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बक्सर: किसानों की योजना में फर्जीवाड़े ने पकड़ा तूल, विधायक बोले- विधानसभा में उठाउंगा मामला

बीज अनुदान की झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाने वाले वायरल वीडियो को ईटीवी भारत ने 10 मई को प्रमुखता से दिखाया था. इसके बाद किसानों के आक्रोश को शांत करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ने अपने खिलाफ जांच के लिए खुद ही तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी.

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मुन्ना तिवारी, विधायक
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Published : May 16, 2020, 3:10 PM IST

बक्सरः जिला कृषि कार्यालय और डीलरों की मिलीभगत से जिले में लंबे समय से किसानों की योजनाओं में फर्जीवाड़ा हो रहा है. मामला उजागर होने के बाद जांच के नाम पर छोटे कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जाता है. इस सिलसिले में बक्सर विधायक मुन्ना तिवारी ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा.

वीडियो वायरल के बाद उजागर हुआ मामला
दरअसल योजनाओं में फर्जीवाड़े की जानकारी तब हुई जब जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि समन्वयक रामपुकार तिवारी पर बीज अनुदान की झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाने और उसका वीडियो वायरल हो गया. बीज अनुदान की झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाने वाले वायरल वीडियो को इटीवी भारत ने 10 मई को प्रमुखता से दिखाया था. इसके बाद किसानों के आक्रोश को शांत करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ने अपने खिलाफ जांच के लिए खुद ही तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी.

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मामले से संबंधित जानकारी की छाया प्रति

किसानों एवं जनप्रतिनधियो में है आक्रोश
बीज अनुदान मामले में फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाने वाला वीडियो वायरल होने के बाद जिला के किसानों एवं जनप्रतिनिधियों में काफी नाराजगी है. पंचायत के मुखिया, प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद के सदस्यों ने विभागीय पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कृषि समन्वयक रामपुकार तिवारी को ईमानदार और बेकसूर बताया है.

ये भी पढ़ेंः 'मखाना की ब्रांडिंग बिहार के लिए वरदान, दूर होगी किसानों की बदहाली'

मुन्ना तिवारी ने की निष्पक्ष जांच की मांग
वहीं, इस मामले में बक्सर विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी पर पहले से ही ढाईचा घास बीज घोटाला, अरहर घोटाला का आरोप लगा हुआ है. उसके बाद बीज अनुदान का वीडियो वायरल हो गया है. उन्होंने कहा कि अब जिलाधिकारी मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पर कार्रवाई करें. साथ ही मानसून सत्र के दौरान इस मामले को विधानसभा में भी उठाया जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिला कृषि पदाधिकारी पर है कई आरोप
गौरतलब है कि पिछले 2 सालों से जिला कृषि पदाधिकारी अपने दबंग अंदाज के लिए जिला में काफी चर्चित हैं. जो भी इनके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, पहले उसे एफआईआर की धमकी देते हैं. कुछ इसी तरह की धमकी वह कृषि समन्वयक रामपुकार तिवारी को भी दे रहे हैं. जिसका वीडियो वायरल हो गया है. हालांकि जिला कृषि पदाधिकारी पर पहले से 700 क्विंटल ढाईचा और 300 क्विंटल अरहर बीज घोटाले का आरोप है, जिसकी जांच डीडीसी अरविंद कुमार कर रहे हैं.

बक्सरः जिला कृषि कार्यालय और डीलरों की मिलीभगत से जिले में लंबे समय से किसानों की योजनाओं में फर्जीवाड़ा हो रहा है. मामला उजागर होने के बाद जांच के नाम पर छोटे कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जाता है. इस सिलसिले में बक्सर विधायक मुन्ना तिवारी ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा.

वीडियो वायरल के बाद उजागर हुआ मामला
दरअसल योजनाओं में फर्जीवाड़े की जानकारी तब हुई जब जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि समन्वयक रामपुकार तिवारी पर बीज अनुदान की झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाने और उसका वीडियो वायरल हो गया. बीज अनुदान की झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाने वाले वायरल वीडियो को इटीवी भारत ने 10 मई को प्रमुखता से दिखाया था. इसके बाद किसानों के आक्रोश को शांत करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ने अपने खिलाफ जांच के लिए खुद ही तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी.

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मामले से संबंधित जानकारी की छाया प्रति

किसानों एवं जनप्रतिनधियो में है आक्रोश
बीज अनुदान मामले में फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाने वाला वीडियो वायरल होने के बाद जिला के किसानों एवं जनप्रतिनिधियों में काफी नाराजगी है. पंचायत के मुखिया, प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद के सदस्यों ने विभागीय पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कृषि समन्वयक रामपुकार तिवारी को ईमानदार और बेकसूर बताया है.

ये भी पढ़ेंः 'मखाना की ब्रांडिंग बिहार के लिए वरदान, दूर होगी किसानों की बदहाली'

मुन्ना तिवारी ने की निष्पक्ष जांच की मांग
वहीं, इस मामले में बक्सर विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी पर पहले से ही ढाईचा घास बीज घोटाला, अरहर घोटाला का आरोप लगा हुआ है. उसके बाद बीज अनुदान का वीडियो वायरल हो गया है. उन्होंने कहा कि अब जिलाधिकारी मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पर कार्रवाई करें. साथ ही मानसून सत्र के दौरान इस मामले को विधानसभा में भी उठाया जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिला कृषि पदाधिकारी पर है कई आरोप
गौरतलब है कि पिछले 2 सालों से जिला कृषि पदाधिकारी अपने दबंग अंदाज के लिए जिला में काफी चर्चित हैं. जो भी इनके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, पहले उसे एफआईआर की धमकी देते हैं. कुछ इसी तरह की धमकी वह कृषि समन्वयक रामपुकार तिवारी को भी दे रहे हैं. जिसका वीडियो वायरल हो गया है. हालांकि जिला कृषि पदाधिकारी पर पहले से 700 क्विंटल ढाईचा और 300 क्विंटल अरहर बीज घोटाले का आरोप है, जिसकी जांच डीडीसी अरविंद कुमार कर रहे हैं.

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