बक्सर: देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है. लॉकडाउन के कारण लोगों के रोजगार बंद हैं. ऐसे में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राशन मुहैया कराने की सरकार की पहल वरदान साबित हो रही है. कई घर-परिवार इसके भरोसे महीनों से जिंदा हैं.
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने के संकट को दूर करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से युद्ध स्तर पर राशन कार्ड बनाया गया, जिस वजह से कोरोना काल में काफी लोगों को राहत मिली. झोपड़पट्टी और फुटपाथ पर रहने वाले लोग राशन कार्ड बन जाने से काफी खुश हैं.
'राशन नहीं मिलता तो भूखे मर जाते'
लाभुकों ने बताया कि इस कोरोना काल में यदि जिला प्रशासन ने राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया होता तो कोरोना से मरे न मरे, लेकिन भूख से जरूर मौत हो जाती. राशन कार्ड पर मिल रहे अनाज से दोनों समय घर में चूल्हा जल रहा है. अब तो गेहूं और चावल के साथ दाल भी मिल रहा है.
डीएम ने दी जानकारी
वहींं जिले में राशन कार्ड की स्थिति को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि जिला में 41 हजार 398 नए लोगों का राशन कार्ड बनाकर उपलब्ध करा दिया गया है. जबकि 400 राशन कार्ड अभी प्रक्रिया में हैं. जरूरतमंद 99% लोगों को राशन कार्ड मिल गया है, जिससे नियमित रूप से उनको अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है.
प्रशासन का लक्ष्य, कोई भूखा न सोए
जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि जिला प्रशासन का यह लक्ष्य है कि जो प्रवासी श्रमिक आए हुए हैं, उनको अपने ही जिले में रोजगार उपलब्ध कराया जाए. सभी जरूरतमंद गरीबों को राशन मिले, ताकि कोई भूखा न सोए. इसके लिए समय-समय पर संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रिव्यू किया जाता है. जिले में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे, इसके लिए कई स्तर पर मास्टर प्लान बनाया गया है.
नहीं है पीडीएस डीलरों की हड़ताल की सूचना
वहीं 8 सूत्री मांगों को लेकर पीडीएस डीलरों के हड़ताल की सूचना पर डीएम ने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं है. मीडिया के माध्यम से ही यह जानकारी मिली है. यदि इस तरह की कोई बात सामने आती है तो भी हर हाल में सभी जरूरतमंद को नियमित रूप से अनाज उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा.