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24 से 48 घंटों के अंदर बक्सर में हो सकती है झमाझम बारिश, कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को किया अलर्ट

मौसम विभाग ने बक्सर में मानसून के दस्तक का अनुमान लगाया है. इससे रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालकर रोपनी की तैयारी में जुटे किसानों को लाभ मिलेगा.

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Published : Jun 17, 2020, 12:18 PM IST

फाइल फोटो
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बक्सर: रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालकर रोपनी करने की तैयारी में जुटे किसानों के लिए अच्छी खबर है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 से 48 घंटों के अंदर जिला में मानसून दस्तक देगा. मानसून आने के साथ ही जिले में 3 से 4 दिनों तक झमाझम बारिश होने की संभावना है.

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लहलहाते खेत की तस्वीर

बक्सर में मानसून के आगमन को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रामकेवल ने कहा कि बुधवार को हुई बारिश प्री-मानसून की बारिश है. अगले दो दिनों के भीतर भारी बारिश होगी. ऐसे में जो भी किसान रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालकर रोपनी करने की तैयारी कर रहे हैं, वह अपने खेतों के मेढ़ को ठीक कर लें क्योंकि यह बारिश उनके लिए काफी लाभदायक होगी.

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मौसम वैज्ञानिक ने दी जानकारी

पॉल्यूशन कम होने से भी मिलेगा फायदा
साथ ही कृषि वैज्ञानिक रामकेवल ने कहा कि इस बार वातावरण में पॉल्यूशन कम होने के कारण खरीफ फसल के लिए समय-समय पर बारिश होगी, जिससे उत्पादन भी बढ़ेगा. गौरतलब है कि रोहिणी नक्षत्र में ही अधिकांश किसानों ने धान का बिचड़ा डाल दिया था. लेकिन, टिड्डियों ने अधिकांश किसानों के धान के बिचड़े को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. जिसके बाद परेशान किसान आर्द्रा नक्षत्र में दूसरी बार धान का बिचड़ा डालने की तैयारी में लगे हुए हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

बक्सर: रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालकर रोपनी करने की तैयारी में जुटे किसानों के लिए अच्छी खबर है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 से 48 घंटों के अंदर जिला में मानसून दस्तक देगा. मानसून आने के साथ ही जिले में 3 से 4 दिनों तक झमाझम बारिश होने की संभावना है.

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बक्सर में मानसून के आगमन को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रामकेवल ने कहा कि बुधवार को हुई बारिश प्री-मानसून की बारिश है. अगले दो दिनों के भीतर भारी बारिश होगी. ऐसे में जो भी किसान रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालकर रोपनी करने की तैयारी कर रहे हैं, वह अपने खेतों के मेढ़ को ठीक कर लें क्योंकि यह बारिश उनके लिए काफी लाभदायक होगी.

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पॉल्यूशन कम होने से भी मिलेगा फायदा
साथ ही कृषि वैज्ञानिक रामकेवल ने कहा कि इस बार वातावरण में पॉल्यूशन कम होने के कारण खरीफ फसल के लिए समय-समय पर बारिश होगी, जिससे उत्पादन भी बढ़ेगा. गौरतलब है कि रोहिणी नक्षत्र में ही अधिकांश किसानों ने धान का बिचड़ा डाल दिया था. लेकिन, टिड्डियों ने अधिकांश किसानों के धान के बिचड़े को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. जिसके बाद परेशान किसान आर्द्रा नक्षत्र में दूसरी बार धान का बिचड़ा डालने की तैयारी में लगे हुए हैं.

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