बक्सर: अधिवक्ता किशोर कुणाल पाण्डेय की सोमवार को हुई दिनदहाड़े हत्या के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं का आक्रोश चरम पर था. जिला बार संघ के बैनर तले अधिवक्ताओं ने बक्सर न्यायालय के सामने सड़क को जाम कर दिया.
डीएम का रोका रास्ता
अपराधियों के हमले में अपने साथी अधिवक्ता की मौत का आक्रोश इस कदर था कि सैकड़ों की संख्या में जुटे अधिवक्ताओं के आक्रोश के शिकार डीएम अमन समीर भी हुए. कार्यालय के लिए जा रहे डीएम को अधिवक्ताओं की भीड़ ने रोक दिया था. बाद में डीएम और एसपी के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ.
50 लाख रुपये की मुआवजा की मांग
आक्रोशित अधिवक्ताओं ने तीन घंटे तक सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर शहर के यातायात को बाधित किया. अधिवक्ताओं की मांग थी कि सरकार अविलंब मृत अधिवक्ता के परिजनों को 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि उपलब्ध कराते हुए परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे.
डीएम ने दिया आश्वासन
सड़क जाम के कारण उत्पन्न विधि-व्यवस्था को लेकर डीएम अमन समीर और एसपी नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व में जिले के आलाधिकारी सड़क जाम कर रहे आक्रोशित अधिवक्ताओं के बीच पहुंचे. उन्होंने बक्सर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सूबेदार पाण्डेय, सचिव गणेश ठाकुर समेत एक प्रतिनिधिमंडल से बात कर उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया.
इसके साथ ही नवपदस्थापित बक्सर एसपी नीरज कुमार ने पन्द्रह दिनों के अंदर हत्यारों की गिरफ्तारी का भरोसा दिया. जिसके बाद आक्रोशित अधिवक्ताओं ने सड़क जाम समाप्त कर दिया.
क्या कहते हैं सचिव
बक्सर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव गणेश ठाकुर ने बताया कि अपराधियों ने अधिवक्ता प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव, अधिवक्ता चितरंजन कुमार सिंह और अब किशोर कुणाल पाण्डेय की हत्या की है. इससे यह साबित हो रहा है कि बेखौफ अपराधी न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ताओं को किस तरह टार्गेट कर रहे हैं. सोमवार की वारदात के बाद हमें अब डर लगने लगा है.