पटना: नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने सामने है. मीसा भारती ने कहा कि शिक्षकों को उनका वेतन मिलना चाहिए. जब उनकी सरकार सत्ता में आएगी तो वो इस पर विचार करेंगी. इस पर सत्ता पक्ष का कहना है कि ये शिक्षक आरजेडी के झांसे में नहीं आने वाले हैं. उनकी सरकार समय-समय पर उनके वेतन में वृद्धि करती रहती है.
मीसा भारती पर साधा निशाना
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू के 15 वर्षों के कार्यकाल में शिक्षा हो या कोई नियुक्ति किसी पर भी काम नहीं हुआ है. अब मीसा भारती शिक्षकों को गुमराह करने में लगी है. ऐसे बयान देकर वो शिक्षकों को अपने पक्ष में करना चाहती हैं. मगर शिक्षक उनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं.
2009 से शिक्षक लड़ रहे लड़ाई
बता दें कि बिहार के लगभग चार लाख माध्यमिक नियोजित शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर 2009 से लड़ाई लड़ रहे है. पटना हाइकोर्ट ने इनकी मांगों को सही मानते हुए अक्टूबर 2017 में फैसला सुना था.
सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. इसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी माध्यमिक नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को निरस्त कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है.