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बाल यौन उत्पीड़न पर डॉक्टर्स ने कहा- बच्चों को दी जाए 'गुड टच' और 'बैड टच' की जानकारी

बाल यौन उत्पीड़न कार्यशाला में देश विदेश से जुटे चिकित्सकों ने कहना है कि बच्चों के साथ सबसे ज्यादा उत्पीड़न उनके रिश्तेदार ही करते हैं इसलिए स्कूलों में गुड टच और बैड टच की जानकारी दी जाए.

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Published : Feb 4, 2019, 1:47 PM IST

बाल यौन उत्पीड़न पर कार्यशाला

पटना : समाज कल्याण विभाग ने बाल यौन उत्पीड़न पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया. यहां देश दुनिया के कई चिकित्सक, सामाजिक संगठन एवं सामाजिक कल्याण संस्थान के शोधकर्ताओँ का जुटान हुआ. इस कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के प्रबंध निदेशक डॉक्टर विजयालक्ष्मी, मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल प्रसाद समाज, डॉ. बीके भारती, डॉक्टर निगम, डॉक्टर राजीव सेठ एवं रूस से आए वरिष्ठ चिकित्सक समेत कई चिकित्सकों शिरकत ने की.

कार्यक्रम में सभी ने चाइल्ड एब्यूज अवेयरनेस के बारे में जानकारी दी. वहीं, समाज कल्याण के प्रबंध निदेशक डॉक्टर विजयालक्ष्मी ने कहा कि बच्चों के साथ हुए यौन शोषण के मामलों पर शोध में यह खुलासा हुआ है कि रिश्तेदार ही उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं. जरूरत है कि विभिन्न स्कूलों और संस्थानों में गुड टच और बैड टच के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाए.

बाल यौन उत्पीड़न पर कार्यशाला
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वहीं, मेडिकल डायरेक्टर ग्लोबल इनिशिएटिव चाइल्ड हेल्थ के डॉक्टर ने कहा कि यौन शोषण मामले में रिश्तेदार की भूमिका अहम होती है इसलिए उन्हें सुरक्षा के प्रति सचेत और जागरुकता जरूरी है. सरकार ने उन बच्चों के लिए पॉस्को एक्ट बनाए हैं, जिसके बारे में समाज में जागरुकता जरूरी है.

पटना : समाज कल्याण विभाग ने बाल यौन उत्पीड़न पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया. यहां देश दुनिया के कई चिकित्सक, सामाजिक संगठन एवं सामाजिक कल्याण संस्थान के शोधकर्ताओँ का जुटान हुआ. इस कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के प्रबंध निदेशक डॉक्टर विजयालक्ष्मी, मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल प्रसाद समाज, डॉ. बीके भारती, डॉक्टर निगम, डॉक्टर राजीव सेठ एवं रूस से आए वरिष्ठ चिकित्सक समेत कई चिकित्सकों शिरकत ने की.

कार्यक्रम में सभी ने चाइल्ड एब्यूज अवेयरनेस के बारे में जानकारी दी. वहीं, समाज कल्याण के प्रबंध निदेशक डॉक्टर विजयालक्ष्मी ने कहा कि बच्चों के साथ हुए यौन शोषण के मामलों पर शोध में यह खुलासा हुआ है कि रिश्तेदार ही उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं. जरूरत है कि विभिन्न स्कूलों और संस्थानों में गुड टच और बैड टच के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाए.

बाल यौन उत्पीड़न पर कार्यशाला
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वहीं, मेडिकल डायरेक्टर ग्लोबल इनिशिएटिव चाइल्ड हेल्थ के डॉक्टर ने कहा कि यौन शोषण मामले में रिश्तेदार की भूमिका अहम होती है इसलिए उन्हें सुरक्षा के प्रति सचेत और जागरुकता जरूरी है. सरकार ने उन बच्चों के लिए पॉस्को एक्ट बनाए हैं, जिसके बारे में समाज में जागरुकता जरूरी है.

Intro:बाल यौन उत्पीडन को लेकर राज्य स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन,



Body:बाल यौन उत्पीड़न को लेकर राज्य स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन

बिहार में इन दिनों बाल उत्पीड़न के मामले रोजाना विभिन्न जिलों से खबरें  आ रही हैं, गांव से लेकर शहर तक प्रत्येक दिन कहीं ना कहीं कोई बच्चा बाल यौन उत्पीड़न का शिकार हो रहा है, घर हो या बाहर स्कूल हो या किसी संस्थान हर जगह बाल यौन उत्पीड़न के मामले देखे गए हैं, ऐसे में बढ़ते हुए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभिन्न सरकारी संस्थानों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं वहीं आज राजधानी पटना में समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रोग्राम में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जहां पर देश दुनिया के कई बड़े चिकित्सक सामाजिक संगठन एवं सामाजिक कल्याण संस्थान के शोधकर्ता का जुटान हुआ है, वहीं इस कार्यक्रम का उद्घाटन समाज कल्याण विभाग के प्रबंध निदेशक डॉक्टर विजयालक्ष्मी, एडीशनल चीफ सेक्रेट्री अतुल प्रसाद समाज, मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ बीके भारती, डॉक्टर निगम, डॉक्टर राजीव सेठ एवं कैलिफोर्निया रूस से आते वरिष्ठ चिकित्सक, दिल्ली एम्स के चिकित्सक समेत कई चिकित्सक शिरकत कीये,
कार्यक्रम में सबों ने चाइल्ड एब्यूज अवेयरनेस के बारे में अपनी अपनी बात रखी वहीं समाज कल्याण के प्रबंध निदेशक डॉक्टर विजयालक्ष्मी ने कहा कि बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में अभी तक सबसे ज्यादा शोध में यह खुलासा हुआ है कि इस बच्चे से जुड़े हुए परीक्षित रिश्तेदार ही उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं इसलिए जरूरत है कि विभिन्न स्कूलों में संस्थानों में गुड टच बैड टच के बारे में बच्चों को जानकारी दिया जाए एवं परिचित रिश्तेदारों के हाव-भाव परखने की जानकारी उन्हें दिया जाए ताकि वह अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं आज के दौर में बच्चों के प्रोडक्शन और उनके हेल्थ के प्रति जागरूक करना जरूरी है वहीं मेडिकल डायरेक्टर ग्लोबल इनिशिएटिव चाइल्ड हेल्थ के डॉक्टर ने कहा कि यौन शोषण मामले में रिश्तेदार की भूमिका अहम होती है इसलिए उन्हें सुरक्षा के प्रति सचेत और जागरुकता जरूरी हो गया है सरकार ने उन बच्चों के लिए पोस्को एक्ट बनाए हैं जिसके बारे में समाज में जागरुकता जरूरी है और इस नियम का राय के साथ पालन भी जरूरी हैसमाज में बढ़ रहे हैं गलत मानसिकता के इस दौर में छोटे-छोटे बच्चों को यौन अपराध के बारे में बताना बेहद जरूरी हो गया है स्कूल जाने से लेकर स्कूल आने एवं अपने रिश्तेदार के यहां जाने को लेकर गुड टच एवं बैठक की जानकारी समय-समय पर  देना चाहिए




Conclusion:बाईट-डाक्टर जोरडन ग्रीबहम,मेडिकल डायरेक्टर, आईसीएमसी दिल्ली
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