बक्सर: नारी सशक्तिकरण को लेकर भले ही सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन बेटा-बेटी में फर्क समझने वाले समाज के कुछ लोगों ने इंसानियत को ताक पर रख दिया है. ऐसा ही एक मामला जिले के धनसोई से सामने आया है. जहां सड़क किनारे नवजात बच्ची फेंकी हुई मिली. सड़क से गुजर रहे लोगों ने उसके रोने की आवाजें सुनीं, जिसके बाद मौके पर पहुंच कर लोगों ने देखा तो उनके होश उड़ गए.
चाइल्ड हेल्प लाइन करा रहा इलाज
लोगों ने स्थानीय पुलिस और चाइल्ड हेल्प लाइन को इसकी सूचना दी. जिसके बाद इन दोनों की मदद से नवजात बच्ची को बक्सर सदर अस्पताल के शिशु चिकित्सा वार्ड में भर्ती कराया गया. जिसका इलाज चाइल्ड हेल्प लाइन के अंतर्गत चल रहा है.
बच्चे को फेंकना एक अपराध
चाइल्ड हेल्प लाइन के कर्मचारी प्रबीन कुमार ने बताया कि, ऐसी घटना रोज देखने को मिलती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ऐसी घटनाएं बढ़ने की वजह है कि सरकार के बनाए गए कानून का पालन नहीं किया जा रहा है. बच्चे को फेंकना एक कानूनन अपराध है.
जांच में जुटी पुलिस
नर्स ज्योत्सना कुमारी ने बताया कि अस्पताल में जब बच्ची को लाया गया था. तब उसकी हालत नाजुक थी. लेकिन इलाज के बाद उसकी स्थिति में पहले से काफी सुधार है. हांलाकि ऐसी शर्मनाक हरकत करने वाले बच्ची के माता-पिता का पता नहीं चल पाया है. पुलिस उन्हें खोजने के लिए जांच में जुटी हुई है..