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यह कैसी चिकित्सा व्यवस्था ! जांच घर बंद, एक्सरे रूम खाली और कागजों में 24 घंटे ड्यूटी पर तैनाती

केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. चिकित्सक कागजों में ही ड्यूटी कर वेतन उठाते हैं. बक्सर के चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपने बेटे का इलाज कराने पहुची कुंती देवी ने अपना दर्द बयां किया. दवा के लिए जेब में एक भी पैसा नहीं है. उसके बाद भी बाहर के मेडिकल पर भेजते हैं. अस्पताल में दर्द से कराह रहे बेटे को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों का घंटों वह चक्कर लगाती रही. लेकिन इलाज कैसे हो. जब हर जगह तालाबंद रहे.

चौसा अस्पताल में तालाबंदी
चौसा अस्पताल में तालाबंदी
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Published : Feb 8, 2021, 4:14 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 2:14 PM IST

बक्सर: केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा गांव-गांव तक बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट में हजारों करोड़ की व्यवस्था की जाती है. लेकिन सिस्टम में बैठे कुछ लोगों के कारण सरकार की कोई भी योजना जमीन पर नहीं उतर पा रही है. जिसके कारण लोगों की परेशानियां कम होने के बजाए और भी बढ़ती ही जा रही है. कुछ ऐसी ही तस्वीर जिला के चौसा प्रखंड अंतर्गत, चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिली. जहां एक सप्ताह से ड्यूटी से गायब स्वास्थ्य कर्मी को भी कागजों पर 24 घंटे लगातार ऑन ड्यूटी दिखाया जा रहा है.

चौसा पीएचसी
चौसा पीएचसी

पकड़ा गया फर्जीवाड़ा, तो जांच की बात कह पल्ला झाड़े अधिकारी
जिले के सदर अस्पताल के बाद चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ड्यूटी से गायब स्वास्थ्य कर्मियों को भी ऑन ड्यूटी दिखाने का खेल लंबे समय से चल रहा है. अस्पताल में लगे रोस्टर बोर्ड पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर मनीपाल पिछले 1 महीने से 24 घंटे लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. जो शायद एक रिकॉर्ड की तरह है. बिना ब्रेक लिए लगातार ड्यूटी करते दिखाना फर्जीवाड़े से कम नहीं. मामले के उजागर होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर मामले की लीपापोती करने में जुट गए हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- मोतिहारी सामूहिक दुष्कर्म-हत्या मामला: दो आरोपी गिरफ्तार

जांच घर में लटका है ताला
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का यह संसदीय क्षेत्र है. चौसा प्रखंड के चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच घर में ताला लटका रहता है. एक्सरे रूम बाहर से बंद रहता है. खोल के अंदर जान पर पता चलता है कि यहां घंटों कोई भी देखरेख करनेवाला या मरीजों का एक्सरे करनेवाला नहीं है. 21 जनवरी का ही रोस्टर अब तक लगा हुआ है. जबकि इसे रोज बदलने को कहा जाता है.

मरीज को देखनेवाला कोई डॉक्टर नहीं
मरीज को देखनेवाला कोई डॉक्टर नहीं

ये भी पढ़ें- गोपालगंज में डॉक्टर के पोते का अपहरण, NH-531 से बरामद हुई स्कूटी

मरीजों ने बयां किया अपना दर्द
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपने बेटे का इलाज कराने पहुंची कुंती देवी ने बताया कि साइकिल चलाने के दौरान मेरा बेटा साइकिल से गिरकर घायल हो गया. कई घंटों से दर्द से कराह रहे बेटे को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों का चक्कर लगा रही हूं. उसके बाद भी यहां के स्वास्थ्यकर्मी इलाज करने के बजाए बाहर की दुकानों से दवा खरीदकर खिलाने की बात कहकर पर्ची हाथों में थमा दिए. मेरे पास एक पैसा नहीं है. कहां से दवा खरीदकर इसे खिला सकूंगी.

मरीज के परिजन
मरीज के परिजन

ये भी पढ़ें- पटनाः दीपक कुमार को मिला तीसरी बार सेवा विस्तार, मुख्य सचिव के पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले IAS

'चौसा स्वास्थ्य केंद्र में अगर इस तरह की अनियमितता हो रही है. तो इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.' -डॉ नरेश कुमार, प्रभारी सिविल सर्जन

काफी कम मरीजों को लिया जाता है भर्ती, इसलिए सारे बेड रहते हैं खाली
काफी कम मरीजों को लिया जाता है भर्ती, इसलिए सारे बेड रहते हैं खाली

ईटीवी भारत के संवाददाता ने की दवा की व्यवस्था
पीड़ित महिला के बेटे के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता ने दवा की व्यवस्था की. उसके बाद इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालात का जायजा लिया. जहां जांच घर से लेकर एक्सरे रूम, ऑपरेशन थियेटर समेत डॉक्टर के चैंबर में भी ताला लटका हुआ था. बाहर बोर्ड पर डॉक्टर साहब ऑन ड्यूटी थे. पूछताछ के दौरान उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों ने ही बताया कि साहब एक सप्ताह से पटना में हैं.

बक्सर: केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा गांव-गांव तक बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट में हजारों करोड़ की व्यवस्था की जाती है. लेकिन सिस्टम में बैठे कुछ लोगों के कारण सरकार की कोई भी योजना जमीन पर नहीं उतर पा रही है. जिसके कारण लोगों की परेशानियां कम होने के बजाए और भी बढ़ती ही जा रही है. कुछ ऐसी ही तस्वीर जिला के चौसा प्रखंड अंतर्गत, चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिली. जहां एक सप्ताह से ड्यूटी से गायब स्वास्थ्य कर्मी को भी कागजों पर 24 घंटे लगातार ऑन ड्यूटी दिखाया जा रहा है.

चौसा पीएचसी
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पकड़ा गया फर्जीवाड़ा, तो जांच की बात कह पल्ला झाड़े अधिकारी
जिले के सदर अस्पताल के बाद चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ड्यूटी से गायब स्वास्थ्य कर्मियों को भी ऑन ड्यूटी दिखाने का खेल लंबे समय से चल रहा है. अस्पताल में लगे रोस्टर बोर्ड पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर मनीपाल पिछले 1 महीने से 24 घंटे लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. जो शायद एक रिकॉर्ड की तरह है. बिना ब्रेक लिए लगातार ड्यूटी करते दिखाना फर्जीवाड़े से कम नहीं. मामले के उजागर होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर मामले की लीपापोती करने में जुट गए हैं.

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जांच घर में लटका है ताला
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का यह संसदीय क्षेत्र है. चौसा प्रखंड के चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच घर में ताला लटका रहता है. एक्सरे रूम बाहर से बंद रहता है. खोल के अंदर जान पर पता चलता है कि यहां घंटों कोई भी देखरेख करनेवाला या मरीजों का एक्सरे करनेवाला नहीं है. 21 जनवरी का ही रोस्टर अब तक लगा हुआ है. जबकि इसे रोज बदलने को कहा जाता है.

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मरीजों ने बयां किया अपना दर्द
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपने बेटे का इलाज कराने पहुंची कुंती देवी ने बताया कि साइकिल चलाने के दौरान मेरा बेटा साइकिल से गिरकर घायल हो गया. कई घंटों से दर्द से कराह रहे बेटे को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों का चक्कर लगा रही हूं. उसके बाद भी यहां के स्वास्थ्यकर्मी इलाज करने के बजाए बाहर की दुकानों से दवा खरीदकर खिलाने की बात कहकर पर्ची हाथों में थमा दिए. मेरे पास एक पैसा नहीं है. कहां से दवा खरीदकर इसे खिला सकूंगी.

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पीड़ित महिला के बेटे के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता ने दवा की व्यवस्था की. उसके बाद इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालात का जायजा लिया. जहां जांच घर से लेकर एक्सरे रूम, ऑपरेशन थियेटर समेत डॉक्टर के चैंबर में भी ताला लटका हुआ था. बाहर बोर्ड पर डॉक्टर साहब ऑन ड्यूटी थे. पूछताछ के दौरान उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों ने ही बताया कि साहब एक सप्ताह से पटना में हैं.

Last Updated : Feb 16, 2021, 2:14 PM IST
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