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बक्सर में महागठबंधन की ऐसी आंधी चली कि एनडीए के नेता हेलिकॉप्प्टर समेत लापता हो गए- कांग्रेस विधायक - बक्सर में महागठबंधन

कांग्रेस विधायक ने तंज कसते हुए कहा कि बक्सर में महागठबंधन की ऐसी आंधी चली की एनडीए के तमाम दिग्गज हेलिकॉप्प्टर समेत लापता हो गए हैं.

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Published : Dec 1, 2020, 3:28 PM IST

बक्सरः अपने बयानों के बदौलत सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी जिला इकाई के तमाम नेता बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही राजनीति के मैदान से गायब हो गए हैं. इस पर कांग्रेस विधायक ने तंज कसते हुए कहा कि बक्सर में महागठबंधन की ऐसी आंधी चली की एनडीए के तमाम दिग्गज हेलिकॉप्प्टर समेत लापता हो गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी के जिला इकाई के तमाम नेता अचानक अंडर ग्राउंड हो गए हैं. जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. हाल ही में पार्टी के अंदर चल रहे द्वंद युद्ध पर विराम लगाने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बक्सर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए.

आखिर बीजेपी में क्यो चल रहा है द्वंद युद्ध
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान पार्टी के 4 दर्जन से अधिक नेताओं ने जिले के चारों विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की दावेदारी की थी. टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्टी के नेताओं ने चुनाव में दिलचस्पी नहीं दिखाई और पार्टी की जमानत जब्त हो गई.

2015 के चुनाव परिणाम से नहीं ली सीख
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बक्सर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक सह पूर्व मंत्री सुखदा पांडे का टिकट काटकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने बीजेपी नेता प्रदीप दुबे को टिकट दे दिया था. जिससे नाराज बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने महागठबंधन के पक्ष में मतदान कर दिया और कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी चुनाव जीत गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नाराज कार्यकर्ताओं ने नहीं दिखाई चुनाव में रुचि
एक बार फिर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने चुनावी तैयारी में लगे तमाम नेताओं को दरकिनार करते हुए नॉमिनेशन समाप्ति के 12 घंटे पहले उम्मीदवार के रूप में परशुराम चतुर्वेदी के नाम की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया. जिससे की पार्टी के अन्य नेताओं को विद्रोह करने का मौका नहीं मिले. साथ ही अपनी पारंपरिक ब्रह्मपुर विधानसभा सीट समेत अन्य सीट भी सहयोगी के खाते में दे दिया. जिससे नाराज होकर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चुनाव में रुचि नहीं दिखाया और एनडीए की जमानत जब्त हो गई.

ये भी पढ़ेंः बिहार: हारे हुए मंत्री जा सकते हैं विधान परिषद, राज्यपाल कोटे से भरे जाएंगे 12 सीट

'शह मात का खेल चलता रहता है'
सियासत की पिच से अचानक बीजेपी के नेताओं के गायब हो जाने से विपक्ष को भी जिला में सियासत करने का मौका नहीं मिल रहा है. क्योंकि उनके बयानों का जवाब भी उन्हें कोई नहीं दे रहा है. हलांकि बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह से जब हमारे संवददाता ने फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि सियासत में शह-मात का खेल चलता रहता है. पार्टी ने जिसे योग्य समझा उसे टिकट दे दिया, इसमें कोई कार्यकर्ता क्या कहेगा.

'एनडीए के तमाम दिग्गज हेलिकॉप्टर समेत लापता'
वहीं, जिला के राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि चुनाव के दौरान महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ही जमीन पर काम किया और महागठबंधन की ऐसी आंधी चली की एनडीए के तमाम दिग्गज हेलिकॉप्प्टर समेत लापता हो गए और जमानत जब्त हो गई.

लगातार दूसरी बार एनडीए की जमानत जब्त
गौरतलब है कि बक्सर जिला की चारों विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार एनडीए की जमानत जब्त हुई है. बीजेपी नेताओं को यह उम्मीद थी कि नीतीश कुमार के साथ आने के कारण एनडीए इस बार अपना खाता खोल पाएगी. लेकिन इस बार भी सफलता नहीं मिलने से नाराज बीजेपी के नेता अंडर ग्राउंड हो गए हैं.

बक्सरः अपने बयानों के बदौलत सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी जिला इकाई के तमाम नेता बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही राजनीति के मैदान से गायब हो गए हैं. इस पर कांग्रेस विधायक ने तंज कसते हुए कहा कि बक्सर में महागठबंधन की ऐसी आंधी चली की एनडीए के तमाम दिग्गज हेलिकॉप्प्टर समेत लापता हो गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी के जिला इकाई के तमाम नेता अचानक अंडर ग्राउंड हो गए हैं. जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. हाल ही में पार्टी के अंदर चल रहे द्वंद युद्ध पर विराम लगाने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बक्सर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए.

आखिर बीजेपी में क्यो चल रहा है द्वंद युद्ध
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान पार्टी के 4 दर्जन से अधिक नेताओं ने जिले के चारों विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की दावेदारी की थी. टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्टी के नेताओं ने चुनाव में दिलचस्पी नहीं दिखाई और पार्टी की जमानत जब्त हो गई.

2015 के चुनाव परिणाम से नहीं ली सीख
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बक्सर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक सह पूर्व मंत्री सुखदा पांडे का टिकट काटकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने बीजेपी नेता प्रदीप दुबे को टिकट दे दिया था. जिससे नाराज बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने महागठबंधन के पक्ष में मतदान कर दिया और कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी चुनाव जीत गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नाराज कार्यकर्ताओं ने नहीं दिखाई चुनाव में रुचि
एक बार फिर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने चुनावी तैयारी में लगे तमाम नेताओं को दरकिनार करते हुए नॉमिनेशन समाप्ति के 12 घंटे पहले उम्मीदवार के रूप में परशुराम चतुर्वेदी के नाम की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया. जिससे की पार्टी के अन्य नेताओं को विद्रोह करने का मौका नहीं मिले. साथ ही अपनी पारंपरिक ब्रह्मपुर विधानसभा सीट समेत अन्य सीट भी सहयोगी के खाते में दे दिया. जिससे नाराज होकर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चुनाव में रुचि नहीं दिखाया और एनडीए की जमानत जब्त हो गई.

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'शह मात का खेल चलता रहता है'
सियासत की पिच से अचानक बीजेपी के नेताओं के गायब हो जाने से विपक्ष को भी जिला में सियासत करने का मौका नहीं मिल रहा है. क्योंकि उनके बयानों का जवाब भी उन्हें कोई नहीं दे रहा है. हलांकि बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह से जब हमारे संवददाता ने फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि सियासत में शह-मात का खेल चलता रहता है. पार्टी ने जिसे योग्य समझा उसे टिकट दे दिया, इसमें कोई कार्यकर्ता क्या कहेगा.

'एनडीए के तमाम दिग्गज हेलिकॉप्टर समेत लापता'
वहीं, जिला के राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि चुनाव के दौरान महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ही जमीन पर काम किया और महागठबंधन की ऐसी आंधी चली की एनडीए के तमाम दिग्गज हेलिकॉप्प्टर समेत लापता हो गए और जमानत जब्त हो गई.

लगातार दूसरी बार एनडीए की जमानत जब्त
गौरतलब है कि बक्सर जिला की चारों विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार एनडीए की जमानत जब्त हुई है. बीजेपी नेताओं को यह उम्मीद थी कि नीतीश कुमार के साथ आने के कारण एनडीए इस बार अपना खाता खोल पाएगी. लेकिन इस बार भी सफलता नहीं मिलने से नाराज बीजेपी के नेता अंडर ग्राउंड हो गए हैं.

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