बक्सर: पूरे देश में कोरोना संक्रमण उफान पर है. 10 मई को जिले के चौसा प्रखण्ड अंतर्गत महदेवा घाट पर 71 शव मिलने के बाद भले ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उस शव को बाहर निकालकर अंतिम संस्कार कर दिया हो, लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश के इलाकों से गंगा नदी में बहते हुए शव बक्सर में आ रहे हैं. इसको लेकर जिले के कई अधिकारी बोट लेकर गंगा में उतरे और सर्च ऑपरेशन चलाया.
अब तक उत्तर प्रदेश के इलाकों से शव आने की बात से इनकार करने वाले उत्तर प्रदेश के अधिकारी अब बेनकाब हो गए है. बिहार एवं उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर गंगा नदी में जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए महाजाल में , लगातार शव फंस रहे हैं.
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जिला प्रशासन की लोगों से अपील
इस वैश्विक महामारी में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दाह संस्कार में जिला प्रशासन द्वारा मदद करने की घोषणा की गई है. ग्रामीण इलाके के लोगों को कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत, शवदाह के लिए तत्काल पंचायत के मुखिया सहयोग करेंगे, जबकि नगर परिषद क्षेत्र में नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा सहायता की जाएगी. कोई भी व्यक्ति अपने परिजनों के शव को गंगा में न फेंके. पूरे सम्मान के साथ वह अंतिम संस्कार के हकदार हैं और उसमें हर तरह की मदद मिलेगी.
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सहयोग नहीं मिलने पर सीधे डीएम, एसपी, एसडीएम को करें फोन
प्रशासन का कहना है कि जरूरतमंद किसी भी व्यक्ति को यदि प्रशासनिक या पंचायत के कर्मियों द्वारा मदद नहीं की जाती है तो वह जिले के डीएम, एसपी या एसडीएम से सीधे फोन कर शिकायत कर सकते हैं, उनकी समस्याओं का तुरंत निपटारा किया जाएगा.
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क्या कहते हैं अधिकारी
गंगा में लावारिस पड़े शवों को लेकर एसडीएम के के उपाध्याय ने लोगों से मार्मिक अपील करते हुए कहा कि पूरी उम्र परिवार को आगे बढाने में सहयोग करने वाले जब अपनों की सांसे थम जा रही हैं, तो उनका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करें, जिससे कि उनकी आत्मा को शांति मिले, इस काम में प्रशासनिक अधिकारी हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं.
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