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JDU बना पाला बदलने वाले नेताओं का डंपिंग यार्ड , दल बदलने वालों को नहीं मिला टिकट

लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं ने जमकर दल-बदल के खेल में हिस्सा लिया. दल बदलने वाले नेताओं को यह उम्मीद थी कि उन्हें लोकसभा का टिकट मिलेगा. ज्यादातर नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जेडीयू का दामन थामा.

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Published : May 3, 2019, 10:02 PM IST

पटना: बिहार में 19 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव हो चुके हैं लेकिन दलबदल का खेल जारी है. टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेताओं ने जेडीयू का दामन थामा लेकिन उनकी स्थिति माया मिली न राम वाली हो गई. जेडीयू नाराज नेताओं का डंपिंग यार्ड बनकर रह गया है.

दल-बदल का खेल
लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं ने जमकर दल-बदल के खेल में हिस्सा लिया. दल बदलने वाले नेताओं को यह उम्मीद थी कि उन्हें लोकसभा का टिकट मिलेगा. ज्यादातर नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जेडीयू का दामन थामा. लेकिन दल बदलने वाले नेताओं को निराशा हाथ लगी. नीतीश कुमार ने दल बदलने वाले नेताओं के बजाय नए प्रत्याशी पर दांव लगाना मुनासिब समझा.

लॉटरी की उम्मीद पर पानी फिरा
महागठबंधन खेमे से नाराज कई नेताओं ने नीतीश कुमार की छतरी में आने का फैसला लिया. जेडीयू के खाते में 17 सीटें जाने पर नेताओं को यह उम्मीद थी कि उनकी लॉटरी निकल सकती है और वह संसद जेडीयू के रास्ते पहुंच सकते हैं. कई नेताओं ने पाला बदलकर जेडीयू का दामन थामा.

इन्होंने थामा इनका हाथ
पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू में आए और उन्हें टिकट की उम्मीद थी तेजतर्रार कुशवाहा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि नेवी रेडियो का दामन थामा और उन्हें भी अपने हिस्से के टिकट की उम्मीद थी. अपनी पत्नी सुचित्रा सिन्हा को भी उन्होंने पार्टी में शामिल कर आया था और उम्मीद है क्या था कि दोनों में से एक को जेडीयू का टिकट मिल जाएगा.

राजनीतिक समीकरण
वहीं पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा बीजेपी में शामिल हुए और उन्हें भी लोकसभा टिकट की उम्मीद थी भगवान सिंह कुशवाहा आरा या काराकाट से चुनाव लड़ना चाहते थे. लंबे समय तक उन्होंने नीतीश कुमार के साथ राजनीति भी की है.

जेडीयू की सदस्यता
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामजतन सिन्हा भी पूरे तामझाम के साथ जदयू में शामिल हुए राम रतन सिन्हा जहानाबाद से अपने लिए लोकसभा की टिकट चाहते थे. इसके अलावा बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बागी वर्मा पूर्व एमएलसी राम बदन सिंह सहित कई नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ली और टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन पाला बदलने वाले नेताओं को अंततः निराशा हाथ लगी.

नागमणि ने क्या कहा
हालांकि नेताओं के सुर अब बदले बदले हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि का कहना है कि वह किसी स्वार्थ में जदयू में शामिल नहीं हुए थे और नीतीश कुमार उन्हें जिस स्थिति में रखेंगे जो जिम्मेदारी देंगे उसे वह संभालने का काम करेंगे नागमणि ने कहा कि मैंने पार्टी से पद और प्रतिष्ठा की उम्मीद नहीं की है.

नागमणि

हम का पक्ष
हम पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि महागठबंधन सोने वाले तमाम नेताओं का हाल ऐसा हुआ कि वह ना घर के रहे न घाट के अगर वह सम्मान के साथ महागठबंधन में रहते तो उनकी बेहतरी हो शक्ति थी लेकिन 9:00 अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने का काम किया.

विपक्ष के आरोपों पर एनडीए का पलटवार
विपक्ष के आरोपों पर एनडीए नेताओं ने पलटवार किया पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि विपक्ष हमारे ऊपर आरोप लगाती है लेकिन खरीद-फरोख्त का आरोप मां गठबंधन के ऊपर लगा है और महागठबंधन ने ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है जिसका परिचय आज जनता पूछ रही है.

पटना: बिहार में 19 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव हो चुके हैं लेकिन दलबदल का खेल जारी है. टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेताओं ने जेडीयू का दामन थामा लेकिन उनकी स्थिति माया मिली न राम वाली हो गई. जेडीयू नाराज नेताओं का डंपिंग यार्ड बनकर रह गया है.

दल-बदल का खेल
लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं ने जमकर दल-बदल के खेल में हिस्सा लिया. दल बदलने वाले नेताओं को यह उम्मीद थी कि उन्हें लोकसभा का टिकट मिलेगा. ज्यादातर नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जेडीयू का दामन थामा. लेकिन दल बदलने वाले नेताओं को निराशा हाथ लगी. नीतीश कुमार ने दल बदलने वाले नेताओं के बजाय नए प्रत्याशी पर दांव लगाना मुनासिब समझा.

लॉटरी की उम्मीद पर पानी फिरा
महागठबंधन खेमे से नाराज कई नेताओं ने नीतीश कुमार की छतरी में आने का फैसला लिया. जेडीयू के खाते में 17 सीटें जाने पर नेताओं को यह उम्मीद थी कि उनकी लॉटरी निकल सकती है और वह संसद जेडीयू के रास्ते पहुंच सकते हैं. कई नेताओं ने पाला बदलकर जेडीयू का दामन थामा.

इन्होंने थामा इनका हाथ
पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू में आए और उन्हें टिकट की उम्मीद थी तेजतर्रार कुशवाहा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि नेवी रेडियो का दामन थामा और उन्हें भी अपने हिस्से के टिकट की उम्मीद थी. अपनी पत्नी सुचित्रा सिन्हा को भी उन्होंने पार्टी में शामिल कर आया था और उम्मीद है क्या था कि दोनों में से एक को जेडीयू का टिकट मिल जाएगा.

राजनीतिक समीकरण
वहीं पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा बीजेपी में शामिल हुए और उन्हें भी लोकसभा टिकट की उम्मीद थी भगवान सिंह कुशवाहा आरा या काराकाट से चुनाव लड़ना चाहते थे. लंबे समय तक उन्होंने नीतीश कुमार के साथ राजनीति भी की है.

जेडीयू की सदस्यता
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामजतन सिन्हा भी पूरे तामझाम के साथ जदयू में शामिल हुए राम रतन सिन्हा जहानाबाद से अपने लिए लोकसभा की टिकट चाहते थे. इसके अलावा बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बागी वर्मा पूर्व एमएलसी राम बदन सिंह सहित कई नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ली और टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन पाला बदलने वाले नेताओं को अंततः निराशा हाथ लगी.

नागमणि ने क्या कहा
हालांकि नेताओं के सुर अब बदले बदले हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि का कहना है कि वह किसी स्वार्थ में जदयू में शामिल नहीं हुए थे और नीतीश कुमार उन्हें जिस स्थिति में रखेंगे जो जिम्मेदारी देंगे उसे वह संभालने का काम करेंगे नागमणि ने कहा कि मैंने पार्टी से पद और प्रतिष्ठा की उम्मीद नहीं की है.

नागमणि

हम का पक्ष
हम पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि महागठबंधन सोने वाले तमाम नेताओं का हाल ऐसा हुआ कि वह ना घर के रहे न घाट के अगर वह सम्मान के साथ महागठबंधन में रहते तो उनकी बेहतरी हो शक्ति थी लेकिन 9:00 अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने का काम किया.

विपक्ष के आरोपों पर एनडीए का पलटवार
विपक्ष के आरोपों पर एनडीए नेताओं ने पलटवार किया पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि विपक्ष हमारे ऊपर आरोप लगाती है लेकिन खरीद-फरोख्त का आरोप मां गठबंधन के ऊपर लगा है और महागठबंधन ने ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है जिसका परिचय आज जनता पूछ रही है.

Intro:बिहार में 19 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव हो चुके हैं लेकिन दलबदल का खेल जा रही है टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेताओं ने जेडीयू का दामन थामा लेकिन उनकी स्थिति माया मिली न राम वाली हो गई जेडीयू नाराज नेताओं का डंपिंग यार्ड बनकर रह गया


Body:लोकसभा चुनाव के पहले नेताओं ने जमकर दल बदल के खेल में हिस्सा लिया दल बदलने वाले नेताओं को यह उम्मीद थी कि उन्हें लोकसभा की टिकट मिलेगी ज्यादातर नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जेडीयू का दामन थामा लेकिन दल बदलने वाले नेताओं को निराशा हाथ लगी नीतीश कुमार ने दल बदलने वाले नेताओं के बजाय नए प्रत्याशी पर दाल लगाना मुनासिब समझा ।


Conclusion:महागठबंधन खेमे से नाराज कई नेताओं ने नीतीश कुमार की छतरी में आने का फैसला लिया जेडीयू के खाते में 17 सीटें जाने पर नेताओं को यह उम्मीद थी उनके लाटरी निकल सकती है और वह संसद जेडीयू के रास्ते पहुंच सकते हैं कई नेताओं ने पाला बदलकर जेडीयू का दामन थामा
पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू में आए और उन्हें टिकट की उम्मीद थी तेजतर्रार कुशवाहा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि नेवी रेडियो का दामन थामा और उन्हें भी अपने हिस्से के टिकट की उम्मीद थी अपनी पत्नी सुचित्रा सिन्हा को भी उन्होंने पार्टी में शामिल कर आया था और उम्मीद है क्या था कि दोनों में से एक को जेडीयू का टिकट मिल जाएगा।
पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा बीजेपी में शामिल हुए और उन्हें भी लोकसभा टिकट की उम्मीद थी भगवान सिंह कुशवाहा आरा या काराकाट से चुनाव लड़ना चाहते थे लंबे समय तक उन्होंने नीतीश कुमार के साथ राजनीति भी की है ।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामजतन सिन्हा भी पूरे तामझाम के साथ जदयू में शामिल हुए राम रतन सिन्हा जहानाबाद से अपने लिए लोकसभा की टिकट चाहते थे ।
इसके अलावा बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बागी वर्मा पूर्व एमएलसी राम बदन सिंह सहित कई नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ली और टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन पाला बदलने वाले नेताओं को अंततः निराशा हाथ लगी ।
हालांकि नेताओं के सुर अब बदले बदले हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि का कहना है कि वह किसी स्वार्थ में जदयू में शामिल नहीं हुए थे और नीतीश कुमार उन्हें जिस स्थिति में रखेंगे जो जिम्मेदारी देंगे उसे वह संभालने का काम करेंगे नागमणि ने कहा कि मैंने पार्टी से पद और प्रतिष्ठा की उम्मीद नहीं की है ।
हम पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि महागठबंधन सोने वाले तमाम नेताओं का हाल ऐसा हुआ कि वह ना घर के रहे न घाट के अगर वह सम्मान के साथ महागठबंधन में रहते तो उनकी बेहतरी हो शक्ति थी लेकिन 9:00 अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने का काम किया ।
विपक्ष के आरोपों पर एनडीए नेताओं ने पलटवार किया पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि विपक्ष हमारे ऊपर आरोप लगाती है लेकिन खरीद-फरोख्त का आरोप मां गठबंधन के ऊपर लगा है और मां गठबंधन ने ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है जिसका परिचय आज जनता पूछ रही है
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