बक्सर: जिले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के तरफ से चलाए जा रहे स्वच्छता मिशन अभियान का मजाक उड़ाया जा रहा है. लाखों रुपये की लागत से बनाए गए सार्वजनिक शौचालय सह स्नान घरों में साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. इन सभी स्थानों के लिए केवल एक सुपरवाइजर और एक सफाई कर्मी नियुक्त किया गया है.
सार्वजनिक शौचालय का हाल बेहाल
दरअसल, बिहार को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार के तरफ से लोहिया स्वच्छता मिशन चलाया जा रहा है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र में भूमिहीनों और फुटपाथी लोगों के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक शौचालय सह स्नानागार का निर्माण कराया गया. लेकिन शहर के बीचों-बीच वीरकुंवर सिंह चौक पर नगरपरिषद के द्वारा लाखों रुपये की लागत से बने सार्वजनिक शौचालय सह स्नानागार अपने बेबसी की आंसू बहा रहा है.
साफ-सफाई की नहीं है कोई व्यवस्था
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर परिषद के तरफ से इन शौचायों और स्नानघरों की साफ-सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. नगर परिषद के एक सफाईकर्मी यहां साफ-सफाई के लिए नहीं आते हैं.
क्या कहते हैं नगर प्रबंधक
वहीं, इस मामले को लेकर नगर परिषद के नगर प्रबंधक असगर अल्ली ने कहा कि जिस सार्वजनिक शौचालय को लेकर सवाल उठाया जा रहा है, उसके लिए स्पेशल सुपरवाईजर और एक सफाईकर्मी को नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि उस शौचालय की साफ-सफाई का वो बराबर ध्यान रखते हैं. उसके बाद भी अगर यहां गंदगी पाई जाएगी तो उसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कर्रवाई की जाएगी.