बक्सर: बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के पास दिल्ली के आनंदविहार से कामाख्या जा रही नाॅर्थ ईस्ट सुपरफास्ट एक्सप्रेस बुधवार को हादसे का शिकार हो गई. ट्रेन की सभी बोगियां बेपटरी हो गईं, जिसमें तीन बोगी पूरी तरह पलट गईं. हादसे में चार लोगों की मौत हुई है. हादसे को 12 घंटे से ऊपर हो गया है लेकिन अभी तक रेल परिचालन शुरू नहीं हो पाया है. रेल प्रशासन युद्धस्तर पर पटरियों को ठीक करने और डिरेल बोगियों को हटाने में लगा है.
रेल दुर्घटना में हुई चोर लोगों की मौत: बता दें कि इस वजह से करीब दो दर्जन गाड़ियां जहा तहां खड़ी हैं, लाखों यात्री प्रभावित हैं. इस भीषण रेल हादसे मरने वालों में एक मां और आठ साल की बच्ची भी शामिल है, जबकि दो अन्य युवकों की मौत हुई है. मृतकों की पहचान उषा भंडारी और उसकी आठ वर्षीय बेटी अमृता कुमारी के रूप में हुई जो आसाम के तिनसुकिया जिला के सदियां गांव के निवासी थे. तीसरे मृतक की पहचान किशनगंज के सपतेया विष्णुपुर के 27 वर्षीय जैद के रूप में की गई है वो दिल्ली से किशनगंज जा रहा था.
ट्रेन की 21 बोगियां हुईं डिरेल: बता दें कि चौथे मृतक की पहचान नहीं हो पाई है. मृतकों के अलावा 78 लोग जख्मी है. इन सभी का इलाज बक्सर, भोजपुर और पटना एम्स में कराया जा रहा है. प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे को भयावह बताते हुए कहा कि ऐसी बोगी के कुछ यात्री लगभग सो चुके थे, कुछ सोने ही वाले थे तभी अचानक ट्रेन झटका देने लगी. सभी लोग अपने बर्थ से नीचे गिरने लगे. लगभग 10 से 15 मिनट तक ट्रेन पूरी तरह से यात्रियों को झकझोरती रही. जबतक किसी को कुछ समझ आता ट्रेन की 21 बोगिया डिरेल हो चुकी थी.
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