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SC के फैसले पर बोलीं मीसा भारती- सत्ता में आने पर शिक्षकों पर करेंगी विचार - सुप्रिम कोर्ट

आरजेडी नेता मीसा भारती ने कहा है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आएगी तो वो शिक्षकों के समान काम समान वेतन पर जरूर विचार करेंगी.

मीसा भारती, आरजेडी नेता
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Published : May 10, 2019, 4:32 PM IST

पटना: नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने सामने है. मीसा भारती ने कहा कि शिक्षकों को उनका वेतन मिलना चाहिए. जब उनकी सरकार सत्ता में आएगी तो वो इस पर विचार करेंगी. इस पर सत्ता पक्ष का कहना है कि ये शिक्षक आरजेडी के झांसे में नहीं आने वाले हैं. उनकी सरकार समय-समय पर उनके वेतन में वृद्धि करती रहती है.

मीसा भारती पर साधा निशाना
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू के 15 वर्षों के कार्यकाल में शिक्षा हो या कोई नियुक्ति किसी पर भी काम नहीं हुआ है. अब मीसा भारती शिक्षकों को गुमराह करने में लगी है. ऐसे बयान देकर वो शिक्षकों को अपने पक्ष में करना चाहती हैं. मगर शिक्षक उनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं.

मीसा भारती, आरजेडी नेता

2009 से शिक्षक लड़ रहे लड़ाई
बता दें कि बिहार के लगभग चार लाख माध्यमिक नियोजित शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर 2009 से लड़ाई लड़ रहे है. पटना हाइकोर्ट ने इनकी मांगों को सही मानते हुए अक्टूबर 2017 में फैसला सुना था.

सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. इसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी माध्यमिक नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को निरस्त कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है.

पटना: नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने सामने है. मीसा भारती ने कहा कि शिक्षकों को उनका वेतन मिलना चाहिए. जब उनकी सरकार सत्ता में आएगी तो वो इस पर विचार करेंगी. इस पर सत्ता पक्ष का कहना है कि ये शिक्षक आरजेडी के झांसे में नहीं आने वाले हैं. उनकी सरकार समय-समय पर उनके वेतन में वृद्धि करती रहती है.

मीसा भारती पर साधा निशाना
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू के 15 वर्षों के कार्यकाल में शिक्षा हो या कोई नियुक्ति किसी पर भी काम नहीं हुआ है. अब मीसा भारती शिक्षकों को गुमराह करने में लगी है. ऐसे बयान देकर वो शिक्षकों को अपने पक्ष में करना चाहती हैं. मगर शिक्षक उनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं.

मीसा भारती, आरजेडी नेता

2009 से शिक्षक लड़ रहे लड़ाई
बता दें कि बिहार के लगभग चार लाख माध्यमिक नियोजित शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर 2009 से लड़ाई लड़ रहे है. पटना हाइकोर्ट ने इनकी मांगों को सही मानते हुए अक्टूबर 2017 में फैसला सुना था.

सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. इसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी माध्यमिक नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को निरस्त कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है.

Intro:शिक्षकों के समान काम के समान वेतन को लेकर पक्ष विपक्ष आमने सामने हैं राजद नेता मीसा भारती ने कहा कि उनको समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए और हमारी सरकार बनेगी तो हम लोग इनके बारे में सोचेंगे तो वही सत्ता पक्ष का कहना है कि आरजेडी के झांसे में नहीं आने वाले हैं शिक्षक सरकार समय-समय पर उनके वेतन में वृद्धि करती रहती हैं...


Body:पटना--- लोकसभा चुनाव का दौर अंतिम चरण में है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट शिक्षक को लेकर समान काम के समान वेतन को लेकर आज अपना अहम फैसला सुना दिया है जिसको लेकर बिहार की सरगर्मी तेज हो गई है पक्ष विपक्ष आमने-सामने हैं सुप्रीम कोर्ट में आज नियोजित माध्यमिक शिक्षकों को नहीं मिलेगा समान काम का समान वेतन अपना फैसला सुना दिया है जिसको लेकर शिक्षक संघ ले तो विरोध करना शुरू कर दिया है साथ में राजनीति भी होने लगी है राजद नेता मीसा भारती ने शिक्षकों को समान काम के समान वेतन को लेकर बड़ा बयान दिया है निशा भारती ने कहा है कि शिक्षकों को समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए और जब हमारी सरकार आएगी तो उनके बारे में हम लोग सोचेंगे,

मीसा भारती के इस बयान को लेकर सत्ता पक्ष उनको फाइनल दिखाना शुरू कर दिया है जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहां है क्या शिक्षक और के झांसे में नहीं आने वाले क्योंकि शिक्षकों के पता है कि नीतीश कुमार जब सत्ता में आया है शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की बहाली करके एक बड़ा इतिहासिक काम किया बिहार में जब कोई संसाधन नहीं था लेकिन नीतीश कुमार ने बहुत बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली की इतना ही नहीं उनको समय-समय पर वेतन में भी वृद्धि की

वहीं राजीव रंजन ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू के 15 साल के कार्यकाल में शिक्षा हो या और कोई नियुक्तियां होने का नाम ही नहीं ले रही थी इसलिए चुनाव के समय निशा भारती ने शिक्षकों को गुमराह करने के लिए इस तरह के बयान दे कर अपने पक्ष में लाना चाह रही हैं लेकिन शिक्षक इतना बड़ी भूख नहीं है कि इनके बहकावे में आ जाए इसलिए चुनाव के ठीक समय यह फैसला आया है इसको लेकर इस तरह के बयान दिए जाते हैं लेकिन जनता सब समझती है।

बाइट--- मीसा भारती नेता आरजेडी

बाइट--- राजीव रंजन प्रवक्ता जदयू


Conclusion:बरहाल हम आपको बता दें कि शिक्षकों के समान काम के समान वेतन को लेकर शिक्षक संघ और सरकार के बीच लगातार विवाद चल रहा था सरकार और संत एक दूसरे के खिलाफ कोर्ट की शरण में थे लेकिन पटना हाई कोर्ट में शिक्षक संघ के तरफ से फैसला सुनाया और समान काम का समान वेतन देने के लिए सरकार को भी आदेश दिया था लेकिन हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी और लंबी बहस के बाद अंततोगत्वा आज सुप्रीम कोर्ट में अपना फैसला सुना दिया है जिसमें शिक्षकों को समान काम का समान वेतन नहीं मिलेगा अब देखना है कि शिक्षक संघ अपना अगला कदम क्या उठाते हैं।
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