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मार्च 2020 तक उड़ान भरने को तैयार हो जाएगा दरभंगा एयरपोर्ट

दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एविएशन के तहत उड़ान के लिए शिलान्यास का काम दिसंबर 2018 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और उन्हीं के विभाग के राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने किया था.

Airport construction in progress
दरभंगा एयरपोर्ट
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Published : Dec 19, 2019, 10:21 PM IST

दरभंगाः उत्तर बिहार के लोगों को दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एविएशन के लिए बन रहे विद्यापति टर्मिनल और रनवे का काम मार्च 2020 तक पूरा हो जाएगा. उसके बाद यहां से उड़ानों का रास्ता साफ हो जाएगा.
बता दें कि विमान परिचालन कंपनी स्पाइस जेट ने केंद्र सरकार की 'उड़ान' योजना के तहत दरभंगा से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए सीधी फ्लाइट शुरू करने का लाइसेंस ले लिया है. यहां 8 हजार फीट से ज्यादा लंबे रनवे का काम चल रहा है.

ईटीवी भारत की टीम ने दरभंगा एयरपोर्ट पर चल रहे काम का जायजा लिया और वर्क प्रोग्रेस पर एयरफोर्स स्टेशन के विंग कमांडर माणिक भारद्वाज से बात की.

'मार्च 2020 तक तैयार हो जाएगा एयरपोर्ट'
विंग कमांडर माणिक भारद्वाज ने बताया कि सिविल एविएशन के तहत यहां से उड़ान शुरू करने के लिए कुछ तैयारियां जरुरी थी. इसमें टर्मिनल निर्माण और रनवे रिसरफेकिंग का काम प्रमुख है. रनवे पर चार लेयर चढ़ाना था. इनमें से दो लेयर पूरा हो चुका है जबकि तीसरे का काम शुरू है. उन्होंने बताया कि टर्मिनल का काम 70 से 80 फीसदी तक हो चुका है. विमानों को खड़ा करने के लिए स्पर्शल का काम भी पूरा होने को है. उन्होंने बताया कि विद्यापति टर्मिनल की वर्तमान क्षमता 200 यात्रियों और स्टाफ की है. यहां मार्च 2020 तक यह एयरपोर्ट उड़ान के लिए तैयार हो जाएगा. उसके बाद विमान परिचालन कंपनी के ऊपर है कि वो कब सेवा शुरू कर पाती है.

Darbhanga
वायु सेना स्टेशन का प्रवेश द्वार

रात में विमान परिचालन पर विचार
विंग कमांडर ने बताया कि शुरुआती योजना में यहां से रात में विमान परिचालन की बात नहीं थी, लेकिन अब इस पर भी विचार चल रहा है और वह काम भी जल्द शुरू होगा. आने वाले समय मे रात में भी यहां से परिचालन के लिए तकनीकी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी जो टर्मिनल बन रहा है वह अस्थायी है. एयरफोर्स की 2.4 एकड़ लीज की जमीन पर यह बन रहा है. सेवा शुरू होने पर यात्रियों की आवाजाही की संख्या का आकलन किया जाएगा और उसके बाद यहां स्थाई टर्मिनल बनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें- 'गोली न मार दे सरकार, इसलिए खुद को बेड़ियों में जकड़कर पहुंचे हैं'

दिसंबर 2018 में हुआ था शिलान्यास
बता दें कि दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एविएशन के तहत उड़ान के लिए शिलान्यास का काम दिसंबर 2018 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और उन्हीं के विभाग के राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने किया था. यहां से जून 2019 तक सेवा शुरू होनी थी, लेकिन काम में सुस्ती की वजह से तिथि आगे बढ़ती गई और अब मार्च 2020 के बाद ही सेवा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने से उत्तर बिहार के 22 जिलों और नेपाल के सीमावर्ती जिलों के लोगों को फायदा होगा। उन्हें विमान पकड़ने के लिए पटना या कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा.

दरभंगाः उत्तर बिहार के लोगों को दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एविएशन के लिए बन रहे विद्यापति टर्मिनल और रनवे का काम मार्च 2020 तक पूरा हो जाएगा. उसके बाद यहां से उड़ानों का रास्ता साफ हो जाएगा.
बता दें कि विमान परिचालन कंपनी स्पाइस जेट ने केंद्र सरकार की 'उड़ान' योजना के तहत दरभंगा से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए सीधी फ्लाइट शुरू करने का लाइसेंस ले लिया है. यहां 8 हजार फीट से ज्यादा लंबे रनवे का काम चल रहा है.

ईटीवी भारत की टीम ने दरभंगा एयरपोर्ट पर चल रहे काम का जायजा लिया और वर्क प्रोग्रेस पर एयरफोर्स स्टेशन के विंग कमांडर माणिक भारद्वाज से बात की.

'मार्च 2020 तक तैयार हो जाएगा एयरपोर्ट'
विंग कमांडर माणिक भारद्वाज ने बताया कि सिविल एविएशन के तहत यहां से उड़ान शुरू करने के लिए कुछ तैयारियां जरुरी थी. इसमें टर्मिनल निर्माण और रनवे रिसरफेकिंग का काम प्रमुख है. रनवे पर चार लेयर चढ़ाना था. इनमें से दो लेयर पूरा हो चुका है जबकि तीसरे का काम शुरू है. उन्होंने बताया कि टर्मिनल का काम 70 से 80 फीसदी तक हो चुका है. विमानों को खड़ा करने के लिए स्पर्शल का काम भी पूरा होने को है. उन्होंने बताया कि विद्यापति टर्मिनल की वर्तमान क्षमता 200 यात्रियों और स्टाफ की है. यहां मार्च 2020 तक यह एयरपोर्ट उड़ान के लिए तैयार हो जाएगा. उसके बाद विमान परिचालन कंपनी के ऊपर है कि वो कब सेवा शुरू कर पाती है.

Darbhanga
वायु सेना स्टेशन का प्रवेश द्वार

रात में विमान परिचालन पर विचार
विंग कमांडर ने बताया कि शुरुआती योजना में यहां से रात में विमान परिचालन की बात नहीं थी, लेकिन अब इस पर भी विचार चल रहा है और वह काम भी जल्द शुरू होगा. आने वाले समय मे रात में भी यहां से परिचालन के लिए तकनीकी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी जो टर्मिनल बन रहा है वह अस्थायी है. एयरफोर्स की 2.4 एकड़ लीज की जमीन पर यह बन रहा है. सेवा शुरू होने पर यात्रियों की आवाजाही की संख्या का आकलन किया जाएगा और उसके बाद यहां स्थाई टर्मिनल बनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें- 'गोली न मार दे सरकार, इसलिए खुद को बेड़ियों में जकड़कर पहुंचे हैं'

दिसंबर 2018 में हुआ था शिलान्यास
बता दें कि दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एविएशन के तहत उड़ान के लिए शिलान्यास का काम दिसंबर 2018 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और उन्हीं के विभाग के राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने किया था. यहां से जून 2019 तक सेवा शुरू होनी थी, लेकिन काम में सुस्ती की वजह से तिथि आगे बढ़ती गई और अब मार्च 2020 के बाद ही सेवा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने से उत्तर बिहार के 22 जिलों और नेपाल के सीमावर्ती जिलों के लोगों को फायदा होगा। उन्हें विमान पकड़ने के लिए पटना या कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा.

Intro:दरभंगा। उत्तर बिहार के लोगों को दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान के लिए ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एविएशन के लिए बन रहे विद्यापति टर्मिनल और रनवे सुदृढ़ीकरण का काम मार्च 2020 तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद यहां से उड़ानों का रास्ता साफ हो जाएगा। विमान परिचालन कंपनी स्पाइस जेट ने केंद्र सरकार की 'उड़ान' योजना के तहत दरभंगा से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए सीधी फ्लाइट शुरू करने का लाइसेंस लिया है। 8 हज़ार फ़ीट से ज़्यादा लंबे रनवे पर तेज़ी से काम चल रहा है। ई टीवी भारत की टीम ने दरभंगा एयरपोर्ट पर चल रहे काम का जायजा लिया और वर्क प्रोग्रेस पर एयरफोर्स स्टेशन के विंग कमांडर माणिक भारद्वाज से बात की। देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.


Body:विंग कमांडर ने बताया कि सिविल एविएशन के तहत यहां से उड़ान शुरू करने के लिए कुछ तैयारियां ज़रूरी थीं। इसमें टर्मिनल निर्माण और रनवे रिसरफेकिंग का काम प्रमुख है। रनवे पर चार लेयर चढ़ाना था। इनमें से दो लेयर पूरा हो चुका है जबकि तीसरे का काम शुरू है। टर्मिनल का काम 70 से 80 फीसदी तक हो चुका है। विमानों को खड़ा करने के लिए स्पर्शल का काम भी पूरा होने को है। टर्मिनल से रनवे तक जाने के लिए संपर्क पथ के लिए जमीन की खुदाई हो चुकी है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि विद्यापति टर्मिनल की वर्तमान क्षमता 200 यात्रियों और स्टाफ की है। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 तक यह एयरपोर्ट उड़ान के लिए तैयार हो जाएगा। उसके बाद विमान परिचालन कंपनी के ऊपर है कि वो कब सेवा शुरू कर पाती है।

उन्होंने बताया कि शुरुआती योजना में यहां से रात में विमान परिचालन की बात नहीं थी, लेकिन अब इस पर भी विचार चल रहा है और वह काम भी जल्द शुरू होगा। आने वाले समय मे रात में भी यहां से परिचालन के लिए तकनीकी व्यवस्था की जाएगी।

विंग कमांडर ने कहा कि अभी जो टर्मिनल बन रहा है वह अस्थायी है। एयरफोर्स की 2.4 एकड़ लीज की जमीन पर यह बन रहा है। सेवा शुरू होने पर यात्रियों की आवाजाही की संख्या का आकलन किया जाएगा और उसके बाद यहां स्थाई टर्मिनल बनाया जाएगा।




Conclusion:बता दें कि दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एविएशन के तहत उड़ान के लिए शिलान्यास का काम दिसंबर 2018 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और उन्हीं के विभाग के राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने किया था। यहां से जून 2019 तक सेवा शुरू होनी थी, लेकिन काम में सुस्ती की वजह से तिथि आगे बढ़ती गई और अब मार्च 2020 के बाद ही सेवा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने से उत्तर बिहार के 22 जिलों और नेपाल के सीमावर्ती जिलों के लोगों को फायदा होगा। उन्हें विमान पकड़ने के लिए पटना या कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा।

one to one with wing commander के साथ
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विजय कुमार श्रीवास्तव
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