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बक्सर: जल जीवन हरियाली पार्ट-2 को लेकर DM गंभीर, जन आंदोलन का स्वरूप देने की तैयारी

जल जीवन हरियाली पार्ट 2 को जमीन पर उतारने में जिला प्रशासन के अधिकारी जुट गए हैं. जनभागीदारी की सहयोग से योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी हो रही है.

बक्सर
जल जीवन हरियाली पार्ट-2
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Published : Jan 6, 2021, 5:25 PM IST

बक्सर: जल जीवन हरियाली अभियान पार्ट 2 को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी गंभीर दिखाई दे रहे हैं. इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए प्रशासनिक अधिकारी अब इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने की तैयारी में हैं.

5 मोर्चो पर होना था एक साथ काम
प्राकृतिक आपदा के कारण दशकों से बाढ़ और सुखाड़ की मार झेल रहे बिहार वासियों को बचाने और मौसम में आ रहे बदलाव में सुधार के लिए बिहार सरकार की ओर से जल जीवन हरियाली नाम के इस अभियान के तहत 5 मोर्चों पर एक साथ काम करना था. जिसमें तालाबों, आहार-पईन की उड़ाही, पौधे लगाना ,रेन वाटर हार्वेस्टिंग और उन इलाकों तक नदियों का पानी पहुंचना जहां सूखा पड़ता है. इसके साथ ही सोलर लाइट को भी बढ़ावा देना था. लेकिन लोगों का कहना है कि पिछले 5 वर्ष में भी यह योजना जमीन पर नहीं उतर पाई.

जल जीवन हरियाली पार्ट-2

जल जीवन हरियाली पार्ट 2 की हुई शुरुआत
नीतीश सरकार ने अपनी नई पारी की शुरुआत के साथ ही, जल जीवन हरियाली अभियान की पार्ट 2 योजना की शुरुआत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कर दी है. इस अभियान के तहत जलवायु के अनुकूल फसल का चयन, सही समय पर बुवाई, जलवायु के मुताबिक फसल प्रभेद और उत्तम गुणवत्ता का बीज चयन करने के साथ ही साथ बुवाई की उत्तम तकनीकी जीरो टिलेज, सीडर, रेज बेड, सीधी बुवाई , ड्रम सीडर और पत्तियों में बुवाई का उपयोग करने के लिए, किसानों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही, जल पोषक तत्व और खरपतवार का समुचित प्रबंधन, मिट्टी और जलवायु के परिस्थितियों के अनुसार फसल का वर्गीकरण को समझने के लिए सरकार किसानों को प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था करेगी.

'इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए बक्सर वासियों से भी हम लोग सुझाव लेंगे और उसके अनरूप आगे काम करेंगे. साथ ही जितने भूमिहीन हैं, जिनके द्वारा सरकारी तलाबों, नहरों, या नदियों पर अतिक्रमण किया गया है, पहले उनको जमीन उपलब्ध कराया जाएगा. उसके बाद ही उसे अतिक्रमण मुक्त कर उसका जीर्णोद्वार किया जाएगा'. - अमन समीर, जिलाधकारी

गौरतलब है कि सात निश्चय योजना के तहत प्रदेश में पिछले 5 वर्षो के अंदर जो विकास की लकीरें खींचने का प्रयास राज्य सरकार ने की गई है. वह एक सवाल है. जिले के 60 प्रतिशत वार्डों में लोगों को नल का जल नहीं मिल रहा है. कहीं कमीशन के चक्कर में बाबुओं ने योजना को ही लटका दिया है. एक बार फिर इस योजना को जन आंदोलन का स्वरूप देकर, जमीन पर उतारने की कोशिश में सरकार और प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए हैं.

बक्सर: जल जीवन हरियाली अभियान पार्ट 2 को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी गंभीर दिखाई दे रहे हैं. इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए प्रशासनिक अधिकारी अब इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने की तैयारी में हैं.

5 मोर्चो पर होना था एक साथ काम
प्राकृतिक आपदा के कारण दशकों से बाढ़ और सुखाड़ की मार झेल रहे बिहार वासियों को बचाने और मौसम में आ रहे बदलाव में सुधार के लिए बिहार सरकार की ओर से जल जीवन हरियाली नाम के इस अभियान के तहत 5 मोर्चों पर एक साथ काम करना था. जिसमें तालाबों, आहार-पईन की उड़ाही, पौधे लगाना ,रेन वाटर हार्वेस्टिंग और उन इलाकों तक नदियों का पानी पहुंचना जहां सूखा पड़ता है. इसके साथ ही सोलर लाइट को भी बढ़ावा देना था. लेकिन लोगों का कहना है कि पिछले 5 वर्ष में भी यह योजना जमीन पर नहीं उतर पाई.

जल जीवन हरियाली पार्ट-2

जल जीवन हरियाली पार्ट 2 की हुई शुरुआत
नीतीश सरकार ने अपनी नई पारी की शुरुआत के साथ ही, जल जीवन हरियाली अभियान की पार्ट 2 योजना की शुरुआत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कर दी है. इस अभियान के तहत जलवायु के अनुकूल फसल का चयन, सही समय पर बुवाई, जलवायु के मुताबिक फसल प्रभेद और उत्तम गुणवत्ता का बीज चयन करने के साथ ही साथ बुवाई की उत्तम तकनीकी जीरो टिलेज, सीडर, रेज बेड, सीधी बुवाई , ड्रम सीडर और पत्तियों में बुवाई का उपयोग करने के लिए, किसानों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही, जल पोषक तत्व और खरपतवार का समुचित प्रबंधन, मिट्टी और जलवायु के परिस्थितियों के अनुसार फसल का वर्गीकरण को समझने के लिए सरकार किसानों को प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था करेगी.

'इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए बक्सर वासियों से भी हम लोग सुझाव लेंगे और उसके अनरूप आगे काम करेंगे. साथ ही जितने भूमिहीन हैं, जिनके द्वारा सरकारी तलाबों, नहरों, या नदियों पर अतिक्रमण किया गया है, पहले उनको जमीन उपलब्ध कराया जाएगा. उसके बाद ही उसे अतिक्रमण मुक्त कर उसका जीर्णोद्वार किया जाएगा'. - अमन समीर, जिलाधकारी

गौरतलब है कि सात निश्चय योजना के तहत प्रदेश में पिछले 5 वर्षो के अंदर जो विकास की लकीरें खींचने का प्रयास राज्य सरकार ने की गई है. वह एक सवाल है. जिले के 60 प्रतिशत वार्डों में लोगों को नल का जल नहीं मिल रहा है. कहीं कमीशन के चक्कर में बाबुओं ने योजना को ही लटका दिया है. एक बार फिर इस योजना को जन आंदोलन का स्वरूप देकर, जमीन पर उतारने की कोशिश में सरकार और प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए हैं.

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