ETV Bharat / state

शराब ढूंढने के टास्क का शिक्षकों ने किया विरोध, पप्पू यादव बोले- 'सरकार ने की शिक्षकों को मरवाने की पूरी तैयारी'

बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर शिक्षा विभाग के नए फरमान का विरोध शुरू हो गया है. बक्सर में कई शिक्षकों ने आपत्ति जताई है. शिक्षकों का कहना है कि हमारी नियुक्ति पढ़ाने के लिए हुई है, शराब खोजने के लिए नहीं. वहीं, इस मुद्दे पर जाप सुप्रीमो ने बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है. पढ़ें रिपोर्ट..

raw
raw
author img

By

Published : Jan 29, 2022, 11:05 PM IST

बक्सर: बिहार में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिया (Education Department Gave Instructions to Teachers) है. गुरु जी अब सिर्फ बच्चों की शिक्षा दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलाने वालों पर नकेल भी कसेंगे. शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों ने आपत्ति जताई है. जिले के महिला एवं पुरुष शिक्षकों ने कहा कि शिक्षक का काम है पढ़ाना और उनकी नियुक्ति स्कूलों में पढ़ाने के लिए हुई थी, ना की शराब और शराबियों की सूचना एकत्रित करने के लिए, राज्य सरकार को इस आदेश को वापस ले लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें- शिक्षकों के शराब ढूंढने के टास्क पर शिक्षा विभाग की दो टूक- 'सरकार वापस नहीं लेगी आदेश'

''जब हमारी नियुक्ति हुई थी उस समय स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के साथ ही साथ निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब यह विभाग का नया आदेश शिक्षकों के गले की फांस है. दूसरे दूसरे जिलों से हम लोग यहां पर पढ़ाने के लिए आए हुए हैं और यदि किसी शराब माफियाओं को इस बात की भनक लग गई कि किसी शिक्षक ने उनके खिलाफ पुलिस को सूचना दी है, तो हमारे साथ वह क्या करेंगे, इस बात को सोचकर ही घबराहट होती है. जिन शराब तस्करों के खिलाफ बड़े-बड़े लोग नहीं बोल पा रहे हैं, उनके खिलाफ महिला शिक्षक क्या बोलेगी.''- लालत्ती सिंह, शिक्षिका

''बिहार तो ऐसे ही शिक्षा के मामले में दिन प्रतिदिन पिछड़ते जा रहा है. उसके बाद भी शिक्षकों से जनगणना, राशन कार्ड, इलेक्शन, मानव श्रृंखला समेत एक दर्जन विभाग का काम कराया जा रहा है. ऐसे में शिक्षक बच्चों को क्या पढ़ाएंगे. वैसे भी शराबबंदी कानून को लेकर शिक्षक लोगों को जागरूक कर ही रहे हैं, अब एक नई जो जिम्मेवारी दी जा रही है तो शिक्षक शराब खोजने में ही घूमते रहेंगे, तो स्कूल में बच्चों को कोई क्यों भेजेगा. फिर तो निजी स्कूल की तरफ लोग रूख करेंगे और निजी स्कूल संचालकों की चांदी ही चांदी होगी.''- अशोक राम, शिक्षक

वहीं, एक दिवसीय दौरे पर जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों से मिलने के लिए बक्सर पहुंचे जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने भी राज्य सरकार के इस आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे सलाह देने वाले सलाहकारों को सबसे पहले मेंटल अस्पताल में भर्ती कर देना चाहिए, यदि सरकार अविलंब इस आदेश को वापस नहीं लेती है, तो सड़कों पर संघर्ष होगा.

शराब ढूंढने के टास्क का विरोध

''राज्य सरकार ने शिक्षकों को गोली मरवाने की पूरी तैयारी कर ली है. जिन शराब तस्करों के खिलाफ उनकी पुलिस नहीं खड़ा हो पा रही है. उन शराब कारोबारियों की सूचना शिक्षक कैसे एकत्रित करेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह आदेश वापस नहीं लिया, तो मैं सड़क पर उतरकर इसका विरोध करूंगा.''- पप्पू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाप

बता दें कि बिहार में शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. गुरुजी अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. जानकारी दें कि बिहार के स्कूलों में शराब की गतिविधि देखने को मिलती रहती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया (Bihar Education Department Notification) किया है. निर्देश पत्र के अनुसार अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे.

ये भी पढ़ें- गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- 'सरकार वापस ले आदेश'

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

बक्सर: बिहार में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिया (Education Department Gave Instructions to Teachers) है. गुरु जी अब सिर्फ बच्चों की शिक्षा दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलाने वालों पर नकेल भी कसेंगे. शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों ने आपत्ति जताई है. जिले के महिला एवं पुरुष शिक्षकों ने कहा कि शिक्षक का काम है पढ़ाना और उनकी नियुक्ति स्कूलों में पढ़ाने के लिए हुई थी, ना की शराब और शराबियों की सूचना एकत्रित करने के लिए, राज्य सरकार को इस आदेश को वापस ले लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें- शिक्षकों के शराब ढूंढने के टास्क पर शिक्षा विभाग की दो टूक- 'सरकार वापस नहीं लेगी आदेश'

''जब हमारी नियुक्ति हुई थी उस समय स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के साथ ही साथ निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब यह विभाग का नया आदेश शिक्षकों के गले की फांस है. दूसरे दूसरे जिलों से हम लोग यहां पर पढ़ाने के लिए आए हुए हैं और यदि किसी शराब माफियाओं को इस बात की भनक लग गई कि किसी शिक्षक ने उनके खिलाफ पुलिस को सूचना दी है, तो हमारे साथ वह क्या करेंगे, इस बात को सोचकर ही घबराहट होती है. जिन शराब तस्करों के खिलाफ बड़े-बड़े लोग नहीं बोल पा रहे हैं, उनके खिलाफ महिला शिक्षक क्या बोलेगी.''- लालत्ती सिंह, शिक्षिका

''बिहार तो ऐसे ही शिक्षा के मामले में दिन प्रतिदिन पिछड़ते जा रहा है. उसके बाद भी शिक्षकों से जनगणना, राशन कार्ड, इलेक्शन, मानव श्रृंखला समेत एक दर्जन विभाग का काम कराया जा रहा है. ऐसे में शिक्षक बच्चों को क्या पढ़ाएंगे. वैसे भी शराबबंदी कानून को लेकर शिक्षक लोगों को जागरूक कर ही रहे हैं, अब एक नई जो जिम्मेवारी दी जा रही है तो शिक्षक शराब खोजने में ही घूमते रहेंगे, तो स्कूल में बच्चों को कोई क्यों भेजेगा. फिर तो निजी स्कूल की तरफ लोग रूख करेंगे और निजी स्कूल संचालकों की चांदी ही चांदी होगी.''- अशोक राम, शिक्षक

वहीं, एक दिवसीय दौरे पर जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों से मिलने के लिए बक्सर पहुंचे जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने भी राज्य सरकार के इस आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे सलाह देने वाले सलाहकारों को सबसे पहले मेंटल अस्पताल में भर्ती कर देना चाहिए, यदि सरकार अविलंब इस आदेश को वापस नहीं लेती है, तो सड़कों पर संघर्ष होगा.

शराब ढूंढने के टास्क का विरोध

''राज्य सरकार ने शिक्षकों को गोली मरवाने की पूरी तैयारी कर ली है. जिन शराब तस्करों के खिलाफ उनकी पुलिस नहीं खड़ा हो पा रही है. उन शराब कारोबारियों की सूचना शिक्षक कैसे एकत्रित करेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह आदेश वापस नहीं लिया, तो मैं सड़क पर उतरकर इसका विरोध करूंगा.''- पप्पू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाप

बता दें कि बिहार में शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. गुरुजी अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. जानकारी दें कि बिहार के स्कूलों में शराब की गतिविधि देखने को मिलती रहती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया (Bihar Education Department Notification) किया है. निर्देश पत्र के अनुसार अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे.

ये भी पढ़ें- गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- 'सरकार वापस ले आदेश'

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.