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32 लाख हर महीने देने के बाद भी शहर का ये हाल, अधिकारी की दलील- 'ठंड के कारण नहीं हुई सफाई'

नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार ने कहा कि ठंड के कारण अच्छे से सफाई नहीं हो पा रही है. जिसके कारण इतनी गंदगी फैली है.

garbage in buxar
बक्सर में गंदगी
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Published : Jan 14, 2020, 9:53 AM IST

बक्सर: केंद्र सरकार का स्वच्छता मिशन और राज्य सरकार की स्मार्ट सिटी की योजना शहर को गंदगी से मुक्त नहीं करा पा रही है. शहर में हर जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है. जिससे लोगों का जीना दूभर हो गया है.

NGO को मिलते हैं 32 लाख रुपये प्रतिमाह
दरअसल, बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में कुल 34 वार्ड हैं. जहां इन 34 वार्डों की साफ-सफाई के लिए नगर परिषद की ओर से एक एनजीओ को टेंडर दिया गया है. जिसमें नगर परिषद हर महीने उस एनजीओ को 32 लाख रुपये का भुगतान करता है. उसके बावजूद पूरा शहर कूड़े के ढेर में तब्दील है.

शहर में फैली गंदगी से लोगों का जीना दूभर

सड़क पर यूं ही पड़ा रहता कचरा
शहर के पीपर पाती रोड से लेकर वीर कुंवर सिंह चौक, सत्यदेव मिल रोड समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां कूड़ा सड़क पर यूं ही पड़ा रहता है. लेकिन इसकी चिंता किसी को भी नहीं है. वहीं, शहर में फैली गंदगी पर नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार ने कहा कि ठंड के कारण अच्छे से सफाई नहीं हो पा रही है.

बक्सर: केंद्र सरकार का स्वच्छता मिशन और राज्य सरकार की स्मार्ट सिटी की योजना शहर को गंदगी से मुक्त नहीं करा पा रही है. शहर में हर जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है. जिससे लोगों का जीना दूभर हो गया है.

NGO को मिलते हैं 32 लाख रुपये प्रतिमाह
दरअसल, बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में कुल 34 वार्ड हैं. जहां इन 34 वार्डों की साफ-सफाई के लिए नगर परिषद की ओर से एक एनजीओ को टेंडर दिया गया है. जिसमें नगर परिषद हर महीने उस एनजीओ को 32 लाख रुपये का भुगतान करता है. उसके बावजूद पूरा शहर कूड़े के ढेर में तब्दील है.

शहर में फैली गंदगी से लोगों का जीना दूभर

सड़क पर यूं ही पड़ा रहता कचरा
शहर के पीपर पाती रोड से लेकर वीर कुंवर सिंह चौक, सत्यदेव मिल रोड समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां कूड़ा सड़क पर यूं ही पड़ा रहता है. लेकिन इसकी चिंता किसी को भी नहीं है. वहीं, शहर में फैली गंदगी पर नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार ने कहा कि ठंड के कारण अच्छे से सफाई नहीं हो पा रही है.

Intro:केंद्र सरकार का स्वच्छता मिशन अभियान एवं राज्य सरकार का स्मार्ट सिटी का योजना भी ,बक्सर शहर को नहीं करा सका गंदगी मुक्त






Body:बक्सर शहर के साफ-सफाई पर खर्च किए जाते हैं 32 रुपए प्रतिमाह, उसके बाद भी कूड़े के ढेर में तब्दील है पूरा शहर




बक्सर- बक्सर शहर में फैली गंदगी पर नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार की दलील, ठंड के कारण नहीं हो पा रहा है शत प्रतिशत शहरों की सफाई



V1- केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन अभियान ,एवं राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे, स्मार्ट सिटी का योजना भी बक्सर शहर को साफ रखने में नाकाम साबित हो रहा है ,दर्शल बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में कुल 34 वार्ड है, इन 34 वार्डों की साफ सफाई के लिए नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा एनजीओ को टेंडर दिया गया है ,इन 34 वार्डो की सफाई में नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा उस एनजीओ को 32 लाख रुपए प्रतिमाह भुगतान किया जाता है । उसके बाद भी शहर के पीपर पाती रोड से लेकर ,वीर कुंवर सिंह चौक ,सत्यदेव मिल रोड ,समेत कई ऐसे इलाके हैं जहां डस्टबिन भर कर कूड़ा सड़क पर गिर रहा है लेकिन इसका चिंता किसी को भी नहीं है।


V2- शहर में चारों तरफ फैली गंदगी को लेकर जब नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि शहरों की साफ-सफाई को लेकर नगर परिषद गंभीर है, लेकिन ठंड अधिक होने के कारण शहरों की साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं हो पा रहा है, जल्द ही बक्सर शहर को गंदगी से मुक्त कर लिया जाएगा।

byte-सुजीत कुमार कार्यपालक अभियन्ता नगरपरिषद


V3- बक्सर जिला प्रशासन एवं नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा केंद्र सरकार के स्वच्छता मिशन एवं नमामि गंगा योजना का धज्जियां किस तरह उड़ाया जा रहा है ,इसकी एक बानगी तस्वीर शहर के बीचोबीच, किला मैदान के समीप गंगा नदी से मात्र 100 मीटर की दूरी पर देखने को मिला जहां जिला प्रशासन एवं नगर परिषद के अधिकारियों की तालमेल से कूड़ा डंपिंग यार्ड बना दिया गया, जहां शहर के तमाम कूड़ा डंप किया जा रहा है, ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्वच्छता के प्रति प्रशासन कितना गंभीर है।


Conclusion:
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