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भारत की प्रथम महिला शिक्षिक सावित्री बाई फुले की मनाई गई 190 वीं जयंती - Savitribai Phule birth anniversary

दरभंगा में शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 190 वीं जयंती समारोह मनाई गई. इस मौक पर विद्वान और लोग मौजूद रहे. वहीं, इनकी विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प किया.

Darbhang
सावित्रीबाई फुले
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Published : Jan 4, 2021, 11:00 AM IST

दरभंगा: भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 190 वी जयंती समारोह रविवार को लहेरियासराय स्थित के एम टैंक पर मनाई गई. इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले की तस्वीर पर दीप प्रज्ज्वलित और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. वहां मौजूद लोगों ने उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया.

बालिकाओं की शिक्षा के लिए की थी विद्यालय की स्थापना
उमेश राय ने कहा कि आज समाज में महिला को कुछ आजादी मिली है तो इसमें समाज सेविका माता सावित्रीबाई फुले का अहम योगदान है.

Darbhang
शिक्षिका सावित्री बाई फूले की मनाई जयंती

'महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखने के लिए षड्यंत्र रची गई थी ताकि वे शिक्षित होकर अपने हक और अधिकार की बात ना करने लगे. उस विपरीत परिस्थिति में माता सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को शिक्षित करने के लिए संघर्ष की और बालिकाओं के लिए के विद्यालय की स्थापना की थी.'- उमेश राय, वक्ता

Darbhanga
शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 190 वी जयंती मनाई गई

महिलाओं को शिक्षित करने के साथ समाज से कुरीतियों को मिटाने का किया काम
उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले शिक्षक के साथ मराठी की कवयित्री थीं. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. उन्होंने कहा कि जिस समय महिला को किसी भी समाज में शिक्षा पाने का अधिकार नहीं था. उन्होंने अपने पति से शिक्षा प्राप्त कर बालिकाओं को शिक्षा देने के लिए कई तरह की दिक्कतों को झेलते हुए, कर्तव्य पथ पर अडिग और सफल रहीं.

उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ समाज से कई कुरीतियों को मिटाने का काम किया. इस अवसर पर बंधु अमर नाथ मिश्र, मानवेंद्र चौधरी, राम भूषण यादव, दिनेश साफी सहित कई लोग उपस्थित थे.

दरभंगा: भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 190 वी जयंती समारोह रविवार को लहेरियासराय स्थित के एम टैंक पर मनाई गई. इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले की तस्वीर पर दीप प्रज्ज्वलित और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. वहां मौजूद लोगों ने उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया.

बालिकाओं की शिक्षा के लिए की थी विद्यालय की स्थापना
उमेश राय ने कहा कि आज समाज में महिला को कुछ आजादी मिली है तो इसमें समाज सेविका माता सावित्रीबाई फुले का अहम योगदान है.

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शिक्षिका सावित्री बाई फूले की मनाई जयंती

'महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखने के लिए षड्यंत्र रची गई थी ताकि वे शिक्षित होकर अपने हक और अधिकार की बात ना करने लगे. उस विपरीत परिस्थिति में माता सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को शिक्षित करने के लिए संघर्ष की और बालिकाओं के लिए के विद्यालय की स्थापना की थी.'- उमेश राय, वक्ता

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शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 190 वी जयंती मनाई गई

महिलाओं को शिक्षित करने के साथ समाज से कुरीतियों को मिटाने का किया काम
उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले शिक्षक के साथ मराठी की कवयित्री थीं. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. उन्होंने कहा कि जिस समय महिला को किसी भी समाज में शिक्षा पाने का अधिकार नहीं था. उन्होंने अपने पति से शिक्षा प्राप्त कर बालिकाओं को शिक्षा देने के लिए कई तरह की दिक्कतों को झेलते हुए, कर्तव्य पथ पर अडिग और सफल रहीं.

उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ समाज से कई कुरीतियों को मिटाने का काम किया. इस अवसर पर बंधु अमर नाथ मिश्र, मानवेंद्र चौधरी, राम भूषण यादव, दिनेश साफी सहित कई लोग उपस्थित थे.

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