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दरभंगा: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जागरुकता रथ रवाना

घनश्यामपुर और कीरतपुर प्रखंड में जागरुकता रथ के माध्यम से स्थानीय भाषा में लोगों को कोरोना वायरस से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं.

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Published : Jun 28, 2020, 4:43 AM IST

Updated : Jun 28, 2020, 6:57 AM IST

दरभंगा: हिंदी-अंग्रेजी भाषा में आपके मोबाइल पर कोरोना की जागरुकता से संबंधित संदेश लगातार आ रहे हैं और अखबारों में भी इससे संबंधित हिंदी-अंग्रेजी भाषा में विज्ञापन लगातार छप रहे हैं. लेकिन कम पढ़े-लिखे लोगों और मजदूरों तक इस संदेश को पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है.

यूनिसेफ और बिहार सेवा समिति ने कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए एक नई पहल की है. दोनों संगठनों ने मैथिली भाषा में कोरोना से संबंधित जागरुकता संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए घनश्यामपुर और कीरतपुर प्रखंड में जागरुकता रथ चलाया है. इस रथ के माध्यम से स्थानीय भाषा में लोगों को इस खतरनाक बीमारी से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. वहीं, इस जागरुकता रथ को कीरतपुर बीडीओ संजय कुमार और सीओ पंकज कुमार सिंह और यूनिसेफ के प्रोजेक्ट टीम लीडर श्याम कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.

जागरुकता रथ रवाना
मैथिली भाषा में दी जा रही है संदेशयूनिसेफ के प्रोजेक्ट टीम लीडर श्याम कुमार सिंह ने बताया कि घनश्यामपुर और कीरतपुर प्रखंडों के गांवों में जागरुकता फैलाने के लिए दो अलग-अलग रथ रवाना किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हिंदी के अलावा जागरुकता संदेश मैथिली में भी बनाए गए हैं. अपनी बोली और भाषा में लोग ज्यादा अच्छे कोरोना के खतरों को समझ सकेंगे और इस खतरनाक बीमारी से बचेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद इस तरह के जागरुकता कार्यक्रमों की जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है.

दरभंगा: हिंदी-अंग्रेजी भाषा में आपके मोबाइल पर कोरोना की जागरुकता से संबंधित संदेश लगातार आ रहे हैं और अखबारों में भी इससे संबंधित हिंदी-अंग्रेजी भाषा में विज्ञापन लगातार छप रहे हैं. लेकिन कम पढ़े-लिखे लोगों और मजदूरों तक इस संदेश को पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है.

यूनिसेफ और बिहार सेवा समिति ने कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए एक नई पहल की है. दोनों संगठनों ने मैथिली भाषा में कोरोना से संबंधित जागरुकता संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए घनश्यामपुर और कीरतपुर प्रखंड में जागरुकता रथ चलाया है. इस रथ के माध्यम से स्थानीय भाषा में लोगों को इस खतरनाक बीमारी से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. वहीं, इस जागरुकता रथ को कीरतपुर बीडीओ संजय कुमार और सीओ पंकज कुमार सिंह और यूनिसेफ के प्रोजेक्ट टीम लीडर श्याम कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.

जागरुकता रथ रवाना
मैथिली भाषा में दी जा रही है संदेशयूनिसेफ के प्रोजेक्ट टीम लीडर श्याम कुमार सिंह ने बताया कि घनश्यामपुर और कीरतपुर प्रखंडों के गांवों में जागरुकता फैलाने के लिए दो अलग-अलग रथ रवाना किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हिंदी के अलावा जागरुकता संदेश मैथिली में भी बनाए गए हैं. अपनी बोली और भाषा में लोग ज्यादा अच्छे कोरोना के खतरों को समझ सकेंगे और इस खतरनाक बीमारी से बचेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद इस तरह के जागरुकता कार्यक्रमों की जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है.
Last Updated : Jun 28, 2020, 6:57 AM IST
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