दरभंगा: 19वां अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन (19th International Maithili Conference) उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आयोजित किया जाएगा. ये कार्यक्रम 22 और 23 दिसंबर 2021 को आयोजित होगा. इस कार्यक्रम का आयोजन विद्यापति सेवा संस्थान दरभंगा (Vidyapati Seva Sansthan Darbhanga) की ओर से किया जाएगा. जिसमें देश-विदेश के कई भाषाओं के कवि, साहित्यकार, कलाकार और विद्वान शिरकत करेंगे. इस अवसर पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम और विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा.
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विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव वैद्यनाथ चौधरी बैजू (General Secretary Of VSS Vaidyanath Chaudhary Baiju) ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 137वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की. इस अवसर पर वहां उपस्थित लोगों ने राजेंद्र बाबू के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया. जिसके बाद डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि इस बार माता जानकी की जन्मभूमि से चलकर अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन राम नगरी अयोध्या को जाएगा.
उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर 2004 को मैथिली को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह मिली थी. इस तिथि को हर साल यह आयोजन होता है. विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं के कवि, साहित्यकार, कलाकार और विद्वानों का इस अवसर पर जुटान होता है. जिसमें अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों, कवियों, साहित्यकारों और पत्रकारों को सम्मानित किया जाता है.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन इसके पहले आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड के देवघर, गुजरात के अहमदाबाद, असम के गुवाहाटी, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई बड़े शहरों में आयोजित हो चुका है. हर वर्ष मैथिली दिवस पर यह सम्मेलन उन स्थानों पर आयोजित किया जाता है, जहां मैथिली भाषी लोगों की संख्या ज्यादा होती है.
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