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शराब के नशे में चूर पीएचसी प्रभारी का वीडियो वायरल, बोले- बदनाम करने की साजिश

बिहार में शराबबंदी (liquor ban in bihar) लागू हुए भले ही 5 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन शराबबंदी की हकीकत क्या है? ये बताने की जरुरत नहीं है. डुमराव अनुमंडल अंतर्गत रघुनाथपुर पीएचसी प्रभारी राजेश गुप्ता का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर हो रहा है. शराब के नशे में चूर पीएचसी प्रभारी मरीज से लेकर के स्वास्थ्य कर्मियों को गाली दे रहे हैं. आगे पढ़ें एवं देखें वीडियो...

शराब के नशे में चूर पीएचसी प्रभारी
शराब के नशे में चूर पीएचसी प्रभारी
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Published : Dec 27, 2022, 8:52 PM IST

बक्सर में नशे में चूर पीएचसी प्रभारी

बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में शराबबंदी को धता बता कर अक्सर सरकारी कर्मचारियों का शराब पीकर हंगामा (Uproar after drinking alcohol in Buxar) करने का वीडियो वायरल होता रहता है. इसी बीच रघुनाथपुर पीएचसी प्रभारी राजेश गुप्ता शराब के नशे में मरीज से लेकर के स्वास्थ्य कर्मियों को गाली दे रहे हैं. पीएचसी प्रभारी का वीडियो वायरल हो रहा है. पीएचसी प्रभारी मरीज से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सिगरेट पीते गाली गलौज कर रहे हैं .

ये भी पढ़ें : दूसरी पत्नी पिलाती थी शराब, पहली पत्नी की शिकायत पर शराबी पति गिरफ्तार


"यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. उस पीएचसी प्रभारी पर कार्रवाई करने के लिए बड़े अधिकारियों को पत्र लिखकर अनुशंसा करूंगा. इस तरह का आचरण कहीं से भी जायज नहीं है." -जितेन्द्र नाथ, सीएस, बक्सर



"कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा ही यह वीडियो बनाकर मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है. तीन-तीन बार पुलिस मुझे लेकर गई. उसके बाद भी शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई. इस बार भी शराब पीने का पुष्टि नहीं हुई है. कुछ लोगों को मेरी कुर्सी से जलन है. इसलिए साजिश करते हैं." - डॉ राजेश गुप्ता, पीएचसी प्रभारी

वीडियो में विफल दिखी शराबबंदीः वायरल वीडियो के माध्यम से शराबबंदी को लागू करने में पुलिस विफल होती दिख रही है. हालांकि, इस वायरल वीडियो की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शराब पीकर बहकी हरकत करने वाले स्वास्थ्यकर्मी का वीडियो वायरल होने पर बक्सर सिविल सर्जन ने कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र लिखने की बात कही है.

शराबबंदी से 2022 में सरकार को हुआ फायदाः शराबबंदी के कारण कहीं ना कहीं राज्य सरकार को एक ओर करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था. वहीं, साल 2022 में बिहार में इस साल अप्रैल में शराबबंदी संशोधन कानून लागू होने के बाद से छह माह में 72 हजार से अधिक अभियुक्त पहली बार शराब पीते हुए पकड़े गए हैं. इनमें पुलिस ने 38 हजार से अधिक जबकि मद्य निषेध विभाग ने 30 हजार से अधिक शराबियों को पकड़ा है. इन शराबियों को नियमानुसार, दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ा गया है. जिससे सरकार को 17.53 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है.

बक्सर में नशे में चूर पीएचसी प्रभारी

बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में शराबबंदी को धता बता कर अक्सर सरकारी कर्मचारियों का शराब पीकर हंगामा (Uproar after drinking alcohol in Buxar) करने का वीडियो वायरल होता रहता है. इसी बीच रघुनाथपुर पीएचसी प्रभारी राजेश गुप्ता शराब के नशे में मरीज से लेकर के स्वास्थ्य कर्मियों को गाली दे रहे हैं. पीएचसी प्रभारी का वीडियो वायरल हो रहा है. पीएचसी प्रभारी मरीज से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सिगरेट पीते गाली गलौज कर रहे हैं .

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"यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. उस पीएचसी प्रभारी पर कार्रवाई करने के लिए बड़े अधिकारियों को पत्र लिखकर अनुशंसा करूंगा. इस तरह का आचरण कहीं से भी जायज नहीं है." -जितेन्द्र नाथ, सीएस, बक्सर



"कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा ही यह वीडियो बनाकर मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है. तीन-तीन बार पुलिस मुझे लेकर गई. उसके बाद भी शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई. इस बार भी शराब पीने का पुष्टि नहीं हुई है. कुछ लोगों को मेरी कुर्सी से जलन है. इसलिए साजिश करते हैं." - डॉ राजेश गुप्ता, पीएचसी प्रभारी

वीडियो में विफल दिखी शराबबंदीः वायरल वीडियो के माध्यम से शराबबंदी को लागू करने में पुलिस विफल होती दिख रही है. हालांकि, इस वायरल वीडियो की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शराब पीकर बहकी हरकत करने वाले स्वास्थ्यकर्मी का वीडियो वायरल होने पर बक्सर सिविल सर्जन ने कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र लिखने की बात कही है.

शराबबंदी से 2022 में सरकार को हुआ फायदाः शराबबंदी के कारण कहीं ना कहीं राज्य सरकार को एक ओर करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था. वहीं, साल 2022 में बिहार में इस साल अप्रैल में शराबबंदी संशोधन कानून लागू होने के बाद से छह माह में 72 हजार से अधिक अभियुक्त पहली बार शराब पीते हुए पकड़े गए हैं. इनमें पुलिस ने 38 हजार से अधिक जबकि मद्य निषेध विभाग ने 30 हजार से अधिक शराबियों को पकड़ा है. इन शराबियों को नियमानुसार, दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ा गया है. जिससे सरकार को 17.53 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है.

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