ETV Bharat / state

भोजपुरी गायक गोपाल राय ईटीवी भारत पर छठ गीत गाकर बोले- इसकी धुन में अलग ही भाव होता

लोक आस्था के महापर्व छठ को अब कुछ ही दिन बचे हैं. छठी मइया के गीतों (chhath maiya songs) से पूरा प्रदेश गुंजायमान है. छठ गीत की धुन में एक अलग ही भाव होता है. इन धुनों को सुनते ही छठ मैया के प्रति आस्था का भाव अनायास ही पैदा होने लगता है. छठ पूजा के पावन अवसर पर ETV भारत ने भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गायक और अभिनेता गोपाल राय से खास बातचीत की. इस दौरान भोजपुरी स्टार ने ETV भारत के दर्शकों के लिए कुछ पसंदीदा छठ गीत भी गाये.

भोजपुरी गायक गोपाल
भोजपुरी गायक गोपाल
author img

By

Published : Oct 26, 2022, 6:40 PM IST

बक्सर: छठी मइया के गीतों (chhath maiya songs) से पूरा प्रदेश गुंजायमान है. भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गायक और अभिनेता गोपाल राय ने कहा कि छठ पूजा (Chhath Puja) के गीतों की अपना एक अलग ही पहचान है. इन गीतों की धुनों में भरपूर आस्था होती है. गीत संगीत में इतना बदलाव होने के वावजूद आज भी पारम्परिक गीतों का कोई जवाब नहीं है. गोपाल राय ने गीत कांच ही बांस के बहंगिया, बहँगी लचकत जाय, गाकर सुनाया.

इसे भी पढ़ेंः CM नीतीश ने सड़क मार्ग से किया छठ घाटों का निरीक्षण, स्टीमर के पीलर से टकराने की घटना का चोट भी दिखाया

बाजार में छठ पूजा को लेकर बढ़ी भीड़ः गौरतलब है कि बिहार में गंगा किनारे बसे शहर और गांवों में लोग छठ मैया को गंगा घाट पर ही अर्ध्य देते हैं. इस कारण प्रशासन की ओर से भी गंगा घाटों पर खास व्यवस्था की जाती है. प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर छठ घाटों को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. बाहर रहकर नौकरी और पढ़ाई करने वाले लोगों के घर पहुंचते ही घाटों पर निर्माण कार्य और तैयारियों में भी तेजी आ गई है. अब घाटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा तालाब, आहर, पोखरों व छोटी नदियों के किनारे भी छठ पूजा की जाती है. यहां भी ग्रामीण अपने स्तर पर छठ घाटों की साफ-सफाई और सजाने के काम को अंतिम रूप से अमली जामा पहना रहे हैं. सूबे के छोटे बड़े शहरों की बाजारों में छठ पूजा को लेकर अचानक से भीड़ बढ़ गई है.

इसे भी पढ़ेंः Chhath Puja 2022: पटना DM ने किया छठ घाटों का निरीक्षण, सुरक्षा को लेकर दिए आदेश

"छठ पूजा के गीतों की अपना एक अलग ही पहचान है. इन गीतों की धुनों में भरपूर आस्था होती है. गीत संगीत में इतना बदलाव होने के वावजूद आज भी पारम्परिक गीतों का कोई जवाब नहीं है"-गोपाल राय, भोजपुरी गायक सह अभिनेता

28 अक्टूबर को नहाय खाय: दिवाली खत्म होते ही छठ पूजा की सामग्रियों की दुकानें सज गई हैं. लोग गेहूं, गुड़, फल, कद्दू, घी, दूध आदि पूजा सामग्री की खरीददारी समय रहते कर रहे हैं. पर्व और नजदीक हो जाने से बाजार में भीड़ भी काफी बढ़ जाती है. पूजा सामग्री की कीमत भी आसमान छूने लगती है. यही कारण है कि जब जिसे मौका मिल रहा है, दिवाली के बाद खरीदारी का काम खत्म कर ले रहे हैं. बता दें कि चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का यह महापर्व 28 अक्टूबर को नहाय खाय से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर को सुबह के अर्घ्य के साथ समाप्त होगा.

बक्सर: छठी मइया के गीतों (chhath maiya songs) से पूरा प्रदेश गुंजायमान है. भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गायक और अभिनेता गोपाल राय ने कहा कि छठ पूजा (Chhath Puja) के गीतों की अपना एक अलग ही पहचान है. इन गीतों की धुनों में भरपूर आस्था होती है. गीत संगीत में इतना बदलाव होने के वावजूद आज भी पारम्परिक गीतों का कोई जवाब नहीं है. गोपाल राय ने गीत कांच ही बांस के बहंगिया, बहँगी लचकत जाय, गाकर सुनाया.

इसे भी पढ़ेंः CM नीतीश ने सड़क मार्ग से किया छठ घाटों का निरीक्षण, स्टीमर के पीलर से टकराने की घटना का चोट भी दिखाया

बाजार में छठ पूजा को लेकर बढ़ी भीड़ः गौरतलब है कि बिहार में गंगा किनारे बसे शहर और गांवों में लोग छठ मैया को गंगा घाट पर ही अर्ध्य देते हैं. इस कारण प्रशासन की ओर से भी गंगा घाटों पर खास व्यवस्था की जाती है. प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर छठ घाटों को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. बाहर रहकर नौकरी और पढ़ाई करने वाले लोगों के घर पहुंचते ही घाटों पर निर्माण कार्य और तैयारियों में भी तेजी आ गई है. अब घाटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा तालाब, आहर, पोखरों व छोटी नदियों के किनारे भी छठ पूजा की जाती है. यहां भी ग्रामीण अपने स्तर पर छठ घाटों की साफ-सफाई और सजाने के काम को अंतिम रूप से अमली जामा पहना रहे हैं. सूबे के छोटे बड़े शहरों की बाजारों में छठ पूजा को लेकर अचानक से भीड़ बढ़ गई है.

इसे भी पढ़ेंः Chhath Puja 2022: पटना DM ने किया छठ घाटों का निरीक्षण, सुरक्षा को लेकर दिए आदेश

"छठ पूजा के गीतों की अपना एक अलग ही पहचान है. इन गीतों की धुनों में भरपूर आस्था होती है. गीत संगीत में इतना बदलाव होने के वावजूद आज भी पारम्परिक गीतों का कोई जवाब नहीं है"-गोपाल राय, भोजपुरी गायक सह अभिनेता

28 अक्टूबर को नहाय खाय: दिवाली खत्म होते ही छठ पूजा की सामग्रियों की दुकानें सज गई हैं. लोग गेहूं, गुड़, फल, कद्दू, घी, दूध आदि पूजा सामग्री की खरीददारी समय रहते कर रहे हैं. पर्व और नजदीक हो जाने से बाजार में भीड़ भी काफी बढ़ जाती है. पूजा सामग्री की कीमत भी आसमान छूने लगती है. यही कारण है कि जब जिसे मौका मिल रहा है, दिवाली के बाद खरीदारी का काम खत्म कर ले रहे हैं. बता दें कि चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का यह महापर्व 28 अक्टूबर को नहाय खाय से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर को सुबह के अर्घ्य के साथ समाप्त होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.