बक्सर: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुवार को दरभंगा एम्स की मौजूदा स्थिति को लेकर निर्माण एजेंसी हाइट्स के अधिकारी के साथ बैठक की. इस बैठक में मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई. इस दौरान दरभंगा के बीजेपी सांसद गोपाल जी ठाकुर भी उपस्थित थे.
बैठक में राज्य सरकार द्वारा जमीन के हस्तांतरण एवं शिलान्यास को लेकर चर्चा हुई. मौजूदा समय में जो जमीन उपलब्ध है, उसकी घेराबंदी और अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे दिसंबर के दूसरे सप्ताह में दरभंगा का दौरा करेंगे और मौजूदा स्थिति से अवगत होंगे.
मिथिलांचल क्षेत्र में खुशी की लहर
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दरभंगा एम्स के शुरू होने पर उत्तर बिहार की स्वास्थ्य सुविधाएं पहले की तुलना में काफी बेहतर एवं आधुनिक हो जाएगी. इससे लोगों को काफी फायदा होगा. यथाशीघ्र दरभंगा एम्स के निर्माण का शिलान्यास हो इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. वहीं, दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने बताया कि दरभंगा एम्स को लेकर पूरे मिथिलांचल क्षेत्र में खुशी की लहर है. इस एम्स के शुरू हो जाने पर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार का भी सृजन होगा.
1264 करोड़ रुपये की लागत
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत दरभंगा एम्स का निर्माण होगा. सितंबर में ही इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है. इस पर कुल 1264 करोड़ रूपये की लागत आएगी. इसमें 100 स्नातक (एमबीबीएस) सीट, 60 बीएससी (नर्सिंग) सीटें जुड़ेंगी. इसमें 15-20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग तथा 750 बिस्तरों का अस्पताल होगा. यह देश का 22वां और बिहार का दूसरा एम्स होगा.
कोसी-सीमांचल के लोगों को भी लाभ
केंद्र सरकार की यह मिथिलांचल क्षेत्र में सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में एक बड़ी पहल है. दरभंगा में एम्स के निर्माण हो जाने के बाद उत्तर बिहार के बेतिया से लेकर कोसी और सीमांचल के सहरसा, सुपौल और पूर्णिया तक के लोगों को काफी सहूलियत होगी. इन क्षेत्रों के लोगों को इलाज कराने के लिए पटना जाने की जरूरत नहीं होगी. नए एम्स के निर्माण हो जाने के बाद प्रतिदिन लगभग 2,000 ओपीडी मरीजों और हर माह लगभग 1,000 आईपीडी मरीजों का इलाज किया जाएगा.