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बक्सर में 6 लोगों की संदिग्ध मौत के मामले पर भड़के होम्योपैथिक डॉक्टर, बदनाम करने का लगाया आरोप - ईटीवी न्यूज

डुमराव अनुमंडल के आमसारी गांव में 27 जनवरी को जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की संदिग्ध मौत (6 people suspected death in Buxar) के मामले को लेकर होम्योपैथिक डॉक्टर भड़क गये हैं. उनका आरोप है कि होम्योपैथ को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. पढ़ें पूरी खबर.

होमियोपैथिक डॉक्टर
होमियोपैथिक डॉक्टर
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Published : Jan 30, 2022, 5:59 PM IST

बक्सर: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Ban in Bihar) लागू होने के 5 साल 9 महीने से अधिक का समय गुजर गया है. उसके बाद भी सरकार एवं प्रशासनिक अधिकारी इस कानून को जमीन पर उतारने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से प्रतिदिन शराब की बरामदगी (Liquor Seizure in Bihar) हो रही है. जहरीली शराब के सेवन से लोगों मौत भी हो रही है. हर बार प्रशासनिक अधिकारी अपनी साख बचाने के लिए कभी बीमारी तो कभी ठंड को मौत की वजह बताकर पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं.

बिहार के गोपालगंज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा, सारण के बाद बक्सर में जहरीली शराब से हुई मौत (suspected death in Buxar) के बाद आज चौथे दिन पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. जिला प्रशासन के अधिकारी व्हाइट जहरीली केमिकल से मौत होने की बात कह रहे हैं तो कोई होम्योपैथिक दवा में इस्तेमाल होने वाले केमिकल को वजह बता रहा है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: सबसे ज्यादा शराब का कारोबार भाजपा के नेता ही कराते हैं: पप्पू यादव

बिहार के बक्सर जिले के डुमराव अनुमंडल अंतर्गत आमसारी गांव में 27 जनवरी को जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है. उस समय दावा किया गया था कि मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि होम्योपैथिक दवाओं में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से हुई है. इसके चलते होम्योपैथिक डॉक्टर भड़क गये हैं. उनका कहना है कि होमियोपैथ को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. इथाइल अल्कोहल किसी भी व्यक्ति की जान नहीं ले सकता.

जहरीली शराब से हुई मौत के बाद घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे जिला अधिकारी अमन समीर ने 27 जनवरी को कहा था कि जहरीली शराब से नहीं किसी व्हाइट केमिकल का इस्तेमाल करने से इन लोगों की मौत होने की संभावना है. घटनास्थल पर खाली पड़े केमिकल की शीशी इस बात की गवाही दे रही है. फॉरेंसिक लैब में जांच होने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा. वहीं, कुछ लोग होम्योपैथिक दवा में इस्तेमाल होने वाले केमिकल को इस मौत का वजह बता रहे हैं. होम्योपैथिक चिकित्सकों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शराब माफियाओं के साथ ही साथ अपनी सांख को बचाने के लिए अधिकारी अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: बक्सर जहरीली शराब कांड मामले में छठी मौत, अस्पताल में भर्ती एक और शिक्षक ने तोड़ा दम

क्या कहते हैं होम्योपैथिक चिकित्सक
जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत होने के बाद आ रहे अलग-अलग बयानों को लेकर होम्योपैथिक चिकित्सकों ने सामूहिक रूप से प्रेस वार्ता कर कहा कि जब कोरोना काल में सभी लोगों हाथ खड़े कर लिए थे तब यही होम्योपैथिक दवा लोगों के लिए वरदान साबित हुई. आज उसी होम्योपैथी को बदनाम कर कुछ लोग अपनी साख बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

वह भूल रहे है कि होम्योपैथी में जिस इथाइल अल्कोहल का प्रयोग होता है, वह प्राणघातक नहीं है. उसका अधिक सेवन हो जाने के बाद भी सिर में दर्द और उल्टी तो होती है लेकिन मरीज फिर अपनी पुनः अवस्था में वापस आ जाता है. गौरतलब है कि आमसारी गांव में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद अब सियासत शुरू हो गयी है. पूर्व सांसद पप्पू यादव के बाद आज लोजपा सांसद चिराग पासवान उस गांव में पहुंचे थे और पीड़ित परिजनों से मुलाकात की थी.

ये भी पढ़ें: पीड़ित लड़की को इंसाफ का इंतजार, कहा- 3 महीने बाद भी न कोई देखने आया और न ही दोषी पकड़े गए

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बक्सर: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Ban in Bihar) लागू होने के 5 साल 9 महीने से अधिक का समय गुजर गया है. उसके बाद भी सरकार एवं प्रशासनिक अधिकारी इस कानून को जमीन पर उतारने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से प्रतिदिन शराब की बरामदगी (Liquor Seizure in Bihar) हो रही है. जहरीली शराब के सेवन से लोगों मौत भी हो रही है. हर बार प्रशासनिक अधिकारी अपनी साख बचाने के लिए कभी बीमारी तो कभी ठंड को मौत की वजह बताकर पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं.

बिहार के गोपालगंज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा, सारण के बाद बक्सर में जहरीली शराब से हुई मौत (suspected death in Buxar) के बाद आज चौथे दिन पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. जिला प्रशासन के अधिकारी व्हाइट जहरीली केमिकल से मौत होने की बात कह रहे हैं तो कोई होम्योपैथिक दवा में इस्तेमाल होने वाले केमिकल को वजह बता रहा है.

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बिहार के बक्सर जिले के डुमराव अनुमंडल अंतर्गत आमसारी गांव में 27 जनवरी को जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है. उस समय दावा किया गया था कि मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि होम्योपैथिक दवाओं में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से हुई है. इसके चलते होम्योपैथिक डॉक्टर भड़क गये हैं. उनका कहना है कि होमियोपैथ को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. इथाइल अल्कोहल किसी भी व्यक्ति की जान नहीं ले सकता.

जहरीली शराब से हुई मौत के बाद घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे जिला अधिकारी अमन समीर ने 27 जनवरी को कहा था कि जहरीली शराब से नहीं किसी व्हाइट केमिकल का इस्तेमाल करने से इन लोगों की मौत होने की संभावना है. घटनास्थल पर खाली पड़े केमिकल की शीशी इस बात की गवाही दे रही है. फॉरेंसिक लैब में जांच होने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा. वहीं, कुछ लोग होम्योपैथिक दवा में इस्तेमाल होने वाले केमिकल को इस मौत का वजह बता रहे हैं. होम्योपैथिक चिकित्सकों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शराब माफियाओं के साथ ही साथ अपनी सांख को बचाने के लिए अधिकारी अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.

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क्या कहते हैं होम्योपैथिक चिकित्सक
जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत होने के बाद आ रहे अलग-अलग बयानों को लेकर होम्योपैथिक चिकित्सकों ने सामूहिक रूप से प्रेस वार्ता कर कहा कि जब कोरोना काल में सभी लोगों हाथ खड़े कर लिए थे तब यही होम्योपैथिक दवा लोगों के लिए वरदान साबित हुई. आज उसी होम्योपैथी को बदनाम कर कुछ लोग अपनी साख बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

वह भूल रहे है कि होम्योपैथी में जिस इथाइल अल्कोहल का प्रयोग होता है, वह प्राणघातक नहीं है. उसका अधिक सेवन हो जाने के बाद भी सिर में दर्द और उल्टी तो होती है लेकिन मरीज फिर अपनी पुनः अवस्था में वापस आ जाता है. गौरतलब है कि आमसारी गांव में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद अब सियासत शुरू हो गयी है. पूर्व सांसद पप्पू यादव के बाद आज लोजपा सांसद चिराग पासवान उस गांव में पहुंचे थे और पीड़ित परिजनों से मुलाकात की थी.

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