बक्सरः बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में पार्टी लीडर को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं को नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है. लोजपा के जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी तय करेगी कौन होगा एनडीए के नेता. बीजेपी को छोड़कर लोजपा के नेताओं को किसी और पर भरोसा नहीं है.
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही एनडीए में खींचतानी शुरू हो गई है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद जंहा बीजेपी के नेता, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नाम का दिन रात जाप कर रहे हैं. वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं को नीतीश कुमार पर भरोसा ही नहीं है.
किस विधानसभा की क्या है स्थिति?
चुनाव कमीशन के जारी आंकड़ों के अनुसार जिला के 199 (ब्रह्मपुर) विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लख 31 हजार 661 है. इस विधानसभा क्षेत्र में समान्य कैटेगरी(भूमिहार) मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. यही कारण है कि बीजेपी हमेशा यहां से जातीय समीकरण के आधार पर ही उम्मीदवार उतारती है. हलांकि वर्तमान में इस सीट पर राजद विधायक शम्भु यादव का कब्जा है.
विधानसभा क्षेत्र संख्या 200(बक्सर) इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 80 हजार 950 है. इस विधानसभा क्षेत्र में भी समान्य मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. ब्राह्मण बहुल एरिया होने के कारण यहां से भी बीजेपी जातीय समीकरण के अनुसार ही उम्मीदवार उतारती है. इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
जबकि विधानसभा क्षेत्र संख्या डुमराव में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 12 हजार 066 है. इस विधानसभा सीट पर जदयू का कब्जा है. विधानसभा क्षेत्र संख्या 202(आरक्षित) में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 19 हजार 090 है. इस सीट पर भी जदयू का कब्जा है.
क्या कहते हैं लोजपा जिलाध्यक्ष
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव से पहले एनडीए के नेता का चुनाव होगा. बीजेपी सबसे भरोसेमंद सहयोगी है. इस लिए बीजेपी के नेता जो कहेंगे वही लोक जनशक्ति पार्टी को मान्य होगा. हम अपने बयान पर कायम हैं कि एक सीट पर लोजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं है.