बक्सर: केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के निजी सहायक नारायण ओझा और सिविल सर्जन के बीच का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. मामले पर सफाई देते हुए मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि किसी ने किसी को नहीं धमकाया है. काम का दबाव सभी पर है. जिस तरह अस्पताल कर्मियों पर दबाव है उसी तरह हमारे सहयोगी और कार्यकर्ताओं पर भी है. लेकिन, ऊंचे स्वर में बात करना गलत है. अनुशासन का ख्याल रखना चाहिए.
वहीं, अस्पलात कर्मियों ने मंत्री के पीए पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही ये भी कहा है कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इसको लेकर उन्होंने मंत्री अश्विनी चौबे को ज्ञापन भी सौंपा है.
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क्या था मामला ?
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे एक कार्यक्रम के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे. जहां उनके कार्यक्रम में अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी काला बिल्ला लगाकर पहुंचे थे. जिसका मंत्री के निजी सहायक नारायण ओझा ने विरोध किया. बाद में सहायक नारायण ओझा ने सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण को धमकाया था. जिससे कर्मियों में आक्रोश है. नाराज अस्पताल कर्मियों ने मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को ज्ञापन सौंपकर निजी सहायक पर कार्रवाई करने की मांग की है.
कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं अस्पतालकर्मी
घटना से नाराज अस्पतालकर्मी विजय कुमार ने कहा की निजी सहायक की भाषा के कारण ही यह निर्णय लिया गया है. घटना के विरोध में सभी कर्मचारी काला बिल्ला बांधकर काम करेंगे. उसके बाद भी अगर निजी सहायक पर कार्रवाई नहीं होती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.