिकार किया. ये जातीय विद्वेष फैलाना चाहते हैं."- हरीभूषण ठाकुर बचोल, विधायक, भाजपा
मनोज झा ने ठाकुरों पर क्या बोला था?: दरअसल, महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता 'ठाकुर का कुआं' की पंक्ति को पढ़ा था. साथ ही कहा था कि हम सब के अंदर एक ठाकुर है, जिसे हमें मार देना चाहिए. इस बयान का राजपूत समाज के नेता विरोध कर रहे हैं. आपको बताएं कि देश के कई इलाकों में 'ठाकुर' आमतौर पर राजपूत विरादरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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