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विश्व प्रसिद्ध पंचकोशी परिक्रमा शुरू, पहले दिन श्रद्धालुओं ने अहिल्या आश्रम में जलाया दीप - भगवान राम

केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वर्चुअल माध्यम से पंचकोशी परिक्रमा का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि बक्सर में भगवान राम की एक श्रेष्ठतम मूर्ति स्थापित होगी. यहां अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा.

ashwini choubey
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे
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Published : Dec 5, 2020, 7:53 PM IST

बक्सर: विश्व प्रसिद्ध पंचकोशी परिक्रमा यात्रा की शुरुआत शनिवार को हुई. पहले दिन श्रद्धालुओं ने माता अहिल्या के आश्रम में दीप जलाकर पूजा किया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वर्चुअल माध्यम से पंचकोशी परिक्रमा का शुभारंभ किया.

अश्विनी चौबे ने कहा कि भगवान राम की एक श्रेष्ठतम मूर्ति बक्सर में स्थापित होगी. अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और पर्यटन केंद्र के रूप में भगवान श्री राम की प्रशिक्षण व पराक्रम स्थली बक्सर को विशेष स्थान दिलाया जाएगा. इसकी रूपरेखा बनाई जा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित श्रीराम कर्मभूमि सिद्धाश्रम चेतना मंच की संरचना की गई है. देशभर के साधु-संतों को मार्गदर्शक मंडल में आमंत्रित किया जाएगा.

भगवान राम ने की थी यात्रा की शुरुआत
अश्विनी चौबे ने कहा कि आज पंचकोशी यात्रा ने मेला का रूप ले लिया है. यह त्रेतायुग में तब प्रारंभ हुआ जब महर्षि विश्वामित्र अयोध्या से श्री राम व लक्ष्मण को लाए. उनके द्वारा बक्सर को राक्षसी ताड़का और राक्षस मारीच व सुबाहु के आतंक से मुक्त कराया था. इसी दौरान भगवान श्रीराम व लक्ष्मण ने साधु संतों की मंडली के साथ परिक्रमा किया था. भक्तों ने पकवान आदि से उनका स्वागत किया था.

अंतरराष्ट्रीय स्तर का अध्ययन केंद्र बनेगा
चौबे ने कहा कि बक्सर भगवान श्री राम की प्रशिक्षण स्थली और पराक्रम की भूमि रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बक्सर को पहचान दिलाया जाएगा. इस शहर को रामायण सर्किट में पहले ही शामिल कर लिया गया है. कोरोना काल से पहले बड़ी संख्या में रामायण ट्रेन से दक्षिण भारत से लोग यहां भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों को देखने आए थे.

भगवान श्री राम की श्रेष्ठतम मूर्ति मां गंगा के सामने स्थापित की जाएगी. यहां विशाल यज्ञ मंडप का निर्माण होगा, जिसमें 24 घंटे हवन होगा. सतयुग के समय से ही यहां पर ऋषि मुनि यज्ञ करते थे. भगवान श्री राम के बाल्यकाल से लेकर उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को झांकी में पिरोकर कलात्मक म्यूजियम तैयार किया जाएगा.

बक्सर: विश्व प्रसिद्ध पंचकोशी परिक्रमा यात्रा की शुरुआत शनिवार को हुई. पहले दिन श्रद्धालुओं ने माता अहिल्या के आश्रम में दीप जलाकर पूजा किया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वर्चुअल माध्यम से पंचकोशी परिक्रमा का शुभारंभ किया.

अश्विनी चौबे ने कहा कि भगवान राम की एक श्रेष्ठतम मूर्ति बक्सर में स्थापित होगी. अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और पर्यटन केंद्र के रूप में भगवान श्री राम की प्रशिक्षण व पराक्रम स्थली बक्सर को विशेष स्थान दिलाया जाएगा. इसकी रूपरेखा बनाई जा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित श्रीराम कर्मभूमि सिद्धाश्रम चेतना मंच की संरचना की गई है. देशभर के साधु-संतों को मार्गदर्शक मंडल में आमंत्रित किया जाएगा.

भगवान राम ने की थी यात्रा की शुरुआत
अश्विनी चौबे ने कहा कि आज पंचकोशी यात्रा ने मेला का रूप ले लिया है. यह त्रेतायुग में तब प्रारंभ हुआ जब महर्षि विश्वामित्र अयोध्या से श्री राम व लक्ष्मण को लाए. उनके द्वारा बक्सर को राक्षसी ताड़का और राक्षस मारीच व सुबाहु के आतंक से मुक्त कराया था. इसी दौरान भगवान श्रीराम व लक्ष्मण ने साधु संतों की मंडली के साथ परिक्रमा किया था. भक्तों ने पकवान आदि से उनका स्वागत किया था.

अंतरराष्ट्रीय स्तर का अध्ययन केंद्र बनेगा
चौबे ने कहा कि बक्सर भगवान श्री राम की प्रशिक्षण स्थली और पराक्रम की भूमि रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बक्सर को पहचान दिलाया जाएगा. इस शहर को रामायण सर्किट में पहले ही शामिल कर लिया गया है. कोरोना काल से पहले बड़ी संख्या में रामायण ट्रेन से दक्षिण भारत से लोग यहां भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों को देखने आए थे.

भगवान श्री राम की श्रेष्ठतम मूर्ति मां गंगा के सामने स्थापित की जाएगी. यहां विशाल यज्ञ मंडप का निर्माण होगा, जिसमें 24 घंटे हवन होगा. सतयुग के समय से ही यहां पर ऋषि मुनि यज्ञ करते थे. भगवान श्री राम के बाल्यकाल से लेकर उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को झांकी में पिरोकर कलात्मक म्यूजियम तैयार किया जाएगा.

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